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कर्ज के बाद अब बारिश और ओलावृष्टि ने तोड़ी पंजाब के किसानों की कमर

कर्ज में डूबे पंजाब के किसानों पर अब बारिश व ओलावृष्टि की मार पड़ी है। खेतों में लहलहा रही हजारों एकड़ में बीजी गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 10 Apr 2018 02:56 PM (IST)Updated: Tue, 10 Apr 2018 08:56 PM (IST)
कर्ज के बाद अब बारिश और ओलावृष्टि ने तोड़ी पंजाब के किसानों की कमर
कर्ज के बाद अब बारिश और ओलावृष्टि ने तोड़ी पंजाब के किसानों की कमर

जेएनएन, जालंधर। कर्ज में डूबे पंजाब के किसानों पर अब बारिश व ओलावृष्टि की मार पड़ी है। खेतों में लहलहा रही हजारों एकड़ में बीजी गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है। किसान माथा पीटने को मजबूर हैं। मौसम वैज्ञानिकों ने अगले 48 घंटों में बारिश की संभावना जताई है। इससे किसानों की पेशानी पर और बल पड़ गया है। उधर, बारिश, आंधी व ओलावृष्टि की संभावनाओं के मद्देनजर पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) ने दो लाख किसानों को वॉट्सएप से एडवाइजरी भेजी है। किसानों को अगले दो दिन तक फसल न काटने का सुझाव दिया गया है।

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गत दिवस आंधी के साथ आई बारिश के कारण मोहाली, कपूरथला, लुधियाना और रोपड़ में गेहूं की फसल खेतों में बिछ गई। पंजाब में कुल 3.4 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि मोहाली में सबसे ज्यादा 13.5 मिलीमीटर पानी बरसा। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना के वैज्ञानिकों ने अलर्ट कर दो लाख से अधिक किसानों को वाट्सएप के जरिए भेजी एडवाइजरी पंजाब में आगामी दो दिनों तक धूल भरी हवाओं के साथ बारिश और ओलावृष्टि के पूर्वानुमान ने राज्य के किसानों के साथ-साथ वैज्ञानिकों की चिंता भी बढ़ा दी।

किसानों को दो दिन गेहूं की कटाई न करने की सलाह

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने खेतों में तैयार खड़ी गेहूं की फसल को बारिश की भेंट चढऩे से बचाने के लिए अलर्ट जारी कर दिया है। अलर्ट में आगामी दो दिन तक गेहूं की कटाई न करने की सलाह दी है। पीएयू के मौसम विशेषज्ञ डॉ. केके गिल के अनुसार आने वाले दो दिन किसानों के लिए आफत भरे होंगे। वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से राज्य में 11 अप्रैल की शाम तक ओलावृष्टि, तेज हवाएं व बारिश का पूर्वानुमान है। खासकर गुरदासपुर, अमृतसर, पठानकोट, तरनतारन, होशियारपुर, फतेहगढ़ साहिब, रोपड़, चंडीगढ़, खन्ना, पटियाला, मालरेकोटला में।

नमी बढऩे से काले पड़ जाएंगे दाने

बारिश से दानों में नमी बढ़ने से काले पड़ जाएंगे, जिसे मंडी में बेचना मुश्किल होगा। दूसरा यदि फसल की सिंचाई की जाती है, तो इससे जमीन के अंदर नमी बढ़ेगी। ऐसे में बारिश होने की सूरत में फसल की जड़े कमजोर होने से उसके गिरने की संभावना रहेगी। डॉ. गिल ने कहा कि यदि फसल कटी हुई नहीं हैं और बारिश भी हो जाती है तो इससे ज्यादा नुकसान नहीं होगा। बारिश के बाद धूप निकलने पर खेतों में खड़ी फसल दोबारा सूख जाएगी। डॉ. गिल ने कहा कि पीएयू की तरफ से करीब दो लाख से अधिक किसानों को मौसम के मद्देनजर मैसेज व वाट्सएप के जरिए एडवाइजरी भेजी गई है।

खुले में भीगी गेहूं की फसल

मंडियों में उचित प्रबंध न होने के कारण मंडियों में खुले आसमान नीचे पड़ा गेहूं भीग गया। किसानों, खेत मजदूरों का कहना है कि बारिश से गेहूं की कटाई का काम और पिछड़ जाएगा। किसान नेता सुखदेव सिंह कोकरी कलां और हरमीत सिंह कादियां ने बताया कि रविवार रात को हुई तेज बारिश से अभी ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। यदि आगामी दो-तीन दिनों में दोबारा बारिश हो जाती है तो फसल को नुकसान हो सकता है। गेहूं की कटाई का काम पिछड़ गया है। अगेती गेहूं बीजने वाले किसानों ने गेहूं काट दी है। कई जगह तो गेहूं मंडियों में भी पहुंच चुका है।

