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पंजाब के रूपनगर में स्टाफ नर्सों का सिविल सर्जन दफ्तर पर प्रदर्शन, खाली पोस्टें भरने की मांग

रूपनगर में सुबह सवा दस बजे सांझी एक्शन कमेटी की अगुआई में स्टाफ नर्सों ने वार्डों में कामकाज बंद करके प्रदर्शन किया। उनके साथ नर्सिंग छात्राएं भी थी। वे सिविल अस्पताल में खाली पड़ी पोस्टों पर भर्ती किए जाने की मांग कर रही थी।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Wed, 24 Feb 2021 03:48 PM (IST)Updated: Wed, 24 Feb 2021 03:48 PM (IST)
पंजाब के रूपनगर में स्टाफ नर्सों का सिविल सर्जन दफ्तर पर प्रदर्शन, खाली पोस्टें भरने की मांग
रूपनगर में खाली पोस्टों के विरोध में नारेबाजी करती हुईं स्टाफ नर्सें और नर्सिंग छात्राएं।

रूपनगर, जेएनएन। पंजाब में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच बुधवार को सिविल अस्पताल में स्टाफ नर्सों की कमी के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा। स्टाफ नर्सों ने ही अस्पताल प्रशासन पर हल्ला बोल दिया। उन्होंने सिविल सर्जन दफ्तर के आगे सिविल सर्जन और एसएमओ के खिलाफ नारेबाजी करते हुए खाली पोस्टें तुरंत भरे जाने की मांग उठाई। स्टाफ नर्सों के साथ नर्सिंग स्कूल की छात्राएं भी प्रदर्शन में शामिल रहीं। इस बीच सिविल सर्जन डा.दविंदर कुमार ने कर्मचारी भेजकर नर्सिंग छात्राओं को स्कूल जाने की हिदायत दी। सुबह सवा दस बजे सभी स्टाफ नर्सों की सांझी एक्शन कमेटी की अगुआई में स्टाफ नर्सों ने वार्डों में कामकाज बंद करके प्रदर्शन किया।

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जिला नर्सिंग एसोसिएशन की प्रधान कमलजीत कौर, उपाध्यक्ष गुरिंदर कौर, संदीप रावत, अमनप्रीत ने कहा कि उन्होंने 18 फरवरी को एसएमओ व सिविल सर्जन को पत्र लिखा था। बावजूद इसके उनकी मांगों को नजरंदाज कर दिया गया जिस कारण उन्हें प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल की सात यूनिटों में मरीज दाखिल होते हैं। इन यूनिटों में काम करने के लिए जरूरी स्टाफ नर्सों की कमी है। आमतौर पर स्टाफ नर्सों को एक समय में दो या तीन वार्ड देखने पड़ते हैं, जो कि काफी मुश्किल है। इस वजह से दूसरी यूनिटों में दाखिल मरीजों को मुश्किल का सामना करना पड़ता है। स्टाफ नर्सों को अपनी ड्यूटी से कई गुणा ज्यादा काम करना पड़ रहा है। इससे उनके काम करने की क्षमता ही प्रभावित नहीं हो रही बल्कि मरीजों की भी पूरी देखभाल नहीं हो पा रही।

48 स्टाफ नर्सों में से 24 ही नियुक्त

जिला अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ की 48 पोस्टें हैं लेकिन इनमें से 24 ही भरी हुई हैं। इनमें से भी तीन डेपुटेशन पर नर्सिंग स्कूल में ड्यूटी दे रही हैं। चार नर्सिंग स्टाफ की फील्ड ड्यूटी से हटाकर सिविल अस्पताल में लगाई गई है। इसके बावजूद स्टाफ नर्सों की कमी खल रही है। दिन में तो स्टाफ नर्सों का सहयोग नर्सिंग स्कूल की छात्राएं करती हैं लेकिन ज्यादा पोस्टें खाली होने की वजह से ड्यूटी दे रही स्टाफ नर्सों पर अतिरिक्त बोझ है।

उम्मीद है जल्द भरी जाएंगी खाली पोस्टेंः डॉ. दविंदर

सिविल सर्जन डॉ. दविंदर कुमार ने कहा कि स्टाफ नर्सों ने पोस्टों को भरने को लेकर प्रदर्शन किया है। इस बारे में एसएमओ जो रिपोर्ट बनाकर भेजेंगे, उसे उच्चाधिकारियों को पोस्टें भरने के लिए भेजा जाएगा। वैसे भी हर 15 दिन बाद खाली पोस्टों के बारे में जानकारी उच्चाधिकारियों को रुटीन में भेजी जाती है। उम्मीद है कि स्वास्थ्य विभाग जल्द स्टाफ नर्सों की खाली पोस्टें भर देगा।


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