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मोगा में पुलिसकर्मी ने मोटरसाइकिल सवारों को दी नशा तस्करी में फंसाने की धमकी, मांगे एक लाख

मोगा में एक पुलिस कांस्टेबल मोटरसाइकिल सवारों को रोक दिया। उनसे एक सीरिंज बरामद की गई। इस पर पुलिस कर्मचारी ने कहा कि अगर उसने उन्हें एक लाख रुपये नहीं दिए तो वह उन्हें नशा तस्करी में फंसा देगा। बाद में सौदा 50 हजार में तय हुआ।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 12 Nov 2020 12:41 PM (IST)Updated: Thu, 12 Nov 2020 12:41 PM (IST)
पुलिस कर्मचारी ने नशा तस्करी में फंसाने की धमकी दे मांगे एक लाख। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, मोगा। नशा तस्करी में फंसाने की धमकी देकर 50 हजार रुपये में सौदा तय करने वाले पीसीआर में तैनात एक मुलाजिम व उसके दलाल को विजिलेंस ब्यूरो ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि आरोपितों के दो साथियों की तलाश जारी है। विजिलेंस ब्यूरो ने इस मामले में तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

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गगनदीप सिंह निवासी गांव हरिएवाला की शिकायत पर विजिलेंस ब्यूरो ने पीसीआर में तैनात कांस्टेबल सरबजीत सिंह, कांस्टेबल इकबाल सिंह एवं उनके दो दलाल जसप्रीत सिंह निवासी गांव घल्लकलां एवं सिमरनजीत सिंह निवासी मोगा के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज करके कांस्टेबल इकबाल सिंह व उसके दलाल सिमरनजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। अदालत ने दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। डीएसपी विजिलेंस केवल कृष्ण ने बताया कि शेष दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापामारी की जा रही है।

डीएसपी ने बताया कि गगनदीप सिंह अपने दोस्त मनजोत सिंह उर्फ रमन के साथ तीन नवंबर को लुधियाना से लौटा था। मोगा में उनकी मोटरसाइकिल बस स्टैंड के निकट रखी थी। बुलेट मोटरसाइकिल लेने के लिए वह बस स्टैंड के निकट पहुंचे तो वहां सादी वर्दी में कुछ लोग आए। उन्होंने खुद को सीआइए स्टाफ मोगा का मुलाजिम बताया। साथ ही तलाशी लेने लगे। उसके दोस्त रमन से एक सीरिंज बरामद की गई।

इस बात पर इन लोगों ने उन्हें नशा तस्करी करने की बात कहते हुए पिटाई शुरू कर दी। साथ ही उनकी जेब से 28500 रुपये, उसका आधार कार्ड और बैंक के चेक व मोबाइल फोन छीन लिया। बाद में ये लोग उन्हें छोड़ने के लिए एक लाख रुपये मांगने लगे, लेकिन सौदा 50 हजार रुपये में तय हो गया।

पैसे मिलने तक उन्होंने बुलेट मोटरसाइकिल अपने कब्जे में गिरवी रख ली। बुधवार को वे रकम की राशि देने के लिए विजिलेंस टीम के साथ पहुंचे तो एक मुलाजिम ने विजिलेंस टीम को पहचान लिया और मौके से भागने लगा, लेकिन विजिलेंस ब्यूरो ने भागते हुए एक कांस्टेबल और उसके दलाल को मौके पर पकड़ लिया। हालांकि विजिलेंस की टीम रिश्वत की राशि देते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार नहीं कर सकी।


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