नमो देव्यै महा देव्यैः महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए डटी हैं रीमा सोनी Jalandhar News
रीमा ने पिछले 10 साल में सैकड़ों महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा किया। उन्होंने नेशनल अर्बन लाइवलीहुड मिशन के तहत महिलाओं के सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाकर उन्हें काम दिया है।
जालंधर, जेएनएन। कभी खुद दूध तक खरीदने को मोहताज रहीं रीमा सोनी ने मजबूत जज्बे की मिसाल पेश की है। बेशक आज भी वह बहुत संपन्न नहीं हैं, लेकिन 250 से ज्यादा परिवारों को आर्थिक रूप से मजबूत कर रही हैं। महिलाओं को उनके पैरों पर खड़ा करने के लिए रीमा सोनी दिन-रात एक कर रही हैं। पिछले 10 साल में रीमा ने सैकड़ों महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा किया और उनके साथ खुद भी खड़ी रही हैं। उन्होंने नगर निगम के जरिए नेशनल अर्बन लाइवलीहुड मिशन के तहत महिलाओं के सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाकर उन्हें काम दिया।
सेल्फ हेल्प ग्रुप के साथ रीमा सोनी।
रीमा सोनी बताती हैं कि वह लम्मा पिंड चौक के पास दुकान में लड़कियों को नि:शुल्क सिलाई सिखा रही हैं और अब जब नगर निगम ने सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाए हैं, तो इसके जरिए वह 19 ग्रुप को अपने साथ जोड़ चुकी हैं। हर ग्रुप में 10 महिलाएं हैं। सभी को काम दे रही हैं। इस ग्रुप से जुड़ी 190 महिलाएं रोजाना 300 से 700 रुपये तक कमा रही हैं। रीमा सोनी का कहना है कि महिलाएं सामान तो बनाती हैं, लेकिन उनके लिए इसे बाजार में बेचना मुश्किल रहता है। इसके लिए निगम ऑफिस में ‘बीबियां दी हट्टी‘ खोली है। वहां कई ग्रुप के बनाए उत्पाद बेच रहे हैं। इस समय फोकस कपड़े के थैले बनाने पर है। पॉलीथिन पर बैन के बाद कपड़े के थैलों की डिमांड बढ़ी है।
रीमा सोनी कहती हैं कि कभी एक समय था कि उनके पास दूध खरीदने के भी पैसे नहीं थे, तब भी हिम्मत नहीं हारी और परिवार के साथ मिलकर जहां खुद को मजबूत किया। वहीं, धीरे-धीरे आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को साथ जोड़ने का काम शुरू किया। जिन महिलाओं के सेल्फ हेल्प ग्रुप नहीं बन पाएं हैं, उनको भी सहयोग दिया जा रहा है। पिछले 3 साल में करीब ढाई सौ महिलाएं साथ जुड़ चुकी हैं।
रीमा सोनी का कहना है कि नगर निगम से मिले सहयोग से यह संभव हुआ है। रीमा कहती हैं कि वह नहीं चाहती कि समाज में कोई दूसरी रीमा सोनी पैदा हो जो दूध खरीदने के लिए भी मोहताज रहे। उन्होंने कहा कि हर महिला को इतना सशक्त होना चाहिए कि वह खुद का खर्च उठा सके।
पर्यावरण संरक्षण पर भी काम
रीमा सोनी ने नगर निगम के साथ मिलकर पर्यावरण संरक्षण के लिए भी काम किया है। इसके तहत पॉलीथिन की बजाय कपड़े के थैले इस्तेमाल करने के लिए जहां कहीं भी जागरूकता अभियान चलाया जाता है वहां रीमा सोनी जरूर मौजूद रहती हैं। इसके अलावा कूड़े से खाद बनाने के छोटे-छोटे प्रोजेक्ट भी लगाए जा रहे हैं। अब तक करीब 300 छोटे प्लांट लगाए हैं। इनमें घर, दुकान और छोटे रेस्टोरेंट शामिल हैं।