ट्रिपलिंग का चालान कटने से बचने के लिए मास्क न लगाने का जुर्माना भर रहे लोग
हाल ही में गढ़ा के पास पुलिस मुलाजिम बाइक सवार का ट्रिपल राइडिंग का काटने लगे तो युवकों ने थोड़ी मिन्नतें की और पांच-पांच सौ के दो नोट पुलिसवाले की जेब में डालकर निकल गए।
जालंधर, सुक्रांत। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए कई नियम-कानून बनाने के साथ ही जुर्माने का भी प्रावधान रखा है। जुर्माने की रकम भी भारी-भरकम रखी गई है, ताकि इसके डर से ही लोग नियम मानें। हालांकि इसकी आड़ में कई पुलिस मुलाजिम तो बस अपनी जेबें भरने में लगे हैं। इसके साथ ही अब लोग भी बड़े नियम तोड़ने के बाद मास्क न लगाने आदि का चालान कटवाने लगे हैं।
हाल ही में गढ़ा के पास एक बाइक पर बैठकर तीन युवक निकल रहे थे। वहां पर खड़ा पुलिस मुलाजिम उन्हेंं रोककर ट्रिपल राइडिंग व अन्य चालान काटने लगा। एक युवक पहले ही बड़ा चालान छोटे जुर्माने में भुगत चुका था तो उसने बाकियों को कहा कि तिहरी सवारी तो बचना ए तां पुलस वालेयां नूं दओ हजार रुपये। इतना ही नहीं, थोड़ी से मिन्नत के बाद वे पांच-पांच सौ के दो नोट पुलिसवाले की जेब में डालकर निकल गए।
लूट वाली जगह क्यों जाते हो?
एक तरफ जालंधर पुलिस कोरोना से लोगों को बचाने के लिए तरह-तरह के उल्लेखनीय उदाहरण पेश कर रही है और दूसरी तरफ कुछ पुलिसवाले लोगों को बचाने की बजाये उन्हेंं तंग करने के उदाहरण पेश करने में लगे हैं। बीते दिनों शहीद बाबू लाभ सिंह नगर में रहने वाले सब्जी विक्रेता मनोज को गुलाब देवी रोड पर कुछ लुटेरों ने लूट लिया। इसी जगह पर कुछ समय पहले उसके पिता को भी लूट लिया गया था।
मनोज इसकी शिकायत लेकर एक नंबर थाने में पहुंचा तो वहां मौजूद पुलिसवाले से पूरी बात बताई और कहा कि पहले भी कई लोगों से उसी जगह लूट हुई है। इसके बाद पुलिसकर्मी ने मामला दर्ज करने की बजाये उल्टा जवाब दे दिया कि अगर लूट होती है तो वहां जाते ही क्यों हो और लूट होने के बाद शिकायत लेकर आ जाते हो। यह जवाब सुनकर मनोज वहां से चुपचाप बाहर निकल गया।
आखिर बदलनी पड़ी नाके की जगह
लोगों से नियम मनवाने के नाम पर चालान काटने के लिए पुलिस काफी कुछ कर रही है। अब तो छोटे-छोटे बाजारों में भी नाके लगाकर धड़ल्ले से चालान काटे जा रहे हैं। बस्ती शेख में एक जगह पर पिछले तीस साल से पुलिस का नाका लगा है। हालांकि कोरोना वायरस के बाद चालान काटने के लिए पुलिस वालों ने नाका थोड़ा आगे सरका दिया है, क्योंकि वहां पर ज्यादा चालान हो रहे थे।
जिस जगह पर अब नाका लगा, वहां पर दुकानें ज्यादा थी और नाका देखकर लोग नहीं आ रहे थे। ऐसे में नुकसान झेल रहे दुकानदारों ने नाका हटाने के लिए पुलिसवालों से बात की, लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद सभी दुकानदारों ने वहां पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। थोड़ी ही देर में धरना पुलिसवालों के लिए परेशानी बनने लगा तो उन्होंने नाका थोड़ा आगे खिसका दिया और भड़के दुकानदारों को शांत करवा वहां से भेजा।
रिमांड नहीं लैणा तां थाने क्यों लिजाणा
कोरोना वायरस के डर ने पहले पुलिस कमिश्नर दफ्तर, एसएसपी दफ्तर, पुलिस थानों में पुलिस और जनता के बीच दूरी बढ़ाई गई। अब इसका असर यह हुआ कि पुलिसवाले आरोपितों को रिमांड पर लेने से पहले सौ बार सोचने लगे हैं। हाल ही में सीआइए स्टाफ की टीम ने गुरु अमरदास नगर में जुआ पकड़ा था। एक जुआरी कोरोना पॉजिटिव निकला, जिससे कई पुलिस मुलाजिम भी इसकी चपेट में आ गए।
इनमें सीआइए इंचार्ज हरमिंदर सिंह भी शामिल थे। इंचार्ज होने के नाते उनको अपने से ज्यादा अपने मुलाजिमों की फिक्र सताने लगी। हाल ही में एक और जुआ पकड़ा तो उन्होंने आरोपितों को थाने में लाने की बजाय उनके घर पर ही मामला दर्ज कर उन्हेंं जमानत दे दी। वे बोले, 'जे रिमांड नहीं लैणा, जेल नई भेजणा, जे कोरोना टेस्ट ही नहीं करवाना तां थाने लै के क्यों जाणा। किसे नूं कोरोना होया तां थाने वाले वेहले फसणगे।'
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