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रबड़मैन या बिना हड्डी का, इसके करतब देख चौक जाएंगे आप भी

लुधियाना का जसप्रीत सिंह अपने धड़ को भी वह आगे और पीछे की ओर 180 डिग्री पर मोड़ सकता है।वह बाहों को 360 डिग्री तक घुमा लेता है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 26 Jul 2018 01:41 PM (IST)Updated: Sat, 28 Jul 2018 08:47 PM (IST)
रबड़मैन या बिना हड्डी का, इसके करतब देख चौक जाएंगे आप भी
रबड़मैन या बिना हड्डी का, इसके करतब देख चौक जाएंगे आप भी

जालंधर [वंदना वालिया बाली]। वह सीधा खड़ा रह कर भी अपने पीछे देख सकता है... कैसे? अपनी गर्दन को 180 डिग्री पर घुमाकर। यही नहीं, अपने धड़ को भी वह आगे और पीछे की ओर 180 डिग्री पर मोड़ सकता है।वह बाहों को 360 डिग्री तक घुमा लेता है। उसका लचीलापन देख कर मन में एक ही सवाल आता है... इसके शरीर में हड्डियां हैं या रबड़? इसीलिए तो जसप्रीत सिंह कालरा का नाम ही पड़ गया है 'रबड़ मैन'। वह अब एक 'कोनटोर्शनिस्ट' (अपने लचीले शरीर को विभिन्न आकार देकर करतब दिखाने वाला) बन चुका है।

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लुधियाना के एक मध्यमवर्गीय परिवार का यह होनहार मात्र 18 साल की उम्र में चार विश्व रिकार्ड और चार राष्ट्रीय रिकार्ड बनाने के साथ भारत का सबसे लचीला (फ्लेक्सिबल) और विश्व का सबसे कम उम्र का इतना फ्लेक्सिबल पुरुष घोषित किया जा चुका है। पुरुषों में विश्वभर में जसप्रीत से ज्यादा लचीला केवल डेनियल ब्राउनिंग स्मिथ को माना जाता है। इन्हीं को वह अपनी प्रेरणा मानता है और इन्हीं की विडीयोज़ यू-ट्यूब पर देख-देख कर अधिकांश कोनटोर्शन्स (करतब) सीखे हैं जसप्रीत ने। इसके अलावा उसने कोनटोर्शनिस्ट बनने के लिए कोई औपचारिक शिक्षा नहीं ली है।

लुधियाना के शास्त्रीनगर स्थित बीसीएम आर्य मॉडल स्कूल से 91 प्रतिशत अंक हासिल कर बारहवीं पास करने वाला जसप्रीत इन दिनों कनाडा में बिजनेस की पढ़ाई कर रहा है। पढ़ाई के बाद वह भारत लौटने का इरादा रखता है।

मात्र छह साल पहले पता चला अपना हुनर

अपनी मेहनत के बल पर विश्वभर में ख्याति पाने वाले जसप्रीत को 12 साल की उम्र तक पता भी नहीं था कि उसमें यह अनूठा हुनर है। बल्कि वह सोचता था कि जरूरत से ज्यादा दुबला होने के कारण कुछ विशेष नहीं कर पाएगा। वह बताता है कि कक्षा में योग टीचर संदीप कौर ने जब उसका चयन योग प्रतियोगिता के लिए किया तो बड़ी आसानी से वह सभी कठिन आसन भी कर पाया।

उसकी फ्लेक्सिबिलिटी देखकर टीचर विपुल बुद्धिराजा ने भी उसे प्रोत्साहित किया व इस क्षेत्र में अधिक मेहनत करने की सलाह दी। उसने ऐसा ही किया और 14 साल की उम्र में ही कोनटोर्शनिस्ट बनकर एक के बाद एक रिकार्ड अपने नाम करने लगा। वह प्रतिदिन कम से कम ढ़ाई घंटे का अभ्यास करता है। कभी-कभी तो एक दिन में दो सेशन भी लगाता है। उसके अनुसार शरीर को विभिन्न तरह से मोडऩे से पहले उसे अनिवार्य रूप से कुछ देर व्यायाम कर के वार्म-अप करना पड़ता है।

परिवार में कोई अन्य नहीं इतना फ्लेक्सिबल

जसप्रीत का कहना है, 'परिवार में कोई भी ऐसा फ्लेक्सिबल नहीं है। न ही कोई किसी तरह की स्पोट्र्स में है। परिवार में दादा तरलोचन सिंह व पिता हरविंदर सिंह सेल्समैन हैैं और मां सुरिंदर कौर गृहिणी हैं। बहनें अनमोलप्रीत कौर तथा रुपिंदरजीत कौर हैं।

