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सिर्फ 68 लाख की ही रिकवरी कर सके रेवेन्यू अफसर, 38 करोड़ रुपये अब भी बकाया Jalandhar News

पिछले एक महीने में रेवेन्यू अफसर सिर्फ 68 लाख की ही रिकवरी कर सके हैं। यह हालात तब हैं जब राज्य की वित्तीय हालत चिंताजनक हो चुकी है।

By Sat PaulEdited By: Published: Fri, 03 Jan 2020 10:17 AM (IST)Updated: Sat, 04 Jan 2020 09:54 AM (IST)
सिर्फ 68 लाख की ही रिकवरी कर सके रेवेन्यू अफसर, 38 करोड़ रुपये अब भी बकाया Jalandhar News
सिर्फ 68 लाख की ही रिकवरी कर सके रेवेन्यू अफसर, 38 करोड़ रुपये अब भी बकाया Jalandhar News

जालंधर, [मनीष शर्मा]। डिप्टी कमिश्नर द्वारा कार्रवाई की चेतावनी के बावजूद रेवेन्यू अफसर सरकारी राजस्व की रिकवरी में खानापूर्ति कर रहे हैं। रजिस्ट्री करवाते समय कम स्टांप ड्यूटी देने वाले 916 केसों से 38 करोड़ की रिकवरी की जानी है। इसके बावजूद पिछले एक महीने में रेवेन्यू अफसर सिर्फ 68 लाख की ही रिकवरी कर सके हैं। यह हालात तब हैं जब राज्य की वित्तीय हालत चिंताजनक हो चुकी है। डीसी वरिंदर शर्मा और कार्यकारी डीसी कुलवंत सिंह रेवेन्यू अफसरों को सख्त कार्रवाई का डर भी दिखा चुके हैं। फिर भी कोई असर नहीं हो रहा है। 

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राजस्व विभाग के आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि बड़ी रिकवरी की जगह रेवेन्यू अफसर केसों की गिनती को कम करने में लगे हैं। यही वजह है कि सामान्य बकाये वाले कुल 828 केसों में से रिकवरी तो 118 केसों से हो गई, लेकिन रकम सिर्फ 35.42 लाख ही आई। वहीं, कोर्ट से स्टे हुई 88 रजिस्ट्रियों की 19.48 करोड़ की रिकवरी में से महीने में सिर्फ चार केस ही सेटल हो पाए, जिनसे सिर्फ 32.82 लाख की रिकवरी हो सकी है।

स्टांप एक्ट की धारा 48 के तहत बकाया

स्टांप ड्यूटी की यह रिकवरी इंडियन स्टांप एक्ट 1899 के तहत बकाया पड़ी है। दरअसल, रजिस्ट्री करवाते वक्त कई बार लोग गलत कलेक्टर रेट से स्टांप ड्यूटी जमा कराते हैं। इसके बाद रजिस्ट्री तो हो जाती है, लेकिन बाद में रेवेन्यू अफसर को गड़बड़ी लगे तो वो इसका इंतकाल चढऩे से रोक देते हैं। इसके बाद उन्हें धारा 48 ए के तहत नोटिस जारी किया जाता है। छोटे केसों में रिकवरी हो जाती है, लेकिन जहां करोड़ों का फर्क निकलता है, वहां पार्टियां केस कर देती हैं। इसके बाद रेवेन्यू विभाग ढंग से पैरवी नहीं करता क्योंकि इसमें उनके ही कर्मचारियों व अफसरों के फंसने का डर रहता है।

अफसर व कर्मचारी करते हैं सांठ-गांठ

कई मामलों में खुद अफसर या कर्मचारी ही सांठ-गांठ कर स्टांप ड्यूटी चोरी का तरीका बता देते हैं। इसी वजह से केस लटके रहते हैं। अकेले जालंधर जिले में ऐसे 88 केस कोर्ट में चल रहे हैं, जिन पर 19.48 करोड़ की रिकवरी बकाया है। सामान्य रिकवरी के अब 710 केस बकाया रह गए हैं, जिन पर 17.82 करोड़ बकाया है।

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