कमिश्नर को शिकायत दी तो हुआ समझौता, डीजीपी से मिले तो पर्चा दर्ज
वर्क परमिट पर कैनेडा भिजवाने का झासा देकर युवक को बैंकाक जकार्ता व बाली घुमाते रहे।
जागरण संवाददाता, जालंधर : वर्क परमिट पर कैनेडा भिजवाने का झासा देकर युवक को बैंकाक, जकार्ता व बाली घुमाते रहे। इसके बदले करीब 35.60 लाख रुपये ठग लिए। युवक किसी तरह वापस लौटा तो आरोपितों ने कोई बात नहीं सुनी। पुलिस कमिश्नर को शिकायत दी तो केस दर्ज करने की जगह पुलिस की हाजिरी में समझौता हो गया। इस दौरान पुलिस ने उनके पास पैसे देने के सुबूत के तौर पर मौजूद वीडियो व फोटो तक नहीं देखी। पीड़ित चंडीगढ़ में डीजीपी दिनकर गुप्ता से मिले और शिकायत करते हुए कमिश्नरेट पुलिस के एक एसीपी व उनके रीडर पर भी आरोप जड़े तो हरकत में आई पुलिस ने अब थाना छह में ट्रैवल एजेंट व उसके साथी पर धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है। अब इसकी जाच भी दूसरे एसीपी को सौंप दी गई है।
बूटा पिंड निवासी रफी सिंह ने डीजीपी को शिकायत दी कि उनका बेटा रोहित नौकरी के लिए विदेश जाना चाहता था। इसके लिए उसके फेसबुक फ्रेंड ने आकाश शर्मा का नाम बताया। उन्होंने आकाश से संपर्क किया तो उसने कनाडा भेजने के लिए 33 लाख रुपये मागे। उन्हें कहा गया कि 11 सितंबर 2018 को बेटे की दिल्ली से इंडोनेशिया की फ्लाइट है। बेटा यहा से इंडोनेशिया मनदीप सिंह के पास पहुंच गया। मनदीप ने उन्हें भरोसा दिलाया कि उनका जानकार परिवार आएगा और रोहित को कनाडा ले जाएंगे। 21 सितंबर को बेटे को बाली के एक अपार्टमेंट ले गए और कहा कि वही परिवार उन्हें कनाडा लेकर जाएगा। 23 अक्टूबर को बेटे का फोन आया कि वह थाइलैंड पहुंच गया है, जहा उसे तीन दिन रहने को कहा है। 26 अक्टूबर को बेटे का फिर फोन आया कि वह कुछ अन्य लोगों के साथ बाली पहुंच गया है। यहा से कनाडा की सीधी फ्लाइट है। 27 अक्टूबर को आकाश भी बाली पहुंच गया। इसके बाद उनके बेटे का फोन बंद हो गया। उन्होंने फोन किया तो आकाश शर्मा ने कहा कि बेटा बाहर घूमने गया है, लौटते ही फोन करने को कहूंगा। हालाकि बेटे से संपर्क नहीं हुआ। फिर आकाश ने उन्हें फोन करके कहा कि बेटे का कनाडा का वीजा लग गया है। इसके बाद आरोपितों से सही ढंग से बात करनी बंद कर दी। 13 अगस्त को मनदीप सिंह के फोन से बेटे ने बात करते हुए कहा कि वह ठगे गए हैं। उसका कनाडा का वीजा नहीं लगा। 19 अगस्त को बेटा भारत वापस लौट आया। वह आकाश से मिलने गुरुग्राम स्थित उसके घर गए तो उन्होंने दरवाजा ही नहीं खोला। इसके बाद 28 अगस्त 2019 को उन्होंने पुलिस कमिश्नर को शिकायत दी। जाच एक एसीपी को सौंपी गई। इसके बाद आकाश एसीपी के दफ्तर आया और स्वीकार किया कि उसने शिकायतकर्ता से पैसे लिए हैं। एसीपी के रीडर ने इसे लिखित में दर्ज किया। उन्होंने एसीपी व उनके रीडर को कई बार कहा कि पैसे लेते की वीडियो क्लिप व फोटोग्राफ रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किए। एडीसीपी की जाच में ट्रैवल एजेंट कसूरवार
एडीसीपी हरप्रीत बैनीपाल ने इसकी जाच के बाद रिपोर्ट दी कि रफी ने बेटे रोहित को विदेश में पक्के तौर पर वर्क परमिट दिलाने के लिए ट्रैवल एजेंट आकाश से 33 लाख में सौदा किया। सौदा गुरुग्राम में हुआ लेकिन पैसों का लेन-देन शिकायतकर्ता के जालंधर के घर में हुआ। उन्होंने आकाश शर्मा को 22 अक्टूबर 2018 को 15 लाख और अगले दिन आठ लाख रुपये दिए। फिर 13 जून 2019 को 20 लाख रुपये आकाश के घर गुरुग्राम में दिए। 2.60 लाख मनदीप सिंह के कहने पर होशियारपुर में उसके जीजा को दिए। इस तरह 35.60 लाख रुपये लेने के बावजूद लड़के को पहले बैकाक, फिर जकार्ता इंडोनिशया व बाली आदि जगहों पर भेजा। इसके बाद परेशान होकर उनका बेटा वापस लौट आया। पहली शिकायत में उनका 14 अक्टूबर 2019 को राजीनामा हो गया था। जिसमें आकाश ने 23 लाख वापस करने की बात मान ली। जिससे पैसे लेने की बात साबित हो गई। आगे इसकी जाच एसीपी मॉडल टाउन हरिंदर सिंह को सौंप दी गई है। विधायक की सिफारिश भी लगवाई
रफी ने कहा कि उन्होंने एक विधायक की भी कमिश्नरेट पुलिस को सिफारिश करवाई कि उनकी बड़ी रकम डूब गई है लेकिन पहले जाच करने वाले एसीपी ने पैसे लेने की वीडियो की पुष्टि के लिए उनके घर का जायजा तक नहीं लिया। पिछली बार राजीनामे से भी वो संतुष्ट नहीं थे क्योंकि आकाश सिर्फ 23 लाख देने की बात माना था। 10 लाख जो उसके अन्य स्वजनों को दिए गए थे, उसने वो पैसे उनसे ही लेने को कहा। अब अगर उनके खिलाफ पर्चा दर्ज नहीं हुआ है तो उनके बाकी पैसे कौन देगा?। वो वकील से सलाह कर इस मामले में आगे की कार्रवाई करेंगे।