तीन दिन बारिश की संभावना

मौसम विभाग ने आने वाले दो-तीन दिनों तक फिर से बारिश होने की संभावना है। कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना के विशेषज्ञों ने 11 अप्रैल तक गेहूं न काटने की अपील की है। इस दौरान भारी बारिश हो सकती है।

लुधियाना में सबसे कम बारिश

मोहाली में सर्वाधित 13.5 मिमी व लुधियाना में सबसे कम 0.7 मिमी बारिश हुई। खेतीबाड़ी विभाग के डायरेक्टर जसबीर सिंह बैंस के अनुसार अमृतसर साहिब में 3.8 मिमी, बरनाला 4, बठिंडा 6.4, फरीदकोट 8, फतेहगढ़ साहिब 1.7, होशियारपुर और जालंधर में 1.6, कपूरथला 8.7, मुक्तसर साहिब 7, पटियाला 4, रोपड 7.7 व संगरूर में 5.9 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई।

मालवा में हजारों एकड़ में गेहूं बिछी

मुक्तसर साहिब के गांव धूलकोट, मल्लण, कौणी, आसा बुट्टर, बुट्टर शरींह में ही बारिश के कारण गेहूं की फसल को मामूली नुकसान हुआ है। 2 लाख 13 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बिजाई हुई थी, जिसमें से मात्र दो से तीन हजार हेक्टेयर ही गेहूं की कटाई हुई है। खेतों में पक चुकी गेहूं को नुकसान नहीं पहुंचा है। किसानों को नुकसान यही है कि अब गेहूं में नमी के कारण कटाई करीब एक हफ्ता और लेट होगी। फरीदकोट में तेज बारिश व ओले गिरने से जिले में गेहूं की फसल को काफी नुकसान हुआ है।

किसानों का दावा है कि ओले गिरने से गेहूं कि दाने गिर गए हैं। गांव पक्खी, भागथला, कबरवच्छा में बारिश व ओले गिरने से फसल खेतेां में बिछ गई है। किसानों का कहना है कि करीब 450 एकड़ फसल को नुकसान पहुंचा है। डीसी राजीव पराशर ने माल विभाग को बारिश व ओलावृष्टि से हुए नुक्सान की रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। मानसा में करीब 20 फीसद फसल को नुकसान पहुंचा है। भीखी क्षेत्र के किसान मेजर सिंह, कुलदीप सिंह ढैपयी, लखमीर सिंह चहल, हरवीर सिंह जस्सड़, अमनदीप सिंह जस्सड़, बलकार सिंह रूबी का कहना है कि फसल के झाड़ में कमी नहीं आएगी बल्कि फसल की कटाई में अब देरी होगी।

बठिंडा में शहर व आसपास के क्षेत्रों में हल्की बारिश होने से फसल को नुकसान नहीं पहुंचा है लेकिन कस्बा तलवंडी साबो में तेज बारिश के कारण कुछ क्षेत्रों में फसल खेतों में बिछ गई है। कृषि विभाग का कहना है कि फसल को मामूली नुकसान हुआ है हालांकि किसान मौसम के पूर्वानुमान को लेकर चिंतित हैं। फिरोजपुर, फाजिल्का, अबोहर में बारिश नहीं हुई है जबकि संगरूर, बरनाला, पटियाला और फतेहगढ़ साहिब में मामूली बारिश हुई जिससे फसल को कोई नुकसान नहीं हुआ।

दोआबा में कम नुकसान

कपूरथला, नवांशहर व रूपनगर में हल्की बारिश हुई है, जिससे फसल को नुकसान नहीं पहुंचा है। होशियारपुर में कंडी एरिया होने से हल्की बारिश को कृषि विशेषज्ञ गेहूं की फसल के लिए फायदेमंद बता रहे हैं। कारण, कंडी एरिया की मिट्टी रेतीली होती है। पठानकोट में कहीं-कहीं खेत में गेहूं की फसल बिछ गई है। हालांकि, ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है।

गुरदासपुर जिले में बारिश के साथ तेज हवा चली। इसके चलते किसानों द्वारा लेट बिजाई की गई फसल को थोड़ा नुकसान हुआ है। खेतीबाड़ी अधिकारी रमेश कुमार ने बताया कि जिले में एक लाख 70 हजार हेक्टेयर रकबे में गेहूं की बिजाई की गई है। सोमवार को उनके नेतृत्व में एक टीम ने जिले में दौरा किया। एक या दो फीसद ही नुकसान का अनुमान है।

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