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हैनरी के गढ़ में राणा गुरजीत करेंगे एंट्री, ढल्ल बंधुओं के दशहरा आयोजन से बढ़ेगी राजनीतिक हलचल

कैबिनेट मंत्री बनने के बाद राणा गुरजीत सिंह एक बार फिर पुराने तेवर में आने लगे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 07:00 AM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 07:00 AM (IST)
हैनरी के गढ़ में राणा गुरजीत करेंगे एंट्री, ढल्ल बंधुओं के दशहरा आयोजन से बढ़ेगी राजनीतिक हलचल
हैनरी के गढ़ में राणा गुरजीत करेंगे एंट्री, ढल्ल बंधुओं के दशहरा आयोजन से बढ़ेगी राजनीतिक हलचल

जागरण संवाददाता, जालंधर

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कैबिनेट मंत्री बनने के बाद राणा गुरजीत सिंह एक बार फिर पुराने तेवरों में आ गए हैं। सुल्तानपुर लोधी से बेटे को चुनाव लड़ाने की तैयारी करवाने को लेकर चर्चा में आए राणा गुरजीत अब जालंधर के नार्थ हलके में दखल बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने इसके लिए दशहरा उत्सव को चुना है। ढन्न मोहल्ला में आयोजित किए जाने वाले दशहरा उत्सव में राणा गुरजीत सिंह शामिल होंगे। यह आयोजन नार्थ हलके के विधायक बावा हैनरी और उनके पिता पूर्व मंत्री अवतार हैनरी के कट्टर विरोधी दिनेश ढल्ल कर रहे हैं।

राणा गुरजीत नार्थ हलके में ढल्ल बंधुओं को मजबूत करके हैनरी परिवार के लिए रुकावट पैदा करने की कोशिश करेंगे। युवा नेता दिनेश ढल्ल, अमित ढल्ल व बाबी ढल्ल का हैनरी परिवार से 36 का आंकड़ा है। राणा गुरजीत सिंह जब जालंधर लोकसभा सीट से सांसद थे, तब भी नार्थ हलके में पूरा दखल रखते थे और ढल्ल बंधुओं को पूरा समर्थन देते थे। ढल्ल बंधु अब भी राणा गुरजीत सिंह के समर्थन से राजनीतिक जमीन मजबूत कर रहे हैं। दिनेश ढल्ल नार्थ हलके से टिकट की मांग करते रहे हैं और इसे लेकर ही हैनरी से टकराव होता रहा। टिकट न मिलने पर दिनेश ढल्ल साल 2012 में आजाद तौर पर चुनाव लड़ चुके हैं और इतनी वोट ले गए थे कि अवतार हैनरी को हार का सामना करना पड़ा था। राणा गुरजीत को मंत्री बनाने का बावा हैनरी ने किया था विरोध

राजनीति में अवतार हैनरी और राणा गुरजीत सिंह दोनों ही बड़े नाम हैं और दोनों का ही दबदबा चलता है। राणा गुरजीत सिंह को जब मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की कैबिनेट में शामिल करने की तैयारी थी, तब पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मोहिदर सिंह केपी और कई विधायकों ने राणा गुरजीत की एंट्री रोकने की कोशिश की थी। राणा को रोकने के लिए पार्टी के केंद्रीय हाईकमान और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को चिट्ठी लिखी गई थी। लगातार मीटिग के बाद भी राणा गुरजीत की एंट्री नहीं रुक पाई थी। इस पूरी मुहिम में बावा हैनरी सबसे आगे नजर आए थे। अब राणा गुरजीत चुनाव से पहले नार्थ हलके में ढल्ल बंधुओं को मजबूत करके बावा हैनरी के रास्ते में रुकावट पैदा करने की कोशिश करेंगे। दशहरा आयोजन तो हर साल ही होता है, लेकिन इस बार कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करके ढल्ल बंधुओं ने राजनीति में हल चल मचा दी है।


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