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ब्रह्मवेद शर्मा बने प्रधान, प्रो. सुखदेव रंधावा महासचिव

पंजाब चंडीगढ़ कॉलेज टीचर यूनियन के चुनाव में रंधावा ग्रुप का दबदबा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Jul 2018 02:46 PM (IST)Updated: Mon, 23 Jul 2018 02:46 PM (IST)
ब्रह्मवेद शर्मा बने प्रधान, प्रो. सुखदेव रंधावा महासचिव
ब्रह्मवेद शर्मा बने प्रधान, प्रो. सुखदेव रंधावा महासचिव

जालंधर : डीएवी कॉलेज के ऑडिटोरियम में रविवार को हुए पीसीसीटीयू (पंजाब चंडीगढ़ कॉलेज टीचर यूनियन) चुनाव में रंधावा ग्रुप का पलड़ा भारी रहा। प्रधान, उप-प्रधान, महासचिव व वित्तीय सचिव पद पर रंधावा ग्रुप के सदस्य जीते। विरली ग्रुप का कोई भी सदस्य इन चार पदों पर जीत दर्ज नहीं करवा सका। डीएवी कॉलेज मलोट के प्रो. ब्रह्मवेद शर्मा प्रधान व डीएवी कॉलेज जालंधर के प्रो. सुखदेव ¨सह रंधावा महासचिव बने।

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सुबह नौ बजे चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई, जो दोपहर तीन बजे तक चली। तीन से पांच बजे तक मतगणना हुई। रंधावा ग्रुप से प्रधान पद की दौड़ में खड़े डीएवी कॉलेज मलोट के प्रो. ब्रह्मवेद शर्मा ने विरली ग्रुप से खड़े डीएम कॉलेज मोगा के प्रो. ज¨तदर शर्मा को 58 मतों से हरा दिया। कुल मत 340 थे, जिनमें से 304 वोट डाले गए। चार वोट इनवेलिड थे। इनमें से 179 वोट ब्रह्मवेद शर्मा व 121 ज¨तदर शर्मा को पड़े। इस दौरान आधे घंटे तक मत की काउं¨टग रुकी रही। डीएवी कॉलेज चंडीगढ़ के प्रो. घनश्याम ने खालसा कॉलेज गड़दीवाल के प्रो. जगदीप कुमार को 48 वोट से हराकर उप-प्रधान के पद पर जीत हासिल की। प्रो. घनश्याम के हक में 175 व प्रो. जगदीप कुमार को 127 मत पड़े। दो इनवेलिड मत रहे। महासचिव के पद के लिए डीएवी कॉलेज जालंधर के प्रो. सुखदेव ¨सह रंधावा ने केआरएम डीएवी कॉलेज नकोदर के प्रो. तेजिंदर विरली को 52 मतों से हराया। सुखदेव ¨सह रंधावा के पक्ष में 177 व प्रो. ते¨जदर विरली के पक्ष में 125 मत पड़े तथा दो मत इनवेलिड रहे। जीएन कॉलेज बटाला के प्रो. चरणजीत ¨सह ने जीएन खालसा कॉलेज सुल्तानपुर लोधी के प्रो. हरबंस ¨सह को 50 मतों से हराकर वित्तीय सचिव के पद पर जीत हासिल की। प्रो. भू¨पदर ¨सह ने प्रो. विनय कुमार को 17 मत से हराकर एरिया सचिव पंजाबी यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के पद पर जीत हासिल की। आधा घंटा रोकी गई मतों की गिनती

चुनाव के बाद आधे घंटे के लिए मतगणना रोकी गई। दरअसल, प्रो. तेजिंदर विरली ने कहा कि वो¨टग में ब्लैक पेन को मार्क करने वाली वोट को मान्य समझा जाए, जबकि नीले पेन की वोट को न लिया जाए। उनका कहना था कि इससे पता चल जाता है कि किसने किसको मत डाला है। इस दौरान प्रो. संजीव धवन, डॉ. मनीष खन्ना, डॉ. मनु सूद व डॉ. नवजीत ने मामले को सुलझाया। दोनों ग्रुप के प्रतिनिधियों को समझाकर मतों की गिनती शुरू करवाई।


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