अकेले पंजाब पुलिस के भरोसे नहीं छोड़े जाएंगे पोलिंग बूथ, अर्धसैनिक बलों की होगी तैनाती
निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए वोटिंग के दिन एक भी पोलिंग बूथ अकेले पंजाब पुलिस के भरोसे नहीं छोड़ा जाएगा। संवेदनशील बूथों पर सीआरपीएफ या दूसरे अर्धसैनिक बलों की तैनाती होगी।
जालंधर, [मनीष शर्मा]। निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए वोटिंग के दिन एक भी पोलिंग बूथ अकेले पंजाब पुलिस के भरोसे नहीं छोड़ा जाएगा। संवेदनशील बूथों पर सीआरपीएफ या दूसरे अर्धसैनिक बलों की तैनाती होगी। बाकी बूथों पर वीडियोग्राफी या लाइव टेलीकास्ट के जरिए चुनाव आयोग नजर रखेगा। जहां यह तीनों सुविधाएं नहीं होंगी, वहां केंद्र सरकार के अधीन आते महकमों के अफसरों की बतौर माइक्रो आब्जर्वर ड्यूटी लगेगी। इसके जरिए सीधे तौर पर पंजाब पुलिस का बूथ से दखल बिल्कुल खत्म किया जाएगा। हालांकि संवेदनशील जगहों को छोड़ बाकी जगहों पर सुरक्षा के लिहाज से ड्यूटी पंजाब पुलिस की ही रहेगी लेकिन वहां चुनाव आयोग उनकी निगरानी करेगा।
अतिसंवदेनशील बूथों पर होगी तैनाती
अति संवेदनशील व संवेदनशील बूथों पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती होगी। वोटिंग के दिन पोलिंग बूथ पर इवीएम के नजदीक उन्हीं का सुरक्षा घेरा होगा। वही, वोटरों के अंदर जाने वाली जगह पर तैनात होंगे। सुरक्षा जरूरत के हिसाब से पंजाब पुलिस को बाहरी सुरक्षा सौंपी जाएगी।
बूथों की करवाई जाएगी वीडियोग्राफी
कुछ बूथों की वीडियोग्राफी कराई जाएगी। जो वोटिंग शुरू होने से लेकर खत्म होने तक होगी। यह वीडियोग्राफी पोलिंग बूथ के बाहर की होगी। इसके जरिए बूथ पर गड़बड़ी के साथ पंजाब पुलिस पर भी निगरानी रखी जाएगी। कहीं गड़बड़ी हुई तो इस वीडियो के जरिए पंजाब पुलिस की भूमिका की जांच कर चुनाव आयोग कार्रवाई करेगा।
लाइव टेलीकास्ट से भी होगी निगरानी
कुछ बूथों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। जिनके जरिए बूथों पर चल रही वोटिंग प्रक्रिया का लाइव टेलीकास्ट यानि सीधा प्रसारण किया जाएगा। यह टेलीकास्ट नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर की मदद से होगा। जिसे चुनाव आयोग के जालंधर व चंडीगढ़ बैठे अफसर देखेंगे। इस दौरान नजर रखी जाएगी कि वोटरों की लाइन व अंदर वोटिंग प्रक्रिया में किसी तरह का कोई दखल या गड़बड़ी न की जा रही हो। कहीं ऐसा दिखा तो चुनाव आयोग तुरंत अपनी टीम भेजकर उसकी जांच कराएगा।
बूथों पर लगाए जाएंगे माइक्रो ऑब्जर्वर
कुछ बूथों पर अलग से माइक्रो ऑब्जर्वर लगाए जाएंगे। यह माइक्रो ऑब्जर्वर केंद्र सरकार के अधीन आते महकमों जैसे रेलवे, डाक, बीएसएनएल, बैंक आदि विभागों के अफसर होंगे। जो वहां वोटिंग शुरू होने से खत्म होने तक इसकी निगरानी रखेंगे। इस दौरान कोई गड़बड़ी हुई या वोटरों को प्रभावित करने की कोशिश की गई तो माइक्रो ऑब्जर्वर उसे रोकने के साथ तुरंत चुनाव आयोग को सूचित करेंगे।
पुलिस के राजनीतिकरण से खराब हुई छवि!
सूत्रों के मुताबिक दूसरे कई राज्यों की तरह पंजाब पुलिस का राजनीतिकरण इसकी बड़ी वजह बना है। चुनाव आयोग तक पहुंची रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब में पुलिस थानों के अर्दली, मुंशी, एसएचओ से जिला स्तर पर सीनियर अफसरों की प्रमोशन से लेकर ट्रांसफर-पोङ्क्षस्टग में जमकर राजनीतिक सिफारिश चलती है। यहां तक कि विधानसभा हलकों के मुताबिक डीएसपी या एसीपी की तैनाती की गई है, जो अप्रत्यक्ष तरीके से सीधे सत्ताधारी पार्टियों के विधायक या हलका इंचार्ज के साथ जुड़े हुए हैं। ऐसे में पुलिस दबाव या किसी दूसरे तरीके से किसी एक पार्टी या उम्मीदवार को फायदा न पहुंचा दे, इसी आशंका को खत्म करने के मकसद से आयोग ने यह हिदायतें जारी की हैं। हालांकि अधिकारिक तौर पर चुनाव अधिकारी इस बारे में कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं।
बूथों पर चार तरह से होगी सुरक्षा
जालंधर के उप जिला चुनाव अफसर कुलवंत सिंह का कहना है कि जालंधर लोकसभा सीट पर कुल 1863 पोलिंग बूथ हैं। इनको चार केटेगिरी में बांटा जा रहा है। चुनाव आयोग के निर्देश के मुताबिक एक बूथ पर इन चारों में से कोई एक व्यवस्था हर हाल में यकीनी बनाई जाएगी।