परेाशन मत होना, मैं वापस आऊंगा... कुंडली बार्डर पर जान देने वाले गुरप्रीत ने घरवालों से कहे थे ये आखिरी शब्द
गांव उच्ची रूड़की में गुरप्रीत की पत्नी मनदीप ने कहा कि पति से पिछली बार फोन पर बात की थी तो उन्होंने कहा था कि मेरे फोन की बैटरी कम है। फोन बंद हो रहा है परेशान मत हो मैं वापस आऊंगा। उन्होंने बाद में फोन किया लेकन उठा नहीं।
इकबालदीप संधू, मंडी गोबिंदगढ़। दिल्ली के कुंडली बार्डर पर बुधवार को गांव उच्ची रूड़की के किसान गुरप्रीत सिंह की ओर से आत्महत्या किए जाने के बाद क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। गुरमेल ने पेड़ से लटककर जान दे दी थी। गुरप्रीत सिंह तीन कृषि कानूनों को न निरस्त करने से परेशान बताया जा रहा था। उसकी मौत की खबर सुनते ही गांव में मातम छा गया। किसान संगठन के लोग गांव रूड़की में पहुंच उसके घरवालों को सांत्वना दे रहे हैं।
गुरप्रीत की पत्नी मनदीप कौर ने कहा कि जब से संघर्ष चल रहा था, तब से पति गुरप्रीत समर्थन देने के लिए उसमें शामिल होने जाते थे। घर लौटकर वह बताते थे कि वहां कोई नहीं पूछ रहा। इसलिए, ये संघर्ष कब तक चलेगा उन्हें पता नहीं। नम आंखों से पत्नी ने कहा कि पिछली बार जब गुरप्रीत ने फोन पर बात की थी तो कहा था कि मेरे फोन की बैटरी कम है। फोन बंद हो रहा है, परेशान मत हो, मैं वापस आऊंगा। उन्होंने बाद में फोन किया लेकन गुरप्रीत ने उठाया नहीं। फिर करीब 7 बजे बेटे ने फोन किया तो किसी और ने फोन उठाया और पूरी घटना के बारे में बताया। मनदीप ने कहा कि उसके पति निजी स्कूल की बस चलाते थे। घर में सास के अलावा 19 वर्षीय बेटा है।
गुरप्रीत के परिवार के सदस्यों ने कहा कि जब से किसान संघर्ष शुरू हुआ, गुरप्रीत समय-समय पर किसान संघर्ष में शामिल होने जाता था। वह उनसे किसान संघर्ष के बारे में बात करता रहता था। उन्हें गुरप्रीत की मौत की खबर मिली तो उन्हें यकीन नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि कृषि सुधार कानूनों को निरस्त किया जाना चाहिए। किसानों का दर्द देखा नहीं जा सकता।
सरकार से मुआवजे की मांग
परिवार के सदस्यों ने पंजाब सरकार से मुआवजे की मांग की है। एक सदस्य ने कहा कि परिवार को सरकार की तरफ से मुआवजा दिया जाए। उन्होंने गुरप्रीत के बेटे को सरकारी नौकरी भी दी जाए। उन्होंने कहा कि गुरप्रीत एक मेहनती व्यक्ति था, उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।