Punjab Budget Expectations: आर्थिक मंदी झेल रही इंडस्ट्री को उम्मीद, बजट में मिलेगी राहत
आर्थिक मंदी झेल रही इंडस्ट्री को पंजाब सरकार की तरफ से पेश किए जा रहे बजट में उम्मीद है कि इस बार जरूर कुछ न कुछ राहत मिलेगी। हालांकि व्यापारी नेता कोई खास उम्मीद नहीं रख रहे हैं।
जालंधर, जेएनएन। पंजाब सरकार का बजट एक बार फिर से उद्योग जगत की नजरों में है। बीते लंबे अरसे से आर्थिक मंदी झेल रही इंडस्ट्री को पंजाब सरकार की तरफ से पेश किए जा रहे बजट में उम्मीद है कि इस बार जरूर कुछ न कुछ राहत मिलेगी। हालांकि व्यापारी नेता कोई खास उम्मीद नहीं रख रहे हैं, लेकिन उनका मानना यह है कि अगर पंजाब की कांग्रेस सरकार को अपना भविष्य संवारना है तो इंडस्ट्री को राहत हर हाल में देनी होगी। इसके लिए बजट एक उम्दा मौका हो सकता है।
इंडस्ट्रियल एंड ट्रेडर्स ज्वाइंट एक्शन कमेटी के कन्वीनर गुरशरण सिंह ने कहा कि बीते तीन साल में पंजाब सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया है जिससे इंडस्ट्री को राहत मिल सके। शुक्रवार को भी पेश किए जा रहे बजट से कोई ज्यादा उम्मीद नहीं है, लेकिन फिर भी इंडस्ट्री को सस्ती बिजली एवं वैट रिफंड हर हाल में दिए जाने चाहिए इसके बिना इंडस्ट्री का चल पाना संभव नहीं है। गुरशरण सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार को उद्योगपतियों को अपनी ही अफसरशाही से प्रताडि़त होना भी बचाना चाहिए।
व्यापार सेना पंजाब के नेता रविंद्र धीर ने कहा कि बीते लंबे अरसे से वह पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल से मुलाकात का समय मांग रहे हैं, लेकिन अभी तक मुलाकात संभव नहीं हो सकी है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार को सस्ती बिजली और वैट रिफंड के अलावा जीएसटी स्लैब में बदलाव किए जाने संबंधी केंद्र पर भी दबाव बनाना होगा। उन्होंने कहा कि पंजाब में छोटी इंडस्ट्री तो खत्म होने की कगार पर है और पंजाब सरकार को अपने बजट में छोटी इंडस्ट्री के लिए राहत की घोषणा जरूर करनी चाहिए।
लेदर व्यापारी एसपीएस राजू विर्क ने कहा कि सस्ती बिजली के बिना इंडस्ट्री का चल पाना संभव ही नहीं है। पंजाब सरकार पांच रुपये प्रति यूनिट बिजली देने की घोषणा करने के बाद भी उसको लागू नहीं कर सकी है। बजट में कम से कम यह घोषणा तो कर देनी चाहिए कि पांच रुपये से ज्यादा प्रति यूनिट बिजली नहीं बेची जाएगी। राजू विर्क ने कहा कि पंजाब की अफसरशाही इंडस्ट्री के हक में नहीं है यही वजह है कि इंडस्ट्री तालाबंदी झेल रही है।
फोकल प्वाइंट एक्सटेंशन एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह सग्गू ने कहा कि चीन के बाद अब दुनिया भर के देशों की नजर देश की और विशेषकर पंजाब की इंडस्ट्री पर है। पंजाब सरकार को बजट में ऐसे प्रावधान करने चाहिए कि एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए पंजाब सरकार की तमाम अफसरशाही एवं संबंधित विभाग इंडस्ट्री को विदेशों से आर्डर दिलवाए और पेमेंट की भी गारंटी ले। इसके अलावा सस्ती बिजली देने की घोषणा तो अनिवार्य है।
खेल बजट बढ़ेगा, तभी पदक लाएंगे खिलाड़ी
पंजाब कुश्ती संस्था के प्रधान पदमश्री करतार सिंह ने कहा कि राज्य खेलों के मामले में अन्य राज्यों से पिछड़ रहा है। बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है। खेलों का बजट अलग से होना चाहिए। पदक विजेता के लिए नकद राशि बढ़ाने के साथ-साथ डाइट मनी भी बढ़ानी चाहिए। खेल बजट बढ़ेगा तो राज्य के खिलाड़ी अधिक से अधिक पदक लाएंगे।
अलग से खेल बजट होना चाहिए
रेसलिंग कोच राजिंदर सिंह ने कहा कि खेल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए अलग से खेल बजट होना चाहिए। खिलाडिय़ों को बेहतर सुविधाएं मिलनी चाहिए। खेल के विषय को शिक्षा में अनिवार्य किया जाना चाहिए। आधुनिक स्टेडियम बनाए जाने चाहिए ताकि खिलाड़ी दूसरे राज्य में जाकर अभ्यास न करें। खिलाडिय़ों के सर्वपक्षीय वाला बजट होना चाहिए।
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