7 दिनों से सफाई कर्मी हड़ताल पर, शहर में लगे कूड़े के ढेर
नगर कौंसिल के अंतर्गत 7 दिनों से सफाई कर्मचारियों की हड़ताल जारी है इसके चलते गुरुओं की नगरी शहर करतारपुर नर्क बन कर रह गया है।
संवाद सहयोगी, करतारपुर : अपनी मांगों को लेकर सात दिन से सफाई कर्मचारी हड़ताल पर हैं। इस कारण गुरुओं की नगरी करतारपुर में जगह-जगह कूड़े के ढेर लग चुके हैं। एक तरफ सरकार ने स्वच्छता अभियान चलाया है। वहीं, यहां सफाई व्यवस्था बदहाल है।
ठेका प्राइवेट हाथों में देने के बाद भी सफाई व्यवस्था नहीं सुधर रही है।
सिविल अस्पताल व कौंसिल कार्यालय के बाहर कूड़े के अंबार : एक सप्ताह से सफाई न होने के कारण सिविल अस्पताल और नगर कौंसिल कार्यालय के बाहर कूड़े के अंबार लग गए हैं। सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों को संक्रामक बीमारियों लगने का खतरा बना हुआ है। वहीं, नगर कौंसिल के बाहर लगे कूड़े के ढेर शहर में कूड़े की व्यवस्था का हाल बता रहे हैं।
किला कोठी में कूड़े के पास आवारा सांडों से खतरा : किला कोठी चौक पर लगे कूड़े के ढेरों के पास आवारा सांड जमा हो रहे हैं, घटनाओं को दावत दे रहे हैं। वहीं, यह सांड राहगीरों के लिए भी खतरा बने हुए हैं। यहां कूड़े की गंदगी सड़क तक बिखर गई है, जिससे गुजरने वाले राहगीरों बदबू का सामना करना पड़ रहा है। वहां क्षेत्रवासियों को संक्रामक बीमारियां का खतरा बना हुआ है। ऐसा ही हाल गोशाला गंगसर साहिब रोड का भी है, यहां भी कूड़े के ढेर जगह-जगह देखे जा सकते हैं।
सफाई कर्मचारियों की हड़ताल का यह है कारण : नगर कौंसिल ने शहर की सफाई का ठेका प्राइवेट हाथों में दिया था। ठेकेदार ने सफाई कर्मचारियों का ईपीएफ जमा नहीं किया है और 2 महीनों की तनख्वाह भी नहीं दी है। इस कारण सफाई कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं। इसे लेकर शुक्रवार को नगर कौंसिल के ईओ और पार्षदों ने ठेकेदार को नगर कौंसिल की बैठक में बुलाया था, लेकिन ठेकेदार कौंसिल कार्यालय नहीं पहुंचा।
डीसी जालंधर से हस्तक्षेप करने की मांग: एक सप्ताह से शहर में सफाई नहीं हो रही। करतारपुर निवासियों ने अब डीसी जालंधर वरिंदर शर्मा से इस मामले को खत्म करने के लिए हस्तक्षेप की मांग की है, ताकि शहर में बढ़ रही गंदगी की समस्या का समाधान निकल सके।