यूके की कंपनी बेटाकुलर से रिजस्ट्रेशन करवाकर जालंधर में बेटिंग करवाता था मुकेश
सेठी ने बेटाकुलर कंपनी से अपनी बुक 24 जनवरी 2019 को दस हजार रुपये देकर रजिस्टर्ड करवाई थी और उसके बाद बेटिंग असिस्टेंट आई बुक डाउनलोड कर बुक चला रहा था।
संवाद सहयोगी, जालंधर : क्रिकेट मैच पर सट्टे का बड़ा कारोबार चलाने वाला कृष्णा नगर निवासी मुकेश कुमार सेठी मैचों पर सट्टा लगाने वाली मंजूरशुदा यूके बेस्ड कंपनी बेटाकुलर डॉट कॉम से अपनी बुक रजिस्टर्ड करवाकर जालंधर में करोड़ों की बेटिंग करवाता था। पुलिस ने मुकेश के अलावा उसके छह और साथियों को भी गिरफ्तार किया है। सोमवार को पुलिस ने सेठी कार बाजार के मालिक मुकेश सेठी और उसके बाकी सभी साथियों की गिरफ्तारी दिखा दी।
उसके साथ गिरफ्तार हुए साथियों की पहचान रेलवे मोहल्ला गोबिंदगढ़ निवासी अतुल कुमार उर्फ चिंटू, मोहल्ला गोबिंद नगर निवासी सुमित नैय्यर, मधुबन कालोनी अरुण शर्मा उर्फ गगन, हरदेव नगर निवासी सुखपाल सिंह, बीटी कालोनी निवलासी कीर्ति गोस्वामी, मोहल्ला कृष्ण नगर निवासी प्रिंस पुरी उर्फ प्रिंस के रूप में हुई है। पुलिस को उसके पास से दो गाड़ियां, तीन अटैची, जिनमें 18 मोबाइल, स्पीकर, सोनी का पेंसिल मोबाइल, दो माइक और दो लैपटॉ़प मिले हैं। इसके अलावा 23 हजार रुपये की भारतीय करंसी भी मिली।
पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि सीआइए स्टाफ को गुप्त सूचना मिली थी कि आईपीएल के मैचों पर सट्टा लगाने वाला बुकी मुकेश साथियों सहित आ रहा है। वरियाणा अड्डा के पास सीआईए स्टाफ ने कपूरथला वाली साइड से आ रही इनोवा और वरना गाड़ी को रोका और उसमें बैठे मुकेश और साथियों से मैचों के सट्टे में इस्तेमाल होने वाला सारा सामान पकड़ा। जांच में सामने आया कि सेठी ने बेटाकुलर कंपनी से अपनी बुक 24 जनवरी 2019 को दस हजार रुपये देकर रजिस्टर्ड करवाई थी और उसके बाद बेटिंग असिस्टेंट आई बुक डाउनलोड कर बुक चला रहा था। यूके में कंपनी जुआ खिलाने के लिए मान्यता प्राप्त है लेकिन भारत में नहीं।
अभी तक सामने आया है कि मुकेश के करीब 15 से 20 साथी और हैं जो उसके इस काम में शामिल हैं। सेठी जालंधर में एक बड़े फार्म हाउस में सट्टे का कारोबार चला रहा था।
हत्या के मामले में बरी हो चुका है सेठी
मुकेश कुमार उर्फ सेठी 2014 में थाना बारादरी में हत्या के मामले में नामजद हुआ था। एक रेस्टोरेंट के बाहर हुए झगड़े में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी जिसके लिए सेठी को गिरफ्तार किया गया था। बाद में सुबूतों के अभाव में वह बरी हो गया था। वहीं उसके साथ गिरफ्तार हुआ सुमित नैय्यर भी हत्या के मामले में नामजद हुआ था और बाद में बरी हो गया था। बाहरवीं पास नैय्यर फैशन प्वाइंट ताज टेलर के पास काम करता था। 2016 में धोबीघाट के पास रिंपल नाम के युवक की हत्या में नामजद हुआ था 22 महीने जेल में रहने के बाद 2018 में बरी हुआ और बाहर आकर वो सेठी के संपर्क में आया और बुक का काम करने लगा।
पांच-पांच सौ की दिहाड़ी पर रखे थे फोन सुनने वाले
