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पांचवीं पास छात्रों को छठी कक्षा में खुद छोडऩे जाएंगे प्राइमरी शिक्षक, एक महीने तक लेंगे फीडबैक

राज्य भर के सरकारी प्राइमरी स्कूलों के टीचर 5वीं के पासआउट छात्रों को नए स्कूल की छठी कक्षा में दाखिल करवाएंगे और मुलाकात कर फीडबैक भी लेंगे।

By Sat PaulEdited By: Published: Sun, 07 Apr 2019 09:46 AM (IST)Updated: Mon, 08 Apr 2019 08:31 AM (IST)
पांचवीं पास छात्रों को छठी कक्षा में खुद छोडऩे जाएंगे प्राइमरी शिक्षक, एक महीने तक लेंगे फीडबैक
पांचवीं पास छात्रों को छठी कक्षा में खुद छोडऩे जाएंगे प्राइमरी शिक्षक, एक महीने तक लेंगे फीडबैक

जालंधर, [अंकित शर्मा]। राज्य भर के सरकारी प्राइमरी स्कूलों के टीचर 5वीं के पासआउट छात्रों को नए स्कूल की छठी कक्षा में दाखिल करवाएंगे और मुलाकात कर फीडबैक भी लेंगे। ऐसा पहली बार होने जा रहा है। शिक्षा विभाग की ओर से बच्चों को उस स्कूल के माहौल में रंगने के लिए प्राइमरी स्कूलों के टीचर्स को यह जिम्मेदारी दी गई है। इस दौरान प्राइमरी के शिक्षक छठी कक्षा के शिक्षक के साथ मिलकर आधे दिन की क्लास लगाएंगे। इस दौरान बच्चों को उनके नए शिक्षक से मिलवाया जाएगा। इसमें सभी बच्चों के लर्निंग मैथड, अकादमिक क्रियाओं, खेल आदि के संबंध में कमियों और खूबियों के बारे में चर्चा करेंगे। 

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बच्चों की क्वालिटी इम्पूवमेंट पर रहेगा फोकस

शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार ने कहा कि इस मास्टर प्लान को तैयार करने का उद्देश्य यही है कि बच्चों की खूबियों में पहले से ज्यादा निखार लाने और कमियों को दूर करने पर फोकस रहे। स्कूल मुखी भी इस बात का ध्यान रखें कि जब उनके स्कूल में प्राइमरी शिक्षक के आने पर मान सत्कार दिया जाए।

प्राइमरी अध्यापक एक महीने तक लेगा बच्चे की फीडबैक

प्राइमरी अध्यापक 1 महीने तक हर बच्चे की फीडबैक लेते रहेंगे। एक महीना पूरा होने के बाद शिक्षक दोबारा अपने बच्चों के साथ उनके स्कूल में मिलने जाएगे। वे स्कूल के बारे में चर्चा करेंगे ध्यान रखेंगे कि उसे किसी प्रकार की परेशानी न हो।

अब रि-अपीयर वाले स्टूडेंट्स को मिलेगा आरजी दाखिला

बीते दिनों शिक्षा विभाग ने 5वीं और 8वीं में रि-अपीयर वाले बच्चों को उसी क्लास में रोकने के फैसला दिया था। अब विभाग ने फिर से इस मामले में यू-टर्न ले लिया है। नए फरमान में यह कहा गया है कि अगर किसी बच्चे की 5वीं और 8वीं में रि-अपियर आई है तो उसे अगली क्लास में दाखिला टेंपरेरी (आरजी) तौर पर दिया जाए। मगर उनकी रि-अपीयर क्लीयर करवाने के लिए भी शिक्षक पूरी तैयारी करवाएंगे, क्योंकि परीक्षा जून में होनी है। क्लीयर न कर पाने की स्थिति में बच्चे तो उन्हें वापिस पुरानी कक्षा में ही भेज दिया जाएगा।

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