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पंजाब की शिवालिक रेंज में प्रकृति से खिलवाड़, जंगल में फेंके पेस्टीसाइड से 20 वन्य जीवों की मौत

नंगल के निकट शिवालिक पहाड़ियों के जंगल में भारी मात्रा में कृषि के लिए प्रयोग की जाने वाली एक्सपायर कीटनाशक दवाइयों को फेंका गया है। इससे बना जहरीला माहौल वन्य प्राणियों की जान का दुश्मन बन गया है।

By Edited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 12:28 AM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 01:41 PM (IST)
पंजाब की शिवालिक रेंज में प्रकृति से खिलवाड़, जंगल में फेंके पेस्टीसाइड से 20 वन्य जीवों की मौत
शिवालिक पहाड़ियों के घने जंगल में फेंके गए बेशुमार पेस्टिसाइड्स के बारे में जानकारी देता हुआ नरेश कुमार। जागरण

जागरण संवाददाता, नंगल। मानसून की बारिश में पहाड़ों में इस बार प्रकृति रौद्र रूप दिखा रही है। इसके बावजूद कुछ लोग उसके साथ खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहे हैं। यहां नंगल के निकट शिवालिक पहाड़ियों के जंगल में भारी मात्रा में कृषि के लिए प्रयोग की जाने वाली एक्सपायर कीटनाशक दवाइयों को फेंका गया है। इससे बना जहरीला माहौल वन्य प्राणियों की जान का दुश्मन बन गया है। इस कारण कई मवेशी और वन्य प्राणियों की मृत्यु हो चुकी है। मां जालफा मंदिर व दोबेटा गांव के बीचे घने जंगल में दूर-दूर तक पेस्टिसाइड फेंका गया है। धीरे-धीरे बारिश के पानी में घुलकर यह जंगल में बह रहे हैं। इस कारण अब तक करीब 20 मवेशी व वन्य प्राणी मौत की नींद सो चुके हैं।

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दोबेटा गांव के नरेश कुमार ने बताया कि पहले उन्हें पता नहीं चला कि उनकी बकरियां क्यों मर रही हैं। जब चिंता में जंगल में खुद बकरियों के साथ जाना शुरू किया, तब देखा कि जंगल के अंदर बेशुमार कीटनाशक फेंका गया है। इसमें सल्फास जैसी जहरीली दवाइयां भी हैं। उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि इन दवाइयों की वजह से ही जंगल में विषाक्त हुए घास फूस को खाकर मवेशी व जानवर मरे हैं। रमेश ने बताया कि वह पहले भी संबंधित विभागों को सूचित कर चुका है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उसने आखिरकार शुक्रवार को नंगल पुलिस थाने में पहुंचकर लिखित रूप में यह जानकारी दी है कि जंगल में दवाइयों को फेंकने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

ये मवेशी व जानवर मारे गए 

छह पालतू बकरियां, मोर, 3 जंगली बकरियां, 1 बारहसिंघा तथा 1 जंगली सूअर दम तोड़ चुके हैं।

जंगल में पड़े बारहसिंघा, सूअर व बकरियों के कंकाल

नरेश कुमार व उनके साथ मौजूद रमेश काका ने बताया कि पेस्टिसाइड के कारण जंगल में मरे मवेशियों के सबूत अभी मौजूद हैं। बारहसिंघा, जंगली सूअर तथा मरी हुई बकरियों के कंकाल अब भी जंगल में पडे हुए हैं। इन्हें सबूत के तौर पर कब्जे में लेकर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। उन्होंने बताया कि कथित प्रभावशाली व्यक्ति की ओर से घने जंगल में फेंकवाए गए पेस्टिसाइड को फेंकने गए उसके कर्मचारियों को लोगों ने देखा भी है। इसके बाद जब उक्त व्यक्ति से ऐसा करने के बारे बात की गई तो उसने कहा कि जंगल में पेस्टिसाइड उसने नहीं बल्कि ब्रह्मपुर के एक दुकानदार ने फेंके हैं।

कृषि विभाग को सौंप दी है जांच : एसएचओ

 नंगल थाना के एसएचओ पवन कुमार ने बताया कि जंगल में पेस्टिसाइड फेंकने की शिकायत मिलने के बाद कार्रवाई शुरू कर दी गई है। कृषि विभाग को जांच के लिए कहा गया था। विभाग की टीम ने शनिवार को नंगल पहुंच कर जांच शुरू कर दी है। दो-चार दिन में रिपोर्ट आने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।


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