देश में कारोबार को प्रोमोट करने वाली हो सरकार
चुनाव को चंद दिन शेष बचे हैं। धार्मिक स्थान हो या फिर व्यापारियों का समूह चर्चा का विषय एक ही है।
जागरण संवाददाता, जालंधर : चुनाव को चंद दिन शेष बचे हैं। धार्मिक स्थान हो या फिर व्यापारियों का समूह, चर्चा का विषय एक ही है। किस राजनीतिक पार्टी के हाथ आएगी देश की कमान तथा कौन बनेगा देश का प्रधानमंत्री। ऐसी ही चर्चा रैनक बाजार के दुकानदारों में छिड़ गई। श्री राम ज्वेलर्स पर सजी चौपाल में चुनावी चर्चा की शुरुआत करियाना कारोबारी राज कुमार शर्मा ने की। व्यापारियों के हित की बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस बार देश में कारोबार को प्रोमोट करने वाली सरकार ही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जीएसटी तथा नोटबंदी के बाद बाजार से रौनक ही गायब हो गई है। उसका असर आज तक बरकरार है। राज कुमार शर्मा की बात पर अपनी सहमति जताते हुए कपड़े के कारोबारी अशोक सोबती ने भी बाजार में चल रहे भारी मंदे की दुहाई देते हुए व्यापारियों के हित की बात करने वाली पार्टी को समर्थन देने की बात कही। अभी वह अपनी बात पूरी करते बीच में संदीप प्रिस ने चुनावी चर्चा को गरमा दिया। वह बोले कि गोल्ड के दामों में भारी मंदे के बावजूद बाजार में खरीददार नहीं है। इसके लिए प्रमुख रूप से सरकारी पॉलिसियां जिम्मेदार है। बिना खास जरूरत के गोल्ड ज्वेलरी खरीदने से लोग परहेज कर रहे है। सियासी पार्टियों का कारोबार के प्रति कम हो रहा रुझान इसका प्रमुख कारण है। इसी तरह पंडित आदित्य प्रसाद शुक्ला ने कहा कि देश में बहुमत वाली सरकार हर बार मनमानी ही करती है। ललित कुमार ने राय रखी कि इस बार शिक्षा को प्रमोट करने वाली सरकार की जरूरत है। जिससे देश शिक्षित हो सके। इसी तरह नरेश साहनी ने कहा कि देश में शिक्षा का बजट अधिक रखने वाली सरकार ही देश के लिए बेहतर विकल्प है। इसी तरह कारोबारी अश्वनी कुमार अरोड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री का पद बहुत महत्वपूर्ण होता है। जिसके चलते इस पद की कमान हर दिशा से मजबूत तथा हर वर्ग की सुनवाई करने वाला ही चाहिए। वहीं, नरेश मल्होत्रा ने सभी दुकानदारों को अपने मत का इस्तेमाल करने को प्रेरित करते हुए नई सरकार पर चर्चा की।
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