जालंधर में पनग्रेन के गोदामों पर छापेमारी, करोड़ों का गेहूं खुर्द-बुर्द करने की आशंका
फूड व सिविल सप्लाई विभाग के नकोदर कार्यालय की तरफ से जारी किए जाते करोड़ों रुपये के गेहूं को अधिकारियों की मिलीभगत से इन गोदामों से ही खुर्द-बुर्द किया गया। विभाग की टीम देर शाम तक छापेमारी करती रही जिसे लेकर विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मचा रहा।
जागरण संवाददाता, जालंधर। सरकारी खरीद एजेंसी पनग्रेन के गोदामों पर फूड सप्लाई विभाग की टीम ने वीरवार को छापेमारी की। यह छापेमारी नकोदर के गाव पंडोरी और बुड़ी में की गई है। सूत्रों के अनुसार फूड व सिविल सप्लाई विभाग के नकोदर कार्यालय की तरफ से जारी किए जाते करोड़ों रुपये के गेहूं को अधिकारियों की मिलीभगत से इन गोदामों से ही खुर्द-बुर्द किया गया था। विभाग की टीम देर शाम तक छापेमारी करती रही जिसे लेकर विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मचा रहा।
जाच में निरीक्षकों से लेकर एएफएसओ (सहायक फूड व सिविल सप्लाई अधिकारी) की भूमिका को भी जाचा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और नेशनल फूड सेफ्टी एक्ट के तहत बने नीले काडरें पर जारी किए जाते गेहूं के भंडारण में सैकड़ों क्विटंल गेहूं का घोटाला किया गया। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत योग्य परिवारों को प्रति माह पाच किलो प्रति सदस्य के हिसाब से जारी की जाती है। इसी तरह नेशनल फूड सेफ्टी एक्ट के तहत बनाए गए नीले कार्डो पर दो रुपये प्रति किलो से हिसाब से प्रति सदस्य पाच किलो गेहूं जारी किया जाता है।
स्कीमों के तहत नकोदर स्थित फूड सप्लाई विभाग के आफिस से राशन डिपो पर गेहूं की सप्लाई का कोटा जारी किया जाता है। विभाग को भारी मात्रा में गेहूं खुर्द-बुर्द करने संबंधी सूचना प्राप्त हुई थी, जिसके आधार पर इन गोदामों में जाच करने के लिए वीरवार को फूड सप्लाई की टीम ने छापेमारी की। पूरे मामले में विभाग के निरीक्षकों से लेकर एएफएसओ सहित कई अधिकारियों के नाम सामने आ सकते हैं।
रिकार्ड रजिस्टर किए जब्त, स्टाक से हो रहा मिलान
फूड व सिविल सप्लाई विभाग की टीम ने नकोदर आफिस के स्टाक रजिस्टर कब्जे में ले लिए है। इसका मिलान गोदामों में पड़े माल के साथ किया जा रहा है। इसके साथ ही किस माह में माल गोदामों में आया व किस माह में कितना रिलीज किया गया, यह भी जांचा जा रहा है। विभाग की जिला अधिकारी हरवीन कौर बताती है कि मामले की जाच जारी है। जांच पूरी होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।