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कमजोर कार्यप्रणाली से मुरझा रहे पौधे

स्वच्छ पर्यावरण के लिए पौधारोपण करने में जालंधरवासी काफी पिछड़े हुए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Jul 2020 01:33 AM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2020 06:10 AM (IST)
कमजोर कार्यप्रणाली से मुरझा रहे पौधे
कमजोर कार्यप्रणाली से मुरझा रहे पौधे

जागरण संवाददाता, जालंधर : स्वच्छ पर्यावरण के लिए पौधारोपण करने में जालंधरवासी काफी पिछड़े हुए हैं। देश के मुकाबले पंजाब और जिले में वन क्षेत्र काफी कम हैं। पंजाब में 3084 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र है, जो पंजाब की कुल भूमि का 6.12 फीसद और देश का 0.40 फीसद है।

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इसी तरह जिला जालंधर इस दौड़ में काफी पिछड़ा हुआ है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 10.61 वर्ग किलोमीटर का इलाका जंगल के अधीन आ रहा जो कुल क्षेत्रफल के केवल 0.4 फीसदी है। स्थानीय जंगलात विभाग के 5600 हेक्टेयर यानी 56 किलोमीटर का इलाका जंगलात के अधीन है। इसके आधार पर जालंधर में जंगलात का क्षेत्र 2.13 फीसद है जो नीतियों पर खरा उतरने के लिए कोसों दूर है। जंगलात क्षेत्र के आंकड़ों को लेकर विभाग की रिपोर्ट भी आपस में मेल नहीं खाती है।

पौधारोपण के बाद उनकी देखभाल बेहद जरूरी

पहल संस्था के प्रधान प्रो. लखबीर सिंह के बेटे इंजीनियर लियाकत बीर सिंह का कहना है कि सरकारी नीतियां, व्यवस्था व लोगों के दिल में पौधों प्रति संवेदना बहुत कम है। विभाग हर साल लाखों की तादाद में पौधारोपण करने बाद इनकी देखभाल भूल जाता है। इनकी संपूर्ण रूप से देखभाल और सुरक्षा भगवान भरोसे रहती है। हर साल विभाग और लोगों की लापरवाही के चलते 25 से 30 पौधे मर जाते है। लोग भी पौधे लगा कर भूल जाते हैं। जंगलात विभाग के पास मुलाजिमों की कमी के चलते पौधों का विकास बलि चढ़ रहा है। छोटे पौधे जल्दी खराब हो जाते हैं

इंजीनियर लिकायतबीर सिंह ने बताया कि पौधारोपण करने के लिए पौधे की लंबाई करीब चार से पांच फुट तक होनी चाहिए। जंगलात विभाग की ओर से मुहैया करवाएं जाने वाले पौधों की लंबाई महज एक फुट होती है जो जल्द खराब होते हैं। हर कोई पौधा लगा उसकी देखभाल करे तो पर्यावरण होगा स्वच्छ

पौधारोपण से स्वच्छ पर्यावरण निर्माण के लिए सफर काफी लंबा है। स्कूल में दाखिला लेने वाले हर बच्चे को स्कूल में एक पौधा लगाना चाहिए और अपनी पढ़ाई के साथ उसकी देखभाल करनी चाहिए। इसके अलावा बच्चे के जन्म दिन, शादी की वर्षगांठ तथा बुजुर्गों की याद में प्रत्येक व्यक्ति एक-एक पौधा लगाए और उसका परिवार के सदस्य की तरह पालन पोषण करे तो पर्यावरण को प्रदूषण से बचाना संभव है। उन्होंने कहा कि पौधे ऐसे लगाने चाहिए जिनसे आम जनता को लाभ हो। छायादार, फलदार और फूलों वाले पौधे लगाए जाएं तो उसका दोहरा फायदा होगा।


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