सरकारी स्कूल खुलते ही विद्यार्थी पढ़ेंगे पंजाबी विरसा
राज्य भर के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को अब शिक्षा विभाग पंजाबी विरासत से जोड़ेगा।
अंकित शर्मा, जालंधर : राज्य भर के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को अब शिक्षा विभाग पंजाबी विरासत से जोड़ेगा। इसे लेकर शिक्षा विभाग ने विरसा प्रोजेक्ट तैयार किया है, जिसके तहत राज्य भर के सरकारी स्कूलों के 11वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को पंजाब की संस्कृति से जोड़ा जाएगा। विभाग ने एक बार फिर बच्चों को विरासत का विषय पढ़ाने की तैयारी कर ली है। इसके लिए राज्य के 45 स्कूलों में कैमरे और माइक्रो फोन इंस्टालेशन किए जाएंगे, ताकि जब स्कूल खुलें तो बच्चों को विरासत से जोड़ने के लिए प्रभावशाली ढंग से प्रयास किए जा सकें।
पहले एजुसेट के जरिये विद्यार्थियों को जोड़ा था विरासत से
इससे पहले पंजाब की विरासत से जोड़ने के लिए सरकारी स्कूलों के 11वीं और 12वीं कक्षा के बच्चों को पंजाबी और म्यूजिक विषय एजुसेट के जरिए पढ़ाया जा रहा था। कोरोना के कारण शिक्षा संस्थान पूरी तरह से बंद हो गए और बच्चों को विरासत से जोड़ने का प्रोजेक्ट भी थम गया था। अब वीर सब्जेक्ट के जरिए स्कूल खुलने पर पहले ही दिन से बच्चों में विरासत के प्रति रुचि को जगाने के लिए नए प्रयास के जरिए पंजाब की संस्कृति से जोड़ा जाएगा।
जालंधर के दो स्कूलों में लगेंगे माइक्रोफोन व कैमरे
इसके लिए पंजाब के 45 स्कूलों में माइक्रोफोन और कैमरे लगने हैं, पर इसमें जालंधर के दो स्कूल शामिल हैं। इनमें सरकारी कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल नेहरू गार्डन और सरकारी मॉडल स्मार्ट स्कूल लाडोवाली रोड है।
21 जिलों के दो-दो, लुधियाना के तीन स्कूलों में लगेंगे कैमरे और माइक्रोफोन
जालंधर, अमृतसर, बरनाला, बठिडा, फरीदकोट, फिरोजपुर, फाजिल्का, श्री फतेहगढ़ साहिब, गुरदासपुर, होशियारपुर, कपूरथला, मानसा, मोगा, श्री मुक्तसर साहिब, पटियाला, पठानकोट, रोपड़, शहीद भगत सिंह नगर, एसएसए नगर, संगरूर और तरनतारन के दो- दो स्कूल शामिल किए गए हैं, जबकि लुधियाना के इसमें तीन स्कूल हैं।