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बैंक मैनेजर ब्लैकमेलिंग केस में रामामंडी पुलिस तीनों आरोपितों को लेकर छत्तीसगढ़ से जालंधर रवाना

भाजपा नेता अश्विनी गोल्डी अशोक व प्रिया को लेकर रामामंडी पुलिस सोमवार शाम को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से जालंधर के लिए रवाना हो गई।

By Edited By: Published: Mon, 29 Jul 2019 08:25 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jul 2019 11:24 AM (IST)
बैंक मैनेजर ब्लैकमेलिंग केस में रामामंडी पुलिस तीनों आरोपितों को लेकर छत्तीसगढ़ से जालंधर रवाना
बैंक मैनेजर ब्लैकमेलिंग केस में रामामंडी पुलिस तीनों आरोपितों को लेकर छत्तीसगढ़ से जालंधर रवाना

जालंधर, जेएनएन। पंजाब एंड सिंध बैंक के मैनेजर को ब्लैकमेल कर 7.10 लाख रुपये ऐंठने वाले गिरोह के आरोपित भाजपा नेता अश्विनी गोल्डी, अशोक व प्रिया को लेकर रामामंडी पुलिस सोमवार शाम को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से जालंधर के लिए रवाना हुई।

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रामामंडी के एएसआइ गुरविंदर सिंह शनिवार को ही आरोपितों को लेने के लिए दो महिला मुलाजिमों समेत पांच मेंबर की टीम के साथ बिलासपुर पहुंच गए थे। उसी दिन बिलासपुर की सिविल लाइन पुलिस से एनओसी लेने के बाद उन्होंने सीजेएम कोर्ट में ट्रांजिट रिमांड का आवेदन दिया था। सीजेएम कोर्ट ने इसकी सुनवाई सोमवार तक टाल दी थी। सोमवार को हुई सुनवाई के बाद ट्रांजिट रिमांड मिलते ही पुलिस केंद्रीय जेल पहुंची, फिर वहां से तीनों आरोपितों को थाना सिविल लाइन लेकर आई और कागजी कार्रवाई के बाद टीम शाम करीब साढ़े पांच बजे जालंधर के लिए रवाना हो गई।

बिलासपुर के थाना सिविल लाइन के टाउन इंस्पेक्टर कलीम खान ने बताया कि आरोपितों से बरामद गहने व नकदी भी पंजाब पुलिस को सौंप दी गई है। बता दें कि इस गिरोह में शामिल अश्विनी गोल्डी भाजपा का बीसी सेल का महासचिव है, लेकिन ब्लैकमेलिंग का मामला सामने आने के बाद भाजपा ने उसे निष्कासित कर दिया था। वहीं, एक अन्य आरोपित अश्विनी कुमार कांग्रेस का नेता है। इस मामले में रामामंडी पुलिस ने आरोपित गंगा व डिंपल को गिरफ्तार किया था, जबकि तीन को छतीसगढ़ पुलिस ने पकड़ लिया था।

मामले को दबाने में जुटी है पुलिस

इस मामले में सबसे हैरानीजनक कमिश्नरेट पुलिस का रवैया है। तीन आरोपितों की बिलासपुर में गिरफ्तारी की बात को जांच अफसर से लेकर एसएचओ तक छुपाते रहे। एसएचओ सुखजीत सिंह ने तो यहां तक कहा था कि उन्हें पता ही नहीं है जबकि बिलासपुर पुलिस ने रामामंडी थाने से ही तीनों आरोपितों के खिलाफ दर्ज केस की जानकारी ली थी। आरोपितों को लेकर आ रहे एएसआइ गुरविंदर भी यही कहते रहे कि उन्हें कुछ नहीं पता। पुलिस के रवैये से तो ऐसा लगता है कि वह चाहती ही नहीं थी कि यह आरोपित पकड़े जाए और अब दूसरे राज्य की पुलिस ने पकड़े तो उनसे हजम नहीं हो रहा है।

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