फादर एंथनी के कैश गबन मामले में दोनों ASI को नहीं मिली जमानत, कोर्ट ने खारिज की याचिका
फादर एंथनी के 6.65 करोड़ गबन मामले में नामजद एएसआइ जोगिंदर सिंह व एएसआइ राजप्रीत सिंह को मोहाली कोर्ट से राहत नहीं मिली।
जेएनएन, जालंधर/चंडीगढ़। फादर एंथनी के 6.65 करोड़ गबन मामले में नामजद एएसआइ जोगिंदर सिंह व एएसआइ राजप्रीत सिंह को मोहाली कोर्ट से राहत नहीं मिली। कोर्ट ने दाेनों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। वहीं इस मामले में गिरफ्तार एएसआइ दिलबाग सिंह को मोहाली कोर्ट ने चार दिन के रिमांड पर भेज दिया है।
बता दें कि फादर एंथनी के घर से हवाला की रकम समझ 6.65 करोड़ की लूट में एसआइटी ने पटियाला के नाभा में तैनात एएसआइ दिलबाग सिंह को गिरफ्तार किया था। मुखबिर सुरिंदर सिंह के साथ मिलकर कैश लूटने वाले एएसआइ जोगिंदर सिंह और एएसआइ राजप्रीत सिंह खन्ना कैश पहुंचने के बाद एएसआइ दिलबाग सिंह की वीआइपी नंबर वाली स्विफ्ट कार (पीबी 69बी-0055) से कैश को पटियाला ले गए थे। हालांकि उसके बाद कैश कहां गायब हो गया, यह अब तक पता नहीं चला है।
कैश के स्विफ्ट कार में ले जाने का राज उजागर होने के बाद एएसआइ दिलबाग सिंह को एसआइटी ने हिरासत में ले लिया था। उससे हुई पूछताछ के बाद अब बड़ा राज बेनकाब हुआ है। एसआइटी की जांच के मुताबिक एएसआइ जोगिंदर व एएसआइ राजप्रीत की फादर एंथनी के घर से कैश लूटने के बारे में एएसआइ दिलबाग को पहले कुछ पता नहीं था। जब दोनों पटियाला के प्रॉपर्टी डीलर रिशी की वरना कार (पीबी 11 सीएम 8929) में कैश लूटने के बाद जालंधर से मोगा होते हुए खन्ना पहुंचने तक कैश को कहीं ठिकाने लगाने में कामयाब नहीं हुए तो वहां पहुंचकर उन्होंने एएसआइ दिलबाग सिंह से संपर्क किया। दिलबाग को वो पहले से जानते थे। दिलबाग ने पूरी जानकारी मिलने पर खन्ना स्थित अपनी दुकान में खड़ी स्विफ्ट कार उन्हें मुहैया कराई। उससे कैश पटियाला पहुंचा। एसआइटी की जांच के मुताबिक दिलबाग सिंह रेड में शामिल नहीं था लेकिन लूटे गए 6.65 करोड़ को ठिकाने लगाने में उसने दोनों भगोड़े एएसआइ का साथ दिया। जिसके बाद उसे भी केस में शामिल कर गिरफ्तार कर लिया गया है।
जोगिंदर-राजप्रीत की खन्ना व जालंधर की मोबाइल लोकेशन मिली
उधर, इस मामले में मोहाली कोर्ट में खन्ना व जालंधर न जाने की दलील देकर जमानत मांग रहे एएसआइ जोगिंदर और राजप्रीत के मामले में नया राज खुला है। पटियाला व खन्ना पुलिस के कागजों में उनके रिलीव होने व ज्वाइनिंग के भले ही कोई दस्तावेज न हों लेकिन एसआइटी के पास दोनों के मोबाइल की लोकेशन आ चुकी है। इसके मुताबिक वह खन्ना भी गए और वहां रहे भी। इसके अलावा वो रेड के दिन जालंधर भी आए थे। जिस वक्त रेड हुई, उस वक्त उनके मोबाइल की लोकेशन फादर एंथनी के घर प्रतापपुरा की ही थी। यह सबूत मोहाली कोर्ट में जमानत पर बहस के दौरान एसआइटी के जांच अफसर एआइजी क्राइम राकेश कौशल ने अदालत में भी रखे। इसी वजह से अदालत ने इन टेक्निकल सबूतों की मांग करते हुए फैसले को सुरक्षित रख लिया था।
इस मामले में एसआइटी की पुख्ता जांच व तमाम सबूत जुटाए होने की वजह से दोनों भगोड़े एएसआइ के पास जल्द से जल्द गिरफ्तारी या सरेंडर होने के अलावा कोई चारा बचता नजर नहीं आ रहा है। यही नहीं, रेड टीम को लीड कर रहे अधिकारी ने भी दोनों के रेड में शामिल होने की एसआइटी के आगे पुष्टि की है। इसके साथ ही प्रतापपुरा में फादर के घर में रेड के वक्त चश्मदीद भी दोनों के वहां आने की पुष्टि कर चुके हैं।
मुखबिर सुरिंदर ने की कारों की शिनाख्त
फादर एंथनी के घर से लूटे गए कैश को ले जाने के लिए इस्तेमाल हुई वरना कार व स्विफ्ट को एसआईटी ने केस में बरामद कर लिया है। यह कारें पटियाला व खन्ना पुलिस ने जब्त कर एसआईटी को मोहाली भिजवा दी हैं। मुखबिर सुरिंदर सिंह ने एसआईटी के आगे पुष्टि कर दी कि इन्हीं दोनों कारों में कैश ले जाया गया था।