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योनेक्स, कोस्को और नीविया का नकली माल बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार Jalandhar News

पुलिस जांच में पाया गया है कि उक्त आरोपित ऑनलाइन वैबसाइट इंडियामार्ट और फेसबुक के माध्यम से अपना फर्जी माल बेच रहे थे।

By Edited By: Published: Wed, 04 Sep 2019 12:22 AM (IST)Updated: Wed, 04 Sep 2019 02:46 PM (IST)
योनेक्स, कोस्को और नीविया का नकली माल बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार Jalandhar News

जालंधर, जेएनएन। योनेक्स, कोस्को और नीविया का फर्जी मार्का लगा नकली सामान तैयार कर बेचने वाली फैक्टरी पर छापेमारी कर सवा चार लाख रुपये की कीमत का नकली खेल सामान बरामद किया गया है। कॉपीराइट एक्ट के तहत मामले में थाना बस्ती बावा खेल पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बस्ती बावा खेल स्थित एसआरएस स्पो‌र्ट्स चलाने वाले संजय कुमार, आकाश ट्रेडर्स चलाने वाले आकाश और मलेरकोटला के सप्लायर अली रजा के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया है। इनसे कोस्को व नीविया का फर्जी मार्का लगे फुटबॉल और वॉलीबॉल और योनेक्स के नकली रैकेट्स बरामद हुए।

ब्रांड प्रोडक्ट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, गुरुग्राम के डायरेक्टर धिरेंद्र सिंह द्वारा पुलिस को दी शिकायत में कहा गया था कि उन्हें सूचना मिली है कि उक्त एसआरएस स्पो‌र्ट्स और आकाश ट्रेडर्स गैर कानूनी कानूनी ढंग से नामी कंपनियों का फर्जी लोगों लगाकर नकली सामान रिटेलर्स और ऑनलाइन के माध्यम से बेच रहे हैं। उन्होंने अपने स्तर पर मामले की जांच करते हुए एसआरएस स्पो‌र्ट्स में तैयार होने वाले खेलों के सामान की समीक्षा की, जिस पर उन्होंने ने पाया कि बिना उक्त नामी कंपनियों की मंजूरी से यह उनका नाम इस्तेमाल कर फर्जीवाड़ा चलाते हुए नकली सामान तैयार कर मार्केट में बेच रहे हैं।

ऑनलाइन बेचते थे फर्जी माल
एसीपी वेस्ट बरजिंदर सिंह ने बताया कि बरामद हुए सामान की कीमत लाखों में है। शुरूआती पुलिस जांच में पाया गया है कि उक्त आरोपित ऑनलाइन वैबसाइट इंडियामार्ट और फेसबुक के माध्यम से अपना फर्जी माल बेच रहे थे। उन्होंने बताया कि पुलिस ने मामले में कॉपीराइट एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि आरोपित अली रजा मेलरकोटला में योनेक्स के नकली रैकेट्स तैयार कर उक्त दोनों आरोपितों को जालंधर सप्लाई देने आता था। जबकि आरोपित संजय कुमार और आकाश बस्ती बावा खेल में एक छोटी से स्टोर में नकली फुटबॉल और वॉलीबाल तैयार करते थे। इसके लिए उन्होंने खास तौर महिलाएं और बच्चों को रखा हुआ था जो अपने घर में जाकर फुटबॉल और वॉलीबाल सिलते थे, जिस के बाद आरोपित उन पर नामी कंपनियों के फर्जी लोगो लगाते थे।

अपने फायदे की खातिर नामी कंपनियों का नाम कर रहे खराब
धिरेंद्र सिंह ने कहा कि फर्जी सामान बना कर मार्केट में बेचने से एक तरफ जहां कंपनियों को वित्तीय नुकसान उठाना पड़ता है, वहीं नकली माल की गुणवत्ता कम होने के कारण कंपनी के नाम पर भी दाग लगता है।

असली बता डिस्काउंट बोल बेचा जाता नकली माल
धिरेंद्र सिंह ने बताया कि नामी कंपनियों का फर्जी मार्का तैयार कर शातिर जालसाज अपने माल को असली बता कर ही आम ग्राहक को बेचते हें। यह जालसाज ऑनलाइन वैबसाइटों पर नकली सामान को बेचते हैं और इसे असली बता डिस्काउंट बोलकर बहुत सस्ता बेचतें हैं।

जालसाजों की फजीहत छुपाने में लगे रहे एसएचओ
वहीं, इस संबंध में थाना बस्ती बावा खेल की पुलिस की मर्जी चलती तो वह मामले में किसी तरह की कार्रवाई ही नहीं दर्ज करते। लेकिन मामले में शिकायतकर्ता ब्रांड प्रोडक्ट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड थी, जिस कारण न चाहते हुए भी एसएचओ को कार्रवाई करनी पड़ी। हालांकि इसके बाद कायदे से तो पुलिस को खुद मामला प्रेस को ब्रीफ करना चाहिए था लेकिन एसएचओ मेजर सिंह आरोपितों के बारे में जानकारी देने से ऐसे कतरा रहे थे जैसे फजीहत आरोपितों की नहीं उनकी हो रही हो।

 

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