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पंजाब : 34 साल का था सैनिक हवलदार गुरनिंदर सिंह, असम-चीन बार्डर पर आक्सीजन की कमी होने पर हो गया शहीद

असम-चीन बार्डर पर ड्यूटी दौरान जान गंवाने वाले गांव गनूरा के नौजवान सैनिक हवलदार गुरनिंदर सिंह का आज गांव में सरकारी सम्मान से संस्कार कर दिया गया। अंतिम यात्रा में राजनीतिक व सामाजिक शख्सियतों के अतिरिक्त सैकड़ों इलाका निवासियों ने सजल आंखों से बहादुर जवान को अंतिम विदाई दी।

By Vinay KumarEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 03:39 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 03:39 PM (IST)
पंजाब : 34 साल का था सैनिक हवलदार गुरनिंदर सिंह, असम-चीन बार्डर पर आक्सीजन की कमी होने पर हो गया शहीद
गांव गनुरा में पहुंचा असम-चीन बार्डर पर शहीद हुए गुरनिद्र सिंह का पार्थिव शरीर और मौके पर जमा हुए गांववासी।

रुपनगर/नूरपुरबेदी, जेएनएन। असम-चीन बार्डर पर ड्यूटी दौरान जान गंवाने वाले क्षेत्र के गांव गनूरा के 34 वर्षीय नौजवान सैनिक हवलदार गुरनिंदर सिंह का आज गांव में सरकारी सम्मान से संस्कार कर दिया गया। आज अंतिम यात्रा में शामिल हुए राजनीतिक व सामाजिक शख्सियतों के अतिरिक्त सैकड़ों इलाका निवासियों ने सजल आंखों से बहादुर जवान को अंतिम विदाई दी। 12 जून की दोपहर को 20 सिख रेजीमैंट का सैनिक गुरनिंदर सिंह असम-चीन बार्डर पर अपने और साथी सैनिकों के साथ पेट्रोलिंग कर रहा था कि इस दौरान ज्यादा ऊंचाई पर होने पर अचानक आक्सीजन की कमी पैदा हो गई। बेशक सैना के अधिकारियों द्वारा उसे बचाने के काफी प्रयास किए गए। मगर तबीयत बिगड़ने से उसकी मौत हो गई। उसी दिन से फौज के अधिकारियों द्वारा सैनिक की मृतक देह को लाने के प्रयास किए जा रहे थे। मगर उक्त स्थान पर मौसम की खराबी होने से आज सुबह सैनिक की मृतक देह को तिरंगे में लिपेटकर सैना के विशेष वाहन में गांव लाया गया और यहां लोगों ने सैनिक के अंतिम दर्शन किए।

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इसके उपरांत सैनिक के शव को गांव के श्मशानघाट में ले जाया गया। यहां सैना की टुकड़ी ने हवाई फायर करके श्रद्धांजलि भेंट की। सैनिक की चिता को मुखाग्नि उसके 7 वर्षीय बेटे सविताजवीर सिंह व छोटे भाई दविंदर सिंह द्वारा दी गई। इस मौके पर जिला प्रशासन द्वारा पहुंचे नायब तहसीलदार नूरपुरबेदी हरिंदरजीत सिंह ने फूल मालाएं भेंट करके सैनिक को श्रद्धांजलि भेंट की। इसके अतिरिक्त हलका विधायक अमरजीत सिंह संदोआ, पूर्व शिक्षा मंत्री दलजीत सिंह चीमा, सरपंच बलवंत सिंह, मास्टर गुरनैब सिंह, नरिंदरपाल भट्ठल, जरनैल सिंह औलख, गुरचैन सिंह समीरोवाल, भुपिंदर बजरूड़, दिनेश चड्ढा व दिलबारा सिंह बाला सहित भारी संख्या में क्षेत्र के लोग शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल हुए। महज 34 वर्षीय सैनिक का 7 वर्षीय बेटा, विधवा पत्नी व बुजुर्ग माता-पिता को छोड़ गया है। आज उस समय लोगों का मन पसीज गए, जब सैनिक के नन्हें बेटे सविताजवीर, विधवा जसविंदर कौर व पिता हरबंस सिंह द्वारा अपने लाडले पुत्र को श्रद्धांजलि भेंट करते हुए सलामी दी गई। इस मौके ऐसी कोई आंख नहीं होगी जो नम न हुई हो।


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