पंजाब चुनाव 2022ः भाजपा में एंट्री करेंगे कांग्रेस के पूर्व विधायक अरविंद! पूर्व सीएम कैप्टन की बुआ के बेटे हैं खन्ना
वर्ष 1998 में दिल्ली के बड़े व्यापारी अरविंद खन्ना ने संगरूर में अकाली दल के दिग्गज तत्कालीन केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा के माध्यम से अकाली दल में एंट्री की थी। 2000 में कैप्टन अमरिंदर सिंह से रिश्तेदारी व नजदीकियों के चलते उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था।
सचिन धनजस, संगरूर। सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस के विधायक फतेहजंग सिंह बाजवा व बलविंदर सिंह लाडी के बाद अब कांग्रेस के पूर्व विधायक अरविंद खन्ना भी भाजपा में एंट्री करेंगे। उनकी भाजपा में एंट्री को लेकर खाका तैयार हो गया है। पांच जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फिरोजपुर में होने वाली रैली या उससे पहले अरविंद खन्ना के शामिल होने की संभावनाएं हैं। हालांकि, पहले अरविंद खन्ना के कभी अकाली दल, तो कभी कांग्रेस में ही वापसी की चर्चा थी, लेकिन अब कयासों को खत्म कर वह भाजपा का दामन थामकर संगरूर में राजनीतिक एंट्री करने वाले हैं। खन्ना पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बुआ के बेटे हैं।
वर्ष 1998 में दिल्ली के बड़े व्यापारी अरविंद खन्ना ने संगरूर में अकाली दल के दिग्गज तत्कालीन केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा के माध्यम से अकाली दल में एंट्री की थी। 2000 में कैप्टन अमरिंदर सिंह से रिश्तेदारी व नजदीकियों के चलते उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। वह 2002 में संगरूर से कांग्रेस की टिकट पर विधानसभा चुनाव में विजयी हुए थे। 2004 में अरविंद कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमाने उतरे, लेकिन शिकस्त खा गए थे। 2007 के विधानसभा चुनावों में घरेलू कारणों के चलते दूरी बनाकर रखी।
वर्ष 2012 में फिर से राजनीति में सक्रिय हुए और धूरी से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीते। हालांकि, इस बीच अरविंद खन्ना को घरेलू समस्याओं के चलते विधायक पद से त्यागपत्र देकर राजनीति से दूरी बनानी पड़ी। मौजूदा 2022 के विधानसभा चुनावों में फिर से अरविंद खन्ना के राजनीति में सक्रिय होने की चर्चाएं प्रबल हो रही हैं। संभावना है कि खन्ना के भाजपा में एंट्री के बाद कांग्रेस व अकाली दल के कई बड़े चेहरे भाजपा का दामन थामेंगे।
माझा का एक और कांग्रेस विधायक भी भाजपा में जाने की तैयारी में
जासं, तरनतारन। सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस के विधायक फतेहजंग सिंह बाजवा व बल¨वदर ¨सह लाडी के बाद एक और कांग्रेस विधायक भाजपा में जाने की तैयारी में है। माझा क्षेत्र से संबंधित इस कांग्रेस विधायक ने अनुसूचित जाति से संबंधित आरक्षित सीट से 2017 के चुनाव में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी को छह हजार से अधिक मतों से हराया था। विधानसभा चुनाव में टिकट दिलाने वाले सांसद की तरफ से हलके में लगातार दखलअंदाजी के कारण इस कांग्रेस विधायक ने पार्टी हाईकमान के समाने तीन बार सांसद को समझाने की गुहार भी लगाई, परंतु सुनवाई नहीं हुई। क्षेत्र में करवाए जा रहे विकास कार्यों के उद्घाटन के संबंध में लगाए गए पत्थर को हटाने का मामला भी हाईकमान के पास पहुंचा था, जिसमें सांसद ने सफाई देते उक्त घटनाक्रम से पल्ला झाड़ लिया था। बताया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय लीडरिशप के साथ उक्त विधायक की बातचीत हो चुकी है। जल्द ही वह भाजपा में शामिल हो सकता है। उक्त विधायक से जब संपर्क किया तो उन्होंने बस इतना ही कहा कि अभी देखो आगे-आगे होता है क्या?