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पराली न जलाने वाले किसानों को फसल खरीद में बोनस दे सरकार Jalandhar News

खेतों में पराली न जलाने वाले किसानों के लिए धान की खरीद में 50-100 रूपये प्रति क्विंटल बोनस जारी की जा सकती है। इससे दूसरे किसान भी प्रेरित होंगे।

By Edited By: Published: Sat, 19 Oct 2019 08:04 AM (IST)Updated: Sat, 19 Oct 2019 09:20 AM (IST)
पराली न जलाने वाले किसानों को फसल खरीद में बोनस दे सरकार Jalandhar News

जालंधर, जेएनएन। पराली की संभाल को लेकर राज्य सरकार कोई ठोस नीति नही बना पाई है। दिल्ली में बिछने वाली धुएं चादर के लिए केवल पंजाब पर अंगुली उठाई जाती है। जबकि उत्तर प्रदेश व हरियाणा में पंजाब से ज्यादा प्रदूषण हवा को दूषित कर रहा है। राज्य सरकार ने पंजाब में खेतों में पराली को आग लगाने पर काफी हद तक काबू पा लिया है। सरकार पराली की संभाल के लिए इंडस्ट्री और किसानों के लिए ठोस नीति तैयार करे ताकि इसका स्थाई हल हो सके।

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खेतों में पराली न जलाने वाले किसानों के लिए धान की खरीद में 50-100 रूपये प्रति क्विंटल बोनस जारी की जा सकती है। इससे दूसरे किसान भी प्रेरित होंगे और पराली को जलाने की बजाय खेतों में इसका इस्तेमाल कर मिट्टी को उपजाऊ बना सके। ऐसे विचार शुक्रवार को जालंधर ट्रेडर्स एंड मैन्युफेक्चरर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों तथा सदस्यों ने दैनिक जागरण की ