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वोटर सूची में संशोधन कार्य की समीक्षा

मंडलायुक्त (डिवीजनल कमिश्नर) बी.पुरूषार्थ ने सोमवार को 7 जिले के डिप्टी कमिश्नरों के साथ बैठक तक वोटर सूची के संशोधन कार्य की समीक्षा की। उन्होंने सभी जिले के डिप्टी कमिश्नरों को हिदायत दी कि नए वोट बनबाने व कटवाने के लिए लोगों को जागरूकत करने के लिए व्यापक स्तर पर मुहिम चलाई जाय,

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 08:39 PM (IST)Updated: Mon, 10 Dec 2018 08:39 PM (IST)
वोटर सूची में संशोधन कार्य की समीक्षा
वोटर सूची में संशोधन कार्य की समीक्षा

जागरण संवाददाता, जालंधर : मंडलायुक्त (डिवीजनल कमिश्नर) बी पुरुषार्थ ने सोमवार को 7 जिले के डिप्टी कमिश्नरों के साथ बैठक तक वोटर सूची के संशोधन कार्य की समीक्षा की। उन्होंने सभी जिले के डिप्टी कमिश्नरों को हिदायत दी कि नए वोट बनवाने व कटवाने के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए व्यापक स्तर पर मुहिम चलाएं ताकि कोई भी योग्य व्यक्ति वोटर सूची में नाम दर्ज होने से वंचित न रहे, साथ ही जो लोग मर चुके हैं, या फिर शिफ्ट कर चुके हैं, उनके नाम वोटर सूची से हटाए जा सकें।

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बैठक में जालंधर, कपूरथला, अमृतसर, तरनतारन, गुरदासपुर, पठानकोट और होशियारपुर के डीसी व राजनीतिक दलों के लोग शामिल हुए। मंडलायुक्त ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को निचले स्तर तक मजबूत बनाने के लिए लोगों को वोट के महत्व के प्रति जागरूक करना जरूरी है।

वोटर सूचियों के चल रहे संशोधन का मुख्य उद्देश्य साल 2019 में होने वाले आम मतदान के लिए 4 जनवरी तक बिना गलती के पूर्ण वोटर सूची को तैयार करने को विश्वसनीय बनाना है। योग्य वोटर को वोटर सूची में शामिल करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं ताकि चार जनवरी को वोटर सूचियों का अंतिम रूप से प्रकाशन किया जा सके।

बैठक में डीसी कपूरथला मोहम्मद तायब, डिप्टी कमिश्नर अमृतसर केएस संघा, डिप्टी कमिशनर होशियारपुर ईशा कालिया, डिप्टी कमिशनर तरनतारन प्रदीप सबरवाल, डिप्टी कमिशनर पठानकोट रामबीर, डिप्टी कमिशनर गुरदासपुर विपलव उज्जवल एवं एडीसी जसबीर ¨सह भी उपस्थित थे। मंडलायुक्त ने राजस्व वसूली पर दिया जोर

मंडलायुक्त ने लंबित रेवेन्यू वसूली पर तेजी लाने पर बल देते हुए कहा कि बकाएदारों के खिलाफ वसूली में सख्त कदम उठाए जाएं। सभी डीसी ये सुनिश्चित करें कि किसी भी राजस्व अधिकारी के अधिकार क्षेत्र में वसूली का एक भी केस लंबित न रहने पाए। जो राजस्व अधिकारी वसूली में फेल होते हैं, उनके नाम उन्हें लिखित में दिए जाएं, ताकि संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जा सके। मंडलायुक्त ने निर्देश दिए कि वे सुनिश्चित करें कि उनके कोर्ट से संबंधित रिकार्ड कमिश्नर कोर्ट में भेजने के लिए प्रोपर चैनल बताएं, ताकि अपील के मामलों में लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े।


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