गिरफ्तार अरुण शर्मा, कीर्ति, अतुल, सुखपाल और प्रिंस मुकेश के साथ कार बाजार में काम करते हैं और बेटिंग चलाने के लिए मुकेश इनका इस्तेमाल करता था। सभी को फोन सुनने, बेट बोलने, पैसों का लेन देन करने की एवज में दिहाड़ी पर पांच पांच सौ रुपये मिलते थे। कीर्ति और अरुण पहले फाइनांस का काम करते थे लेकिन बाद में मुकेश के साथ कार बाजार और सट्टे के धंधे में उतर गए। सुखपाल दस साल इंग्लैंड में रह कर आया था और आते ही सेठी के साथ इस काम में लग गया।
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विरोधियों को खटका तो पकड़वा दिया सट्टा किंग
जालंधर [सुक्रांत]। सट्टा किंग बन चुका सेठी अपने काले धंधे में मिल रही सफलता से चिढ़ने वाले लोगों की वजह से पुलिस के हत्थे चढ़ा। सेठी का हर मैच पर करीब 60 से 80 लाख रुपये तक का लेन-देन होने लगा था। उसकी कामयाबी कइयों को भा नहीं रही थी। कामयाबी मिलने के बाद उसकी दुश्मनी भी बढ़ गई थी। बताया जा रहा है कि उसके किसी करीबी ने ही उसकी मुखबिरी की है। पुलिस ने नाके पर जहां से उसके पकड़ा वहां उसके पास सामान कम था। बाद में पुलिस उसे उसी होटल लाई, जहां मैच का सट्टा लगा रहा था। वहां से पुलिस को बड़ी मात्रा में सामान मिला जिसके बाद उसका रिकार्ड भी हाथ लग गया। बताया जा रहा है कि मुकेश के साथ इस धंधे में कई नामी लोग शामिल हैं। इसमें बिजनेसमैन से लेकर राजनीति से जुड़े लोग भी हो सकते हैं। उसकी गिरफ्तारी की खबर फैलते ही सट्टा बाजार में हलचल मच गई और सोमवार शाम तक कई बड़ी बुक बंद हो गई थी।
नेताओं का खासमखास है मुकेश सेठी
एक पूर्व पार्षद का रिश्तेदार मुकेश सेठी फेसबुक पर भी राजनीति से जुड़े लोगों के साथ तस्वीरें खिंचवाकर डालता था। साथ ही ऐसे लोगों से काफी सांठगांठ थी। इसी कारण जब बीती रात उसे पकड़ा गया था तो थाने में कई दिग्गज नेता उसे छुड़वाने के लिए पहुंच गए थे।
पुलिस अफसरों के सामने ही बजते रहे फोन
मुकेश का सट्टे का कारोबार इस कदर फैला था कि उसके फोन पुलिस की पत्रकार वार्ता के दौरान भी बजते रहे। डीसीपी गुरमीत सिंह जब तीनों ब्रीफकेस को खोलकर उसमें पड़े मोबाइल और अन्य सामान मीडिया को दिखा रहे थे तो अचानक ही एक के बाद एक दर्जन भर फोन बजने लगे। पुलिस अब उन सब नंबरों के रिकार्ड निकलवा रही है ताकि उनके बारे में पता लगाया जा सके और यदि वो सभी सट्टे के धंधे से जुड़े हैं तो उन्हें भी गिरफ्तार किया जा सके।
छोटे होटलों में धड़ल्ले से हो रहा है काम
शहर के बड़े-बड़े होटलों में नहीं बल्कि छोटे-छोटे होटलों और रेस्ट हाउस में बुक का काम धड़ल्ले से चल रहा है। हर बुकी ने अपना एक कोड रखा हुआ है और उस कोड को बोलने वालों लोगों को बुक में शामिल किया जाता है। बुकियों के पंटर भी इसी कोड से अपने ग्राहकों के साथ जुड़ते हैं और यदि कहीं पर जरा सा भी कोड गलत हो जाए तो तुरंत ग्राहक को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। सट्टा खिलाने के लिए बनी मोबाइल एप क्रिकेट मैचों पर बुक चलाने वालों के साथ साथ खेलने वालों के लिए भी मोबाइल एप बन चुकी है। इस मोबाइल एप पर बुक लगाने का पूरा सिस्टम मौजूद है। लगाने वालों से लेकर खिलाने वाले तक इस एप में एक दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं और वहीं पर सारा लेन-देन होता है। इस एप को खोलने के लिए भी कोड वर्ड है जो सिर्फ उसी के पास होता है, जो डाउनलोड करने वाले के साथ जुड़ा होता है। यदि डाउनलोड करने वाला चाहे तो किसी को भी इस एप से बाहर रख सकता है और उसे बुक का कुछ भी पता नहीं चलेगा।