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सुल्तानपुर लोधी में बड़ा उलटफेर, राणा के बेटे के समर्थन में आए कौंसिल प्रधान, उपप्रधान समेत 8 पार्षद

Punjab Assembly Election 2022 नगर कौंसिल सुल्तानपुर लोधी के प्रधान दीपक धीर राजू समेत दस पार्षद कांग्रेस विधायक नवतेज चीमा का साथ छोड़कर मंत्री राणा गुरजीत के बेटे राणा इंद्रप्रताप सिंह के साथ आकर खड़े हो गए हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 02:37 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 02:37 PM (IST)
सुल्तानपुर लोधी में बड़ा उलटफेर, राणा के बेटे के समर्थन में आए कौंसिल प्रधान, उपप्रधान समेत 8 पार्षद
सुल्तानपुर लोधी से दिग्गज कांग्रेस नेता राणा गुरजीत के बेटे निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं। जागरण

हरनेक सिंह जैनपुरी, सुल्तानपुर लोधी। विधानसभा हलका सुल्तानपुर लोधी में बड़ा उलटफेर हुआ है। कांग्रेस उम्मीदार और मौजूदा विधायक नवतेज सिंह चीमा के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं। सोमवार की रात उनके लिए बड़ा झटका साबित हुई। नगर कौंसिल सुल्तानपुर लोधी के प्रधान दीपक धीर राजू, कांग्रेस के शहरी प्रधान संजीव मरवाहा, इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन तेजवंत सिंह और उप प्रधान, विधायक चीमा के भतीजे नवनीत सिंह चीमा समेत कांग्रेस के सभी 10 काउंसलर कांग्रेस विधायक का साथ छोड़कर आजाद उम्मीदवार के तौर पर मैदान में डटे राणा इंद्रप्रताप सिंह के साथ आकर खड़े हो गए हैं।

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यहां से कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह के बेटे राणा इंद्र प्रताप सिंह कांग्रेस का टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं। राणा गुरजीत के खुलकर बेटे के समर्थन में उतरने के बाद सुल्तानपुर लोधी हलके की चुनावी जंग बिल्कुल बदल गई है। कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत ने विधायक नवतेज चीमा के खिलाफ उनके पैृतक गांव बूसोवाल से मुहिम शुरू की थी। इसके बाद सोमावर की मध्यरात्रि को कांग्रेस प्रत्याशी और विधायक नवतेज सिंह चीमा को बड़ा झटका लगा है। नगर कौंसिल सुल्तानपुर लोधी के कुल 13 काउंसलर हैं, जिनमें 10 कांग्रेस और 3 अकाली दल के हैं। आजाद उम्मीदवार राणा इंद्रप्रताप सिंह के पक्ष में आए कांग्रेस के सभी 10 काउसलरों ने कांग्रेस आला कमान से नवतेज चीमा की दी गई टिकट वापस लेकर राणा इंद्र प्रताप सिंह को देने की मांग की है।

चीमा पर लगाए गंभीर आरोप

काउंसलर नरेश कोहली और काउंसलर अशोक मोगला ने विधायक चीमा पर नगर कौंसिल के चुनाव के दौरान टिकट देने के लिए सभी काउसलरों से ब्लैंक चेक लेने के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि उनसे ब्लैंक चेक लेने के बाद ही काउंसलर की दी गई। इससे वह अंदर ही अंदर बेहद डरे हुए थे। इसी कारण उन्होंने राणा इंदप्रपात सिंह का समर्थन करने का फैसला किया है। 


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