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स्मार्ट सिटी में खरीदी जाएंगी रोड स्वीपिंग मशीनें, नवंबर से फिर दिख सकती हैं सड़कों पर

नवंबर से एक बार फिर रोड स्वी¨पग मशीनें शहर की सड़कों की सफाई करतीं नजर आ सकती हैं। चंडीगढ़ में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में रोड स्वी¨पग प्रोजेक्ट को स्मार्ट सिटी में शामिल कर लिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 08:54 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 08:54 PM (IST)
स्मार्ट सिटी में खरीदी जाएंगी रोड स्वीपिंग मशीनें, नवंबर से फिर दिख सकती हैं सड़कों पर

जागरण संवाददाता, जालंधर : नवंबर से एक बार फिर रोड स्वी¨पग मशीनें शहर की सड़कों की सफाई करती दिख सकती हैं। गत मंगलवार को चंडीगढ़ में हुई बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में रोड स्वी¨पग प्रोजेक्ट को स्मार्ट सिटी में शामिल करने पर मुहर लगा दी गई है। स्मार्ट सिटी टीम के सूत्रों ने बताया कि स्मार्ट सिटी में रोड स्वी¨पग प्रोजेक्ट को शामिल करने और निगम के साथ हुए एक निजी कंपनी के कांट्रैक्ट का आपस में कोई लेना-देना नहीं है। बताया जा रहा है कि सरकार अपनी रोड स्वी¨पग मशीनें खरीदेगी। किसी कंपनी से कांट्रेक्ट कर किराये पर नहीं लेगी।

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इधर, स्मार्ट सिटी के सीईओ विशेष सारंगल ने बताया कि शनिवार को इंटीग्रेटिड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आइसीसीसी) के कंट्रोल रूम की बि¨ल्डग बनाने का टेंडर लगा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह कंट्रोल रूम पुलिस लाइंस में बनी डायल 100 की बि¨ल्डग के साथ ही बनाया जाएगा।

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गौरतलब है कि नगर निगम प्रशासन ने लायंस सर्विसेज लिमिटेड से शहर में करीब 50 सड़कों की सफाई मशीनों से कराने का कांट्रैक्ट किया था। इसके तहत कंपनी ने शहर में 2017 में शहर में काम शुरू किया था। मार्च 2018 में मेयर जगदीश राजा ने हाउस की कार्यवाही के दौरान कंपनी के साथ हुए कांट्रेक्ट में बड़े पैमाने पर घोटाला होने की आशंका जताई थी। इसके बाद से प्रोजेक्ट बंद पड़ा है। हालांकि, कंपनी के प्रतिनिधियों का कहना था कि निगम प्रशासन पर कंपनी का चार करोड़ रुपये से अधिक का बकाया हो चुका है। निगम के आर्थिक हालात ऐसे नहीं हैं कि कंपनी का भुगतान किया जा सके। इसके चलते कांट्रेक्ट में घोटाला होने की आशंका जताकर इसे मामले की जांच होने तक रोक दिया गया है।

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आठ पार्कों और 11 चौराहों के विकास के प्रस्ताव पर लटकी तलवार

स्मार्ट सिटी के तहत शहर के आठ पार्को और 11 जंक्शनों के सुंदरीकरण का प्रस्ताव प्रोजेक्ट से बाहर हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक 9.36 करोड़ की लागत से आठ पार्क विकसित किए जाने थे, जबकि 26.41 करोड़ की लागत से 11 चौराहों का विकास किया जाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा छह अन्य पार्को, कैनाल एरिया डेवलपमेंट और तीन फ्लाईओवरों के नीचे ग्रीन एरिया डेवलपमेंट के लिए कुल 16.98 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट भी बनाया गया है। माना जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट पर भी रोक लग सकती है।

स्मार्ट सिटी के सीईओ विशेष सारंगल ने पूछने पर बताया कि इन प्रोजेक्टों के संबंध में फिलहाल कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से इन प्रोजेक्टों पर आगे बढ़ने के लिए ठोस कारण मांगे गए हैं। इस पर काम किया जा रहा है।

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अगर सब कुछ ठीक रहा तो नवंबर में एक बार फिर से रोड स्वी¨पग मशीनें शहर की सड़कों की सफाई करती दिखेंगी।

-दीपर्वा लाकड़ा, कमिश्नर, नगर निगम।

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आज स्मार्ट सिटी स्टडी टूर पर द. कोरिया जाएंगे सारंगल

शनिवार को ही स्मार्ट सिटी सीईओ विशेष सारंगल स्मार्ट सिटी स्टडी टूर पर साउथ कोरिया के लिए रवाना होंगे। उन्होंने बताया कि इस पांच दिवसीय टूर पर उनके साथ स्मार्ट सिटी लुधियाना के सीईओ संयम अग्रवाल और पीएमआईडीसी के प्रोजेक्ट हेड वीपी ¨सह भी जा रहे हैं। व‌र्ल्ड बैंक की ओर से प्रायोजित इस टूर के दौरान तीनों अधिकारी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, आइसीसीसी, ट्रैफिक मैनेजमेंट ौर ट्रांसपोर्ट प्रबंधन के गुर सीखेंगे।


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