आतंकी जाकिर मूसा के साथियों को पता है मकसूदां थाना ब्लास्ट केस का सच, तलाश में जुटी पुलिस
अंसार-गजावत-उल-हिंद के सरगना जाकिर मूसा के साथियों गाजी और रऊफ की गिरफ्तारी के बाद ही मकसूदां थाना ब्लास्ट केस की सच्चाई सामने आएगी।
संवाद सहयोगी, जालंधर : मकसूदां थाने में 14 सितंबर को हुए सीरियल ब्लास्ट में गिरफ्तार किए गए शाहिद कयूम और फाजिल बशीर से रिमांड के दौरान पुलिस ने एक साथ दोनों को बिठाकर पूछताछ की। हालांकि पुलिस अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। अभी तक जितने लोगों से पूछताछ हुई उनमें से भी कोई खास जानकारी नहीं मिली है। बताया जा रहा है कि कयूम और बशीर से पूछताछ के बाद गाजी और रउफ की गिरफ्तारी के पुलिस टीमें रवाना हो गई हैं। डीसीपी गुरमीत सिंह ने बताया कि गाजी और रउफ की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं और उनकी गिरफ्तारी के बाद ही मकसूदां मामले की सच्चाई सामने आएगी।
मकसूदां थाने में ब्लास्ट के मामले में पुलिस ने जालंधर के सेंट सोल्जर कालेज में सिविल इंजीनियङ्क्षरग कर रहे दो छात्रों 22 वर्षीय शाहिद कयूम और 23 वर्षीय फाजिल बशीर को गिरफ्तार किया था। उनके दो साथी रउफ अहमद उर्फ रउफ और मीर उमर रमजान उर्फ गाजी फरार हैं। जांच में सामने आया था कि कयूम और बशीर करीब दो साल से जालंधर में पढ़ रहे थे। मकसूदां में ही दोनों एक पीजी में रहते थे। दोनों आंतकी संगठन अंसार-गजावत-उल-हिंद के सरगना जाकिर रशीद बट उर्फ जाकिर मूसा के साथी हैं।
मूसा और उसके राइट हैंड आमिर ने ही दोनों को कश्मीर में आतंकी ट्रेनिंग दी थी। वहीं, रउफ और मीर कश्मीर में रहते हैं। वारदात से एक दिन पहले 13 सितंबर को रउफ और मीर कश्मीर से हवाई जहाज के जरिए चंडीगढ़ मोहाली में पहुंचे। वहां से बस के जरिए जालंधर में आए और मकसूदां चौक पर दोनों को कयूम और बशीर से मिले। चारों ने मकसूदा के पीजी में एक साथ रात गुजारी। वारदात वाले दिन 14 सितंबर को उन्होंने साढ़े चार से साढ़े पांच बजे तक रेकी की। इसके बाद 7.40 मिनट पर चारों ने चार हैंड ग्रेनेड थाने में फेंके और पटेल चौक के रास्ते फरार हो गए।