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जालंधर में ADCP के बेटे पर FIR, व्यापारियों से 2.24 करोड़ हड़पे, निजी खाते में डलवा अपने कर्ज चुकाए

जालंधर में तैनात एडीसीपी के बेटे चरनप्रीत सिंह न्यूवो हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड का डायरेक्टर है। आरोप है कि उसने साथियों के साथ जालंधर को व्यापारियों से ब्याज और कंपनी में हिस्सेदारी के नाम पर करीब सवा करोड़ रुपये हड़प लिए।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Tue, 31 Aug 2021 05:54 PM (IST)Updated: Tue, 31 Aug 2021 05:54 PM (IST)
जालंधर में पंजाब पुलिस के एक बड़े अधिकारी के बेटे पर केस दर्ज किया गया है। सांकेतिक चित्र।

जागरण संवाददाता, जालंधर। महानगर में तैनात एक एडीसीपी के बेटे चरनप्रीत सिंह और उसके साथियों पर व्यापारियों से 2.24 करोड़ से ज्यादा रुपये हड़पने के आरोप में FIR दर्ज की गई है। व्यापारी की शिकायत के बाद एआईजी क्राइम ने इस मामले की जांच की थी। उनकी रिपोर्ट के आधार पर थाना डिवीजन छह में एडीसीपी के बेटे सहित 4 लोगों पर केस दर्ज किया है। भोगपुर निवासी चरनप्रीत सिंह न्यूवो हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड का डायरेक्टर है। आरोप है कि उसने और उसके साथियों ने कंपनी में हिस्सेदारी के नाम पर व्यापारियों से निजी खाते में पैसे जमा करवाकर अपने लोन चुकाए हैं। आरोपित अमित तलवाड़ और मनोज कुमार मधुकर भी कंपनी के डायरेक्ट हैं जबकि जश्नदीप ने दलाली की थी।  

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जालंधर के गुरु गोविंद सिंह नगर के रक्षपाल सिंह और उनके पार्टनर जसविंदर सिंह निवासी मिठापुर रोड और महक प्रीत सिंह निवासी ग्रीन मॉडल टाउन ने शिकायत दर्ज करवाई थी। व्यापारियों ने बताया कि उन्होंने न्यूवो हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड में ब्याज सहित लौटाने के लिए 1.20 करोड़ रुपये जमा कराए थे। फिर कंपनी में 25 परसेंट हिस्सेदारी खरीदने के लिए भी उन्होंने 1.04 करोड़ों रुपये जमा कराए। आरोपितों ने न तो उन्हें कंपनी में हिस्सेदारी दी और न ही उनके पैसे लौटाए।

पुलिस ने चरनप्रीत सिंह के अलावा अमित तलवाड़ निवासी हाउस नंबर 7 निकट ऑल इंडिया रेडियो कॉलोनी, मनोज कुमार मधुकर निवासी जीरकपुर पटियाला और जश्नदीप सिंह निवासी टावर एनक्लेव जालंधर को मामले की जांच में शामिल होने के लिए बुलाया था। सभी ने अपने वकीलों के जरिए बयान दर्ज कराए।

जेल में बंद है दलाल जश्नदीप सिंह

जश्नदीप सिंह ठगी के एक मामले में सेंट्रल जेल होशियारपुर में बंद होने के चलते जांच में शामिल नहीं हो सका। जांच के दौरान उसके अकाउंट में 6 लाख रुपए जमा होने के सबूत भी पुलिस को मिले जो कि जश्नदीप को या डील कराने के लिए दिए गए थे

निजी खाते में जमा करवाए 42 लाख, अपने लोन चुकाए

जांच के दौरान यह भी सामने आया कि आरोपितों ने 42 लाख अपने निजी खातों में जमा करवा लिए। 2,00,000 रुपये डायरेक्टर अमित तलवाड़ ने अपनी कंपनी शिवाटेक इंडिया के खाते में जमा करवाए। बची 76 लाख की रकम को भी लुधियाना की डीन्यूवो क्लब में काम चलाने के लिए इन्वेस्ट नहीं किए। कंपनी के तीनों डायरेक्टरों ने इस रकम से अपनी अपनी कंपनी की देनदारी भी चुका दी।

पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि कंपनी एक्ट 2013 के मुताबिक कोई भी कंपनी अपने शेयर होल्डर, बैंक डायरेक्टर, डायरेक्टर के रिश्तेदारों से लोन तो ले सकती है लेकिन किसी ऐसे व्यक्ति से लोन नहीं ले सकती जिसका कंपनी से सीधा संबंध ना हो। वहीं, मामले में आरोपितों ने 25 फीसद हिस्सेदारी बेचने के लिए ना तो रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी से कोई परमिशन ली और ना ही उन्हें इस बात की कोई सूचना दी है जिसके बाद पुलिस ने ललिता कुमारी बनाम यूपी सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए आरोपितों के खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर लिया।


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