मेहनत बनाती है असंभव को संभव

अपने हुनर को मेहनत से तराशने वाला जसप्रीत सिंह कहता है कि दृढ़ इरादे के दम पर कुछ भी हासिल किया जा सकता है। इसके लिए आपको मेहनत करते रहना होगा और एक विश्वास खुद पर रखना जरूरी है। अपनी सुनहरी तकदीर लिखने के लिए कड़ी मेहनत की स्याही का इस्तेमाल करना जरूरी है। इसी से असंभव भी संभव हो जाता है। शायरी का शौक रखने वाले जसप्रीत सिंह कालरा अपनी लिखी पंजाबी पंक्तियों में इस बात को बखूबी कहता हैै...

'कलम-कलम विच फरक नहीं

फरक बंदे दी श्याही दा

जिन्नी गूढ़ी ओ प्रीत पावे

ओ रंग निकले उसदी लाही दा...'

भविष्य की योजनाएं

500 घंटे के प्रमाण पत्र के साथ जसप्रीत कालरा योग टीचर बन चुका है। कहता है कि 'अब मैं योग के नए स्टाइल इजाद करने में लगा हूं, ताकि उन लोगों को फायदा पहुंच सके, जिनके पास कसरत करने का समय बहुत कम है। मैं एक दिन अपना योग स्टूडियो चलाने का सपना देखता हूं। साथ ही कोनटोर्शन की ट्रेनिंग भी लोगों को दूंगा। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र का हेल्थ अबैसेडर बनना चाहता हूं। साथ ही नशे के विरुद्ध अभियान चला कर युवाओं को पथभ्रष्ट होने से रोकना चाहता हूं।'

योग व कोनटोर्शन में अंतर स्पष्ट करते हुए जसप्रीत का कहना है कि योग में व्यक्ति की मानसिक अवस्था तथा शरीर का बुनियादी लचीलापन सुधरता है। दूसरी ओर कोनटोर्शन उस लचीलेपन को अगले स्तर पर ले जाते हुए मांसपेशियों तथा शरीर के  जोड़ों को अत्यधिक लचीला बनाना होता है, ताकि मनचाही दिशा में उन्हें मोड़ना संभव हो। इसके लिए मैं न तो कोई विशेष डायट लेता हूं और अपने शरीर के अनुसार स्वयं ही विशेष व्यायाम करता हूं नियमित रूप से।

अब गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड बनाने पर है नजर

जसप्रीत सिंह कालरा विश्व का सर्वश्रेष्ठ कोनटोर्शनिस्ट बनना चाहता है और इन दिनों गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज करवाने के लिए प्रयासरत है। वह बताता है कि इसके लिए एक सफल प्रयास  कर चुका है लेकिन औपचारिक घोषणा बाकी है। 20 मीटर की दूरी कोनटोर्शन में उसने 13.39 सैकेंड में पूरी की है, जबकि पहले यह रिकार्ड 19 सैकेंड का था।

प्रमुख उपलब्धियां

  • लिमका बुक ऑफ  रिकाड्र्स द्वारा 'बोनलेस मैैन ऑफ इंडिया'।
  • इंडिया बुक ऑफ रिकाड्र्स द्वारा 'रबड़ मैैन ऑफ इंडिया' ।
  • लिम्का बुक ऑफ रिकाड्र्स तथा  इंडिया बुक ऑफ रिकाड्र्स  में 180 डिग्र्री पर धड़ को मोड़ कर एक मिनट में सबसे अधिक पुशअप लगाने का रिकार्ड दर्ज।
  • असिस्ट वर्ल्ड रिकाड्र्स द्वारा 'मोस्ट फ्लेक्सिबल मैन इन द वर्ल्ड' घोषित किया।
  • यूनीक वर्ल्ड रिकाड्र्स द्वारा 'वर्ल्ड यंगेस्ट फ्लेक्सिबल ब्वाय' का टाइटल मिला।
  • यूनिवर्सल रिकार्ड फोरम द्वारा रिकार्ड आइकन 2016
  • मिरैकल्स वर्ल्ड रिकाड्र्स द्वारा 'रबड़ मैन' घोषित।
  • यूआरएफ एशियन रिकाड्र्स में 'द रबड़ मैन' के रूप में नाम शामिल।
  • 'द स्ट्रेंज लिस्ट' में विश्व में पांचवे सबसे फ्लेक्सिबल व्यक्ति
  • विश्व के सबसे कम उम्र के कोनटोर्शनिस्ट

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