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दो मंत्रालयों में बंटा 'कमाऊ पूत' एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग, पंजाब में अधिकारी कर रहे कड़ा विरोध

पंजाब में एक्साइज विभाग को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने खुद अपने पास रख लिया है जबकि टैक्सेशन विभाग वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के हवाले है। इस फैसले से एक्साइज एंड टैक्सेशन (जीएसटी) विभाग के अधिकारियों एवं मुलाजिमों में भारी रोष है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Sun, 03 Oct 2021 01:38 PM (IST)Updated: Sun, 03 Oct 2021 01:38 PM (IST)
दो मंत्रालयों में बंटा 'कमाऊ पूत' एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग, पंजाब में अधिकारी कर रहे कड़ा विरोध
पंजाब में एक्साइज और टैक्सेशन विभाग को दो मंत्रियों के बीच बांटा गया है।

मनुपाल शर्मा, जालंधर। नियुक्तियों और फैसलों को लेकर चर्चा का विषय बन रही पंजाब सरकार में एक विभाग को दो मंत्रालयों में विभाजित कर देना अब अधिकारियों एवं मुलाजिमों के असंतोष का कारण बन गया है। पंजाब सरकार ने पहली बार एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग को दो मंत्रियों के हवाले किया है। एक्साइज विभाग को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने खुद अपने पास रख लिया है, जबकि टैक्सेशन विभाग वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के हवाले है। सरकार के इस पहले फैसले को लेकर एक्साइज एंड टैक्सेशन (जीएसटी) विभाग के अधिकारियों एवं मुलाजिमों में भारी रोष पाया जा रहा है।

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तर्क यह दिया जा रहा है कि एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग के अधिकारियों का एक ही काडर है और उनकी विभाग में नियुक्ति भी एक्साइज एंड टैक्सेशन काडर के तले ही होती है। ऐसे में एक ही विभाग को दो मंत्रालयों में विभाजित करना किसी के गले ही नहीं उतर रहा है। आशंका यह जताई जा रही है कि विभाग को दो विभिन्न मंत्रियों को सौंप किए जाने के चलते फैसले लेने में देरी होगी। मुलाजिमों की अति शीघ्र उपलब्धता या फैसला लेने में एक मंत्री और मुख्यमंत्री की लिखित सहमति लेनी जरूरी होगी।

एक्साइज एंड टैक्सेशन सीनियर ऑफिसर्स एसोसिएशन के वर्किंग प्रेसिडेंट भूपेंद्र भाटिया ने कहा कि एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग में ईटीआई (एक्साइज एंड टैक्सेशन इंस्पेक्टर) एवं ईटीओ (एक्साइज एंड टैक्सेशन ऑफिसर) पर पर सीधी नियुक्ति होती है। पद के नाम से ही देखा जा सकता है कि एक्साइज एंड टैक्सेशन एक ही काडर है। उन्होंने कहा कि विभाग दो मंत्रियों के पास चले जाने से तमाम प्रक्रिया एवं फैसले लेने में देरी ही होगी।

वत्त मंत्री के पास जाएं या मुख्यमंत्री के, इसे लेकर संशय

उन्होंने कहा कि एसोसिएशन की तो मांग यह है कि एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर (ईटीसी) भी एक होना चाहिए, लेकिन सरकार ने ईटीसी भी दो लगा दिए हैं। उन्होंने कहा कि एक्साइज एंड टैक्सेशन अधिकारियों की अपने वेतनमान को लेकर सरकार से कुछ मांगें हैं। अब यही समझ नहीं आ रहा है कि वे अपनी मांगों को लेकर पहले वित्त मंत्री के पास जाएं या मुख्यमंत्री के पास। फैसला कौन लेगा और कब लेगा, इसे लेकर संशय बना हुआ है।


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