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पिता ने बेटे, चाचा ने भतीजी का गला घोंटा; मां ने दिया था बोरा

करीब एक साल पहले तल्हण गांव में अपने दो मासूम बच्चों की हत्या के मामले में पुलिस ने रिमांड के दौरान पिता से पूछताछ की।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 11:46 PM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 11:46 PM (IST)
पिता ने बेटे, चाचा ने भतीजी का गला घोंटा; मां ने दिया था बोरा
पिता ने बेटे, चाचा ने भतीजी का गला घोंटा; मां ने दिया था बोरा

संवाद सहयोगी, जालंधर

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करीब एक साल पहले तल्हण गांव में अपने दो मासूम बच्चों की हत्या कर शव गांव के बाहर तालाब में फेंकने के मामले में पुलिस ने बिहार के दरभंगा जिले के पटौरी गांव निवासी रंजीत मंडल को गिरफ्तार किया तो खुलासा हुआ कि उसने पहले पत्नी को कहा था कि अपने बच्चों को साथ लेकर घर छोड़ दे। उसकी पत्नी रंगीली ने विरोध किया तो उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया।

रिमांड के दौरान पुलिस की पूछताछ में रंजीत मंडल ने बताया कि बच्चों को स्कूल से जबरन ले आया और अपने भाई संगीत मंडल के घर पर ले गया। वहां पर पहले बच्चों खाने में नशीली चीज देकर बेहोश कर दिया। रंजीत ने अपने तीन वर्षीय पुत्र राकेश का गला घोंटा और उसके भाई संगीत ने पांच वर्षीय अनमोल का गला घोंट कर हत्या कर दी। उनकी मां बीना मंडल बोरा लेकर आई और बहन पूजा ने मृत बच्चों को बोरे में बंद करने में मदद की थी। इसके बाद रंजीत और संगीत बच्चों के शव को ले गए और तल्हण के छप्पड़ में फेंक दिया। पुलिस जांच में सामने आया कि रंजीत हत्या करने के बाद लुधियाना चला गया और दो दिन तक वहां प्लेटफार्म पर रहा। इसके बाद वो अलग-अलग शहरों में जाकर मजदूरी करता रहा। इस दौरान वह अपने स्वजनों के संपर्क में रहा। वारदात के दो महीने के बाद रंजीत के स्वजन गांव कादियांवाल में रहने चले गए। वहां पर उन्होंने रंजीत से संपर्क किया तो वो भी आ गया। रंजीत के आते ही वहां पर रहे वाली एक युवती के साथ उसकी शादी करवा दी। अब रंजीत मंडल फिर से पिता बनने वाला था, लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। थाना प्रभारी रछपाल सिंह ने बताया कि आरोपितों से जो जानकारी चाहिए थी, वो सारी मिल गई है। उनसे कोई बरामदगी नहीं करनी थी। पूछताछ के बाद सभी को जेल में भेज दिया गया है। दो घंटे तक आटो में लेकर घूमता रहा था बच्चों के शव

रंजीत अपने बच्चों की हत्या कर उनके शव को फेंकने के लिए दो घंटे तक आटो में लेकर घूमता रहा। उसके साथ उसका भाई संगीत भी था। जांच में सामने आया था कि रंजीत को आखिरी बार बच्चों को आटो में ले जाते हुए देखा गया था। दो घंटे तक वो यही देखता रहा कि बच्चों की लाश कहां पर फेंका जाए। छप्पड़ को देख कर उसने बच्चों के शव वहीं पर फेंक दिए। दस दिनों बाद बच्चों को शव मिले थे। यह है मामला

दिसंबर 2020 में तल्हण के पास सलेमपुर रोड स्थित छप्पड़ से दो मासूम बच्चों शव मिले थे। पुलिस की जांच में सामने आया था कि बच्चों की हत्या की गई है। मां रंगीली देवी ने आरोप लगाया था कि बच्चों की हत्या उससे पिता रंजीत मंडल ने ही की है। रंजीत 30 नवंबर को ही ईसपुर स्थित सरकारी स्कूल से ही बच्चों को जबरन ले गया था। बिहार के कटिहार जिले के फलका थाने के बबनी गांव निवासी रंगीली देवी व दरभंगा के पटौरी गांव के निवासी रंजीत का विवाह छह साल पहले हुआ था। इसके बाद उनका रिश्ते में खटास आती गई। रंगीली का आरोप था कि उसका पति उस पर शक करता था, जिस कारण उनकी लड़ाइयां होती थी।


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