Punjab Roadways Contractual Staff Srike: पंजाब में आज से नहीं चलेंगी 2000 सरकारी बसें, 5 राज्यों के रूट प्रभावित
कांट्रैक्ट कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण पंजाब में सोमवार से करीब दो हजार सरकारी बसें नहीं चलेंगी। हड़ताल से दिल्ली राजस्थान उत्तराखंड हरियाणा हिमाचल प्रदेश के रूट प्रभावित होंगे। हालांकि नियमित नौकरी वाले ड्राइवर कुछ रूट चालू रखेंगे। वहीं प्राइवेट बस सेवा पर इसका कोई असर नहीं होगा।
जासं, जालंधर: पंजाब रोडवेज, पनबस व पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (पीआरटीसी) के कांट्रैक्ट कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण पंजाब में सोमवार से करीब दो हजार सरकारी बसें नहीं चलेंगी। इसका असर रविवार शाम को ही दिखना शुरू हो गया। लंबे रूट की बसों को नहीं चलाया गया। कुछ के रूट सीमित कर दिए गए। इस हड़ताल से दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश के रूट प्रभावित होंगे। हालांकि, नियमित नौकरी वाले ड्राइवर कुछ रूट चालू रखेंगे। वहीं, प्राइवेट बस सेवा पर इसका कोई असर नहीं होगा।
कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारियों गुरप्रीत ¨सह व जसबीर ¨सह ने कहा कि हड़ताल सफल होगी। जब तक यूनियन की मांगें नहीं मानी जाती यह जारी रहेगी। यूनियन कांट्रैक्ट कर्मियों को तुरंत पक्का करने, मामूली केस में बर्खास्त कर्मियों को बहाल करने और सरकारी बेड़े में 10 हजार नई बसें शामिल करने की मांग कर रही है। सोमवार को सप्ताह का पहला दिन होने के चलते यात्रियों की संख्या ज्यादा रहती है। इसलिए लोगों को काफी परेशानी होगी। राज्य में पनबस के पास 1090 बसें हैं, जिन्हें कांट्रैक्ट कर्मी ही चलाते हैं। पंजाब रोडवेज के पास 447 बसों के लिए नियमित नौकरी वाले ड्राइवर नहीं हैं। पीआरटीसी में 1100 बसें शामिल हैं। यहां भी रेगुलर कर्मचारियों की कमी है।
हड़ताल से महिला यात्रियों की संख्या घटी
जासं, जालंधर। अधिकतर सरकारी बसों का संचालन बंद होने से सोमवार को महिला यात्रियों की संख्या में भी गिरावट दर्ज की गई। पंजाब की सरकारी बसों में महिलाओं को निश्शुल्क यात्रा की सुविधा है। यह निजी बसों या अन्य राज्यों की बसों में उपलब्ध नहीं है। हड़ताल के कारण सड़क पर निजी और अन्य राज्यों से संबंधित बसें ही नजर आ रही हैं। इनमें महिला यात्रियों को किसी तरह की कोई निश्शुल्क यात्रा की सुविधा नहीं दी जा रही है। सोमवार से सरकारी बसों की हड़ताल शुरू होने संबंधी जानकारी भी प्रचारित हो गई थी जिस वजह से सोमवार को महिला यात्रियों की संख्या में गिरावट आ गई। हालांकि सरकारी नौकरी करने वाली कामकाजी महिला यात्रियों की तरफ से तो यथावत तरीके से ही यात्रा की गई, लेकिन उन्हें टिकट जरूर खरीदनी पड़ी।