अमृतसर में पटवारियों ने तहसील परिसर में फूंका पंजाब सरकार का पुतला, लगाए नारे
पटवार यूनियन ने कहा कि सरकार मुलाजिमों के साथ नाइंसाफी कर रही है। विधायक एक दिन की सरकार में भी शपथ लेकर पेंशन का हकदार बन जाता है। वहीं मुलाजिम अपनी जिंदगी के 35 से 40 साल सरकार को देने के बाद भी इसके हकदार नहीं।
अमृतसर, जेएनएन। द रेवेन्यू पटवार यूनियन के जिला प्रधान कुलवंत सिंह डेयरीवाल के नेतृत्व में पटवारियों ने पूरानी पेंशन बहाली को लेकर सोमवार को तहसील परिसर में पंजाब सरकार का पुतला फूंका। पंजाब इकाइ के निर्देशों के बाद पटवारियों ने पंजाब सरकार के खिलाफ पहले रोष मार्च निकाला और तहसील परिसर पहुंच कर वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल व पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुतला फूंका। इस अवसर पर तहसील प्रधानों ने अपने साथियों को संबोधन करते हुए पंजाब सरकार की मुलाजिमों के प्रति व्यवहार की आलोचना भी की।
पटवार यूनियन के प्रधान डेयरीवाल के नेतृत्व में जिला भर से पटवारी पटवारखाना में इकट्ठे हुए। डेयरीवाल ने अपने साथियों के साथ बैठक के बाद पंजाब सरकार का पुतला उठा कर पटवारखाना से लेकर तहसील परिसर तक पैदल ही रोष मार्च निकाला। इस दौरान पटवारियों ने पंजाब सरकार और राज्य के वित्त मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वे राज्य सरकार द्वारा पहले से मंजूर मागों के साथ पूरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने की मांग कर रहे थे।
जिला प्रधान डेयरीवाल ने कहा कि राज्य सरकार मुलाजिमों के साथ नाइंसाफी कर रही है। विधायक एक दिन की सरकार में भी शपथ लेकर पेंशन का हकदार बन जाता है। वहीं, मुलाजिम अपनी जिंदगी के 35 से 40 साल सरकार को देने के बाद भी इसके हकदार नहीं। पंजाब सरकार ने साल 2004 से पंजाब सरकार की सेवा में आने वाले मुलाजिमों के लिए यह सुविधा बंद कर दी हैं। कई विधायक तो आधा दर्जन से भी अधिक पेंशन ले रहे हैं, जो आम जनता पर ही भार है।
दूसरी तरफ, अमृतसर डीसी इंप्लाइ यूनियन के जिला प्रधान अरविंदर सिंह संधू ने अपनी टीम की ओर से पटवारियों के इस रोष प्रदर्शन को समर्थन देते हुए इसमें हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि सरकार को अपने मुलाजिमों की पहले से मंजूर मांगों को तुरंत प्रभाव से लागू करना चाहिए।
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