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सिविल अस्पताल जालंधर में नहीं थम रही मरीजों की परेशानियां, ग्लूकोज के बाद दर्द निवारक दवाइयों का स्टाक खत्म

जालंधर सिविल अस्पताल में मरीजों की परेशानियां थम नहीं रही है। मरीजों को इलाज के लिए दी जाने वाली 247 प्रकार की दवाइयों में से 145 प्रकार की स्टाक में है। ओपीडी में रोजाना एक हजार से 1200 के करीब मरीज इलाज करवाने के लिए पहुंच रहे है।

By Jagdish Kumar Edited By: Vinay kumarPublished: Thu, 06 Oct 2022 05:40 PM (IST)Updated: Thu, 06 Oct 2022 05:40 PM (IST)
सिविल अस्पताल जालंधर में नहीं थम रही मरीजों की परेशानियां, ग्लूकोज के बाद दर्द निवारक दवाइयों का स्टाक खत्म
जालंधर के सिविल अस्पताल में दर्द निवारक दवाइयों का स्टाक खत्म हो गया है।

जागरण संवाददाता, जालंधर। पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन के सबसे बड़े शहीद बाबू लाभ सिंह सिविल अस्पताल में मरीजों की परेशानियां थम नहीं रही है। अस्पताल में ग्लूकोज का स्टाक आने के बाद दर्द निवारक दवाइयां अस्पताल के लिए ‘दर्द ’बन गई है। अस्पताल में पिछले कई दिन दवाइयों की किल्लत के चलते मरीजों को इलाज के लिए आर्थिक बोझ झेलना पड़ रहा है। हालांकि इन दिनों इंफेक्शन वाले मरीजों को एंटीबायोटिक्स मिलने की वजह से थोड़ी राहत है। अस्पताल प्रशासन दवाइयों की डिमांड विभाग को भेजने की बात कर रहा है।

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सिविल अस्पताल में मरीजों को इलाज के लिए दी जाने वाली 247 प्रकार की दवाइयों में से 145 प्रकार की स्टाक में है। सेहत विभाग ने दवाइयों की सप्लाई में संख्या बढ़ा दी परंतु ज्यादातर मरीजों की जरूरत को पूरा करने वाली दवाइयों की किल्लत को पूरा करने में नाकाम रहा। सिविल अस्पताल में दर्द निवारक, पेट गैस तथा शुगर की दवा का स्टाक खत्म होने से मरीजों को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 1000 से 1200 के करीब मरीज इलाज करवाने के लिए पहुंच रहे है।

इनमें से तकरीबन 70 से 80 प्रतिशत मरीजों को दर्द निवारक तथा पेट गैस की समस्या का समाधान करने की दवा डाक्टर लिख रहे है। डाक्टर मरीजों को दवा लिख रहे है और मरीजों को फार्मेसी से दवा न मिलने की वजह से निराशा झेलनी पड़ रही है। मरीज को अस्पताल से मुफ्त दवा न मिलने की वजह से  बाजार से खरीदने पर 150-200 रूपये का आर्थिक बोझ झेलना पड़ रहा है।

डिपो स्तर से ही है दवाइयों की किल्लत

सिविल अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. राजीव शर्मा का कहना है कि दवाइयों की किल्लत डिपो स्तर से ही है। अस्पताल की ओर से डिमांड भेजी है। शुक्रवार को वेरका स्थित डिपो  में अस्पताल से टीम दवाइयां लेने के लिए जाएगी। अस्पताल में चार प्रकार के एंटीबायोटिक्स गोलियां व कैप्सूल तथा दो प्रकार के अस्पताल में भर्ती वालों के लिए स्टाक में है।

दो दवाइयां बाजार से लानी पड़ी : दलीप कौर

तल्हन की रहने वाली दलीप कौर का कहना है कि उनके पति बीमार है। दवा लेने के लिए आटो का खर्चा कर सिविल अस्पताल में इलाज करवाने के लिए आए । इलाज की प्रकिया में तीन घंटे का समय लगा। डाक्टर ने पर्ची पर तीन प्रकार की दवाइयां लिखी, परंतु फार्मेसी से केवल कैल्शियम की दवा मिली बाकी दो दवाइयां बाजार से लेने की सलाह दी। बाजार से यह दवाइयां कम से कम दो सौ रुपये में मिलेगी।

डाक्टर ने चार प्रकार की दवाइयां लिखी, फार्मेसी में एक भी नहीं मिली: बलबीर कौर

नूरमहल की रहने वाली बलबीर कौर का कहना है कि वह इलाज के लिए शाहकोट व नकोदर के अस्पताल के बाद किडनी में पत्थरी के लिए सिविल अस्पताल में इलाज के लिए आई थी। डाक्टर ने चार प्रकार की दवाइयां लिख कर दी। फार्मेसी से एक भी न मिलने से निराशा हाथ लगी। दवाइयां बाजार से खरीदनी पड़ेगी।


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