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Smart Meter लगे तो प्राइवेट कंपनी करेगी रखरखाव, Recovery की जिम्मेदारी भी लेगी Jalandhar News

फिलहाल निगम जलापूर्ति विभाग पर सालाना करीब 53 करोड़ रुपए खर्च कर रही है लेकिन रिकवरी 23 करोड़ की ही है। अगर प्राइवेट कंपनी के हाथ प्रोजेक्ट जाएगा तो राजनीतिक दखल बंद होगा।

By Sat PaulEdited By: Published: Sun, 15 Dec 2019 09:29 AM (IST)Updated: Sun, 15 Dec 2019 09:29 AM (IST)
Smart Meter लगे तो प्राइवेट कंपनी करेगी रखरखाव, Recovery की जिम्मेदारी भी लेगी Jalandhar News
Smart Meter लगे तो प्राइवेट कंपनी करेगी रखरखाव, Recovery की जिम्मेदारी भी लेगी Jalandhar News

जालंधर, जेएनएन। वाटर मीटर पॉलिसी के तहत अगर हर यूनिट पर स्मार्ट सिटी कंपनी स्मार्ट मीटर लगाती है तो इसके रखरखाव की जिम्मेदारी भी मीटर लगाने वाली कंपनी को ही दी जा सकती है। इससे मीटर लगाने से लेकर रिकवरी तक की जिम्मेवारी प्राइवेट कंपनी के पास चली जाएगी। इससे नगर निगम की वाटर सप्लाई से इनकम में चार गुणा तक बढ़ोतरी हो सकती है।

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फिलहाल निगम जलापूर्ति विभाग पर सालाना करीब 53 करोड़ रुपए खर्च कर रही है, लेकिन रिकवरी 23 करोड़ की ही है। अगर प्राइवेट कंपनी के हाथ प्रोजेक्ट जाएगा तो राजनीतिक दखल बंद होगा और सभी घरों को पानी का बिल देना ही होगा।

नगर निगम कमिश्नर दीपर्वा लाकड़ा स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ भी हैं। स्मार्ट वाटर मीटर लगाने के लिए स्मार्ट सिटी कंपनी के फंड से काम करवाया जा सकता है। इसे लेकर सीईओ लाकड़ा इसी हफ्ते लोकल बाडी सेक्रेटरी से भी मीटिंग करने चंडीगढ़ जाएंगे। अगर प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी कंपनी को मिल जाता है तो वाटर सप्लाई डिपार्टमेंट में निगम का दखल भी नाममात्र रह जाएगा।

शहर में लगेंगे डेढ़ लाख से ज्यादा मीटर

सरफेस वाटर प्रोजेक्ट भी लोन से ही पूरा होगा और बैंक भी इस प्रोजेक्ट को प्राइवेट कंपनी के हाथ ही देना चाहेंगे क्योंकि लोन की वापसी भी सुनिश्चित करनी है। एक स्मार्ट मीटर की कीमत आठ हजार रुपये के करीब है। शहर में डेढ़ लाख से ज्यादा मीटर लगाए जाने हैं। स्मार्ट सिटी कंपनी के तहत एरिया बेस्ड डेवलपमेंट-एबीडी इलाके में 24 घंटे पानी की सप्लाई के प्रोजेक्ट पर पहले से ही काम चल रहा है। यह प्रोजेक्ट करीब 130 करोड़ का है। एबीडी एरिया में सभी घरों, दुकानों, काॅमर्शियल, इंडस्ट्रियल यूनिट्स में स्मार्ट मीटर लगाने की प्रपोजल पहले का है। पूरे शहर में अगर स्मार्ट मीटर लगाने हैं तो इस पर करीब 125 करोड़ रुपए और खर्च आएंगे। ऐसे में स्मार्ट सिटी में इस प्रोजेक्ट को लाना भी चुनौती होगा।

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