पुलिस पेंशनरों की हर समस्या तुरंत हल होगी : सीपी
विभाग अपने पूर्व जाबांज मुलाजिमों की हर समस्या को पहले दूर करेगा।
संवाद सहयोगी, जालंधर : पुलिस विभाग को अपने कई दशक देने के बाद रिटायर हुए पुलिस के जवानों को भूल जाना उनके समर्पण और सेवा भाव की खिल्ली उड़ाना है। जो बर्दाश्त के काबिल नहीं, इसलिए विभाग अपने पूर्व जाबांज मुलाजिमों की हर समस्या को पहले दूर करेगा।
यह कहना था पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर का, जो डीजीपी से आए निर्देशों के मुताबिक शुक्रवार को पुलिस लाइन में आयोजित पुलिस एल्डर्स डे 2019 कार्यक्रम में पूर्व जवानों को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम के दौरान सीपी ने वहां आए पुलिस पेंशनरों की समस्याएं सुनी और भरोसा दिया कि उनकी दिक्कतों को पहल के आधार पर दूर किया जाएगा। उन्होंने दूसरे अधिकारियों को भी ताकीद की कि पुलिस पेंशनरों को कोई दिक्कत ना आने दें। इस मौके पर डीसीपी डिटेक्टिव अमरीक सिंह पवार, डीसीपी हेडक्वार्टर अरुण सैनी, डीसीपी इन्वेस्टिगेशन गुरमीत सिंह व एसीपी हेड क्वार्टर बिमलकांत भी शामिल हुए। पेंशनरों की तरफ से पुलिस पेंशनर एसोसिएशन के प्रधान सेवानिवृत्त डीएसपी चरण सिंह व उनकी टीम ने इस कार्यक्रम के लिए पुलिस अधिकारियों का धन्यवाद किया। समय पर पेंशन मिले तो कई समस्याएं हो जाएंगी हल
पूर्व मुलाजिमों ने अपनी छोटी मोटी घरेलू समस्याओं के साथ साथ कई सुझाव भी दिए। ज्यादातर पूर्व मुलाजिमों का कहना था कि पेंशन सही समय पर मिलती रहे तो कई समस्याएं दूर हो सकती हैं। उनकी मांग थी कि यदि कोई पेंशनर अपनी समस्या किसी अधिकारी के पास लेकर जाए तो उनके किए काम को सामने रखकर उनकी समस्या को पहले हल करवाया जाए। पेंशनरों को बताए सेहतमंद रहने के सुझाव
कार्यक्रम के दौरान गीत संगीत के साथ साथ कई ज्ञानवर्धक बातें भी वक्ताओं ने साझा की। इस दौरान बुजुर्ग पुलिस मुलाजिमों को अपनी सेहत दुरुस्त रखने के लिए कई सुझाव भी बताए गए। उनको सैर करने के साथ साथ दिन में कोई न कोई काम करते रहने को कहा गया। इस पर पेंशनर भी खुश हुए और बोले कि ऐसे सेमिनार रोज लगाओ तो काम लगा ही रहेगा। स्मृति चिन्ह लेने के लिए उठ न पाए, देने के लिए खुद उठे कमिश्नर
कार्यक्रम के अंत में पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर द्वारा किए एक काम ने खूब वाहवाही बटोरी। अंत में जब सभी पेंशनर्ज को स्मृति चिन्ह दिए जा रहे थे तो एक पूर्व जवान उठ पाने में सक्षम नहीं था। ऐसे में सीपी अपनी कुर्सी से उठे और खुद चलकर उनके पास गए और स्मृति चिन्ह दिया। उनको जाते देख कर डीसीपी अमरीक सिंह पोवार भी उठकर उनके साथ गए।