पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मौत का बड़ा कारण है निमोनिया, बचाव के लिए लगवाएं पीसीवी टीका
बच्चों में निमोनिया की शुरुआत खांसी जुकाम और बुखार से होती है। गंभीर निमोनिया होने पर बच्चों के फेफड़ों में सूजन आ जाती है। उनमें पानी भर जाता है। जान भी जा सकती है। बच्चों को आम तौर पर विषाणुजनित (वायरल) निमोनिया होता है।
जेएनएन, जालंधर। निमोनिया (Kids Pneumonia) छोटे बच्चों के लिए खतरनाक होता है। यह पांच साल से कम उम्र के बच्चों में मौत का बड़ा कारण है। आम धारणा के उलट निमोनिया सर्दियों के अलावा वर्ष के किसी भी समय हो सकता है। इसके ट्रीटमेंट में देरी बच्चे की जान के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है। इसलिए, उसे तुरंत बच्चों के डॉक्टर को दिखाना चाहिए। निमोनिया की शुरुआत खांसी, जुकाम और बुखार से होती है। गंभीर निमोनिया होने पर बच्चों के फेफड़ों में सूजन आ जाती है। उनमें पानी भर जाता है। जान भी जा सकती है। बच्चों को आम तौर पर विषाणुजनित (वायरल) निमोनिया होता है। इससे बचाव के लिए न्यूमोकोकल कंजूगेट वैक्सीन (पीसीवी) लगवानी चाहिए। पंजाब में इसकी जल्द शुरुआत होने वाली है।
ये हैं लक्षण
-जुकाम, खांसी, बुखार के साथ तेज सांसें चलना।
-बुखार के साथ पसीना और कंपकंपी आना।
-बलगम के साथ लगातार खांसी आना।
-बच्चा कमजोर दिखता है।
-भूख कम लगना।
बचाव के उपाय
-सर्दियों में निमोनिया होने पर बच्चों को गर्म कपड़े पहनाकर रखें। उन्हें किसी भी स्थिति में सर्दी न लगने दें।
- उनका रहने और सोने का स्थान साफ-सुथरा रखें।
- दो साल की उम्र तक बच्चों को मां का दूध पिलाएं।
- समय पर बच्चों का वैक्सीनेशन करवाएं।
पंजाब में लगाए जाएंगे बच्चों को टीके
बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए उन्हें न्यूमोकोकल कंजूगेट वैक्सीन (पीसीवी) का टीका लगाया जाता है।नवांशहर में सीनियर मेडिकल अफसर डा. गीतांजलि सिंह और सीनियर मेडिकल अफसर डा. ऊषा किरण ने पीसीवी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सेहत विभाग जल्द पीसीवी को नियमत टीकाकरण प्रोग्राम में शामिल कर रहा है। इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई है। पीसीवी टीकाकरण की शुरुआत वर्ष 2017 में पांच राज्यों बिहार, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान में से गई थी। अब पूरे देश में होने जा रही है। यह टीका बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए लाभकारी होगा। यह टीका मार्केट में बहुत महंगा है, परन्तु सरकार की तरफ से यह नियमत टीकाकरण प्रोग्राम के अंतर्गत बच्चों को मुफ्त दिया जाएगा।