Punjab News: आइईडी मामले में आतंकी युवराज की निशानदेही पर दो पिस्तौल, पांच कारतूस और डेटोनेटर बरामद
पुलिस को आशंका है कि पाकिस्तान में बैठा आतंकी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा और कनाडा में बैठा गैंगस्टर लखबीर सिंह लंडा के गुर्गों ने यहां किसी ठिकाने पर हथियारों की खेप छिपा रखी है। आईईडी मामले में अब तक 9 आरोपित गिरफ्तार हो चुके हैं।
जासं, अमृतसर। शहर में एसआइ की बोलेरो में आइईडी लगाने के मामले में पुलिस ने आतंकी युवराज सभ्रवाल की निशानदेही पर दो पिस्तौल, पांच कारतूस, डेटोनेटर, बांधने वाला धागा बरामद किया है। यह बरामदगी पुलिस ने एक गांव में स्थित पानी वाली मोटर के पास बने कमरे से दिखाई है। पुलिस को आशंका है कि पाकिस्तान में बैठा आतंकी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा और कनाडा में बैठा गैंगस्टर लखबीर सिंह लंडा के गुर्गों ने यहां किसी ठिकाने पर हथियारों की खेप छिपा रखी है। इसे पुलिस बरामद करने का प्रयास कर रही है।
डीसीपी मुखविंदर सिंह भुल्लर ने बताया कि पकड़े गए आतंकियों से पूछताछ के बाद कई कड़ियां मिली हैं, जिन्हें आपस में जोड़ने का काम जारी है। हैरानी की बात यह है कि इस मामले में पुलिस अब तक नौ आरोपितों कांस्टेबल हरपाल सिंह, फतेहदीप सिंह, राजिंदर बाऊ, खुशहालबीर सिंह, गुरप्रीत सिंह, वरिंदर सिंह, दीपक, युवराज सभ्रवाल, सतनाम सिंह हनी को गिरफ्तार कर चुकी है। हरपाल और फतेहदीप (चाचा-भतीजा) को छोड़कर कोई भी आरोपित एक-दूसरे से परिचित नहीं है। वे एक-दूसरे से कभी नहीं मिले।
जांच में सामने आया है कि हरपाल, युवराज सभ्रवाल और सतनाम हनी सीधे लखबीर सिंह लंडा व आतंकी रिंदा के सपर्क में थे। उन्हीं के कहने पर आइईडी लगाने के आरोप में गिरफ्तार युवराज सभ्रवाल को लगातार पिछले एक साल से फंडिंग की जा रही थी ताकि बोलेरो में आइईडी लगाने जैसा बड़ा काम उसी से करवाया जा सके।
लखबीर के सीधे संपर्क में था युवराज
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पूछताछ में युवराज ने स्वीकार किया है कि 15 अगस्त की रात उसने आइडी गोल्डन गेट से वेरका बाईपास की तरफ जाते हुए आइईडी को सड़क किनारे सुनसान रास्ते से बरामद किया था। दीपक बाइक चला रहा था और वह पीछे बैठा था। उसने बताया कि पहले जब उक्त जगह पर पहुंचे थे तो वहां आइईडी नहीं थी। इसके बाद उसने लखबीर लंडा से व्हाट्एसप के जरिए बात की। लखबीर ने उसे बताया कि फिलहाल वह उस (आइईडी वाली) जगह को छोड़ दे।
लगभग चालीस मिनट बाद युवराज और दीपक को संदेश मिला कि वह दोबारा उसी जगह पर जाएं, आइईडी उन्हें वहीं मिलेगी। चालीस मिनट बात जब वह उसी जगह पर पहुंचे तो आइईडी वहां रखी हुई थी। इस मामले में पुलिस को बाईपास पर आइईडी रखने वाले आरोपित की भी तलाश है।