Raksha Bandhan 2022: पंजाब के हुनरमंद दिव्यांगों ने बनाईं 25 हजार राखियां, अब तक कमाए ढाई लाख रुपये
अंबुजा मनोविकास केंद्र गांव सलौरा में दिव्यांग नौजवानों की ओर से तैयार की राखियों की हर तरफ तारीफ हो रही है। इस बार रक्षा बंधन पर उन्होंने 25 हजार राखियों की प्रदर्शनी कम सेल लगाई है। वे अब तक ढाई लाख रुपये की राखियां बेच चुके हैं।
अजय अग्निहोत्री, रूपनगर। अगर जज्बा है तो दुनिया की कोई भी कठिनाई आपका रास्ता नहीं रोक सकती है। यह कर दिखाया है रूपनगर के दिव्यांग नौजवानों ने। उन्होंने रक्षाबंधन के लिए अलग-अलग तरह की 25 हजार राखियां तैयार करके बाजार में बिक्री होने वाली राखियों को भी मात दे दी है। हम बात कर रहे हैं अंबुजा मनोविकास केंद्र गांव सलौरा में दिव्यांग नौजवानों की ओर से तैयार की राखियों की। जी हां, अब तक उनई बनाई ढाई लाख रुपये की राखियों की बिक्री हो चुकी है।
दूसरों के लिए भी प्रेरणा बन रहे दिव्यांग बच्चे
केंद्र की ओर से उनकी राखियों की विशेष तौर पर प्रदर्शनी कम सेल लगाई गई है, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया है। केंद्र में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों व अन्य ने राखियां खरीदी और बच्चों की हौसलाफजाई की। मोरिंडा से आए अवतार सिह, लिप्सी सैनी, राजिंदर सिंह, बलविंदर कौर ने खुशी जताते हुए कहा कि दिव्यांग बच्चों की प्रतिभा को देखकर नहीं कहा जा सकता कि इनमें आम बच्चों से काबलियत कम है। ये दूसरों बच्चों के लिए भी प्रेरणा बन रहे हैं।
अब बनाएंगे दीपावली के लिए दीये
अंबुजा मनोविकास केंद्र के प्रिंसिपल सुरेश ठाकुर और वाइस प्रिंसिपल अनुपमा ने बताया कि केंद्र में चल रहे स्किल सेंटर में ट्रेनिंग लेकर बैच पूरा करने वाले दिव्यांग नौजवान हुनरमंद बन गए हैं। इन नौजवानों ने अपने घरों में बैठकर राखियां तैयार की हैं। इसके लिए कच्चा माल संस्था ने दिया था। संस्था का उद्देश्य है कि जो बच्चे या नौजवान दिव्यांग हैं, उन्हें किसी हुनर का प्रशिक्षण देकर अपने पांव पर खड़ा करना है। राखियों की बिक्री से होने वाली आय इन बच्चों को ही दी जाएगी। रक्षाबंधन के बाद ये नौजवान दीपावली के लिए पीओपी के दीये और अन्य सजावटी सामान तैयार करने में जुट जाएंगे।
इन स्थानों पर लगी राखियों की प्रदर्शनी
अब तक अंबुजा मनोविकास केंद्र की तरफ से राखियों की प्रदर्शनी एसजीपीसी के अधीन चल रहे ननकाना साहिब पब्लिक स्कूल लुधियाना, शिवालिक पब्लिक स्कूल रूपनग, रयात इंटरनेशनल स्कूल रैलमाजरा, पंजाब नेशनल पब्लिक स्कूल बहरामपुर जमींदारी, सेंट कारमल स्कूल कटली और सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल मीयांपुर आदि में लगाई जा चुकी है।