जालंधर में रेडक्रॉस सोसाइटी ने हाथ धोने के लिए अलग-अलग स्थानों पर लगाए आठ क्योसक
जिलाधीश घनश्याम थोरी ने कहा कि कोविड-19 से बचाव के लिए हाथ धोना मेडीकल प्रोटोकाल में से एक है। टीबी के मरीजो में कोविड होने का ज्यादा डर रहता है। सही ढंग से हाथ धोने मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाए रखने से कोरोना फैलने से रोका जा सकता है।
जालंधर, जेएनएन। लोगों में लगातार हाथ धोने की आदत बढ़ावा देने के लिए जिला रेडक्रॉस सोसाइटी ने विभिन्न स्थानों पर आठ हाथ धोने के क्योसक लगाए हैं। कोविड-19 और विशेष तौर पर टीबी प्रभावित क्षेत्रों में लोगों में हाथ धोने की आदत बढ़ाने के लिए जिला रेडक्रॉस सोसायटी ने यह कदम उठाया है।
इस बारे में जानकारी देते हुए जिलाधीश घनश्याम थोरी ने कहा कि कोविड-19 से बचाव के लिए हाथ धोना मेडीकल प्रोटोकाल में से एक है। टीबी के मरीज़ों में कोविड होने का ज्यादा डर रहता है। उन्होनें कहा कि सही ढंग से हाथ धोने, मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाई रखने से कोरोना वायरस को फैलने से रोकने में सहायता मिल सकती है और यह क्योसक लोगों को नियमत तौर पर हाथ धोने की सुविधा देगा।
डिप्टी कमिशनर ने बताया कि इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी चंडीगढ़ ने इसके लिए जिले को एक लाख रुपए की राशि जारी की है और टीबी कंट्रोल अधिकारी डॉ. राजीव शर्मा और रेडक्रॉस सोसायटी के सचिव इंद्रदेव सिंह ने एक टीम बनाई है, जिसने इलाकों में क्योसक लगाने की कार्रवाई को अंजाम दिया। उन्होनें कहा कि समिति की सिफारिश पर भारगो कैंप, गांधी कैंप, बस्ती गुजां, बस्ती नौ, कम्युनिटी स्वास्थ्य केंद्र शंकर, तिलक नगर, लाजपत नगर और शहीद बाबू लाभ सिंह सिविल अस्पताल में हाथ धोने के लिए कियोसक लगाए गए हैं।
घनश्याम थोरी ने बताया कि हाथ धोते समय हाथों को गीला कर अच्छी तरह साबुन लगा कर हथेलियों, उंगलियों के बीच, हाथों के पिछली तरफ़ और खास तौर पर नाखुनों के नीचे कम से कम 20 सेकेंड के लिए रगड़ना चाहिए। सहायक कमिशनर हरदीप सिंह और सचिव इंद्रदेव सिंह के नेतृत्व में टीम ने विभिन्न स्थानों का दौरा किया और लोगों को हाथ धोने की महत्ता के बारे में जागरूक किया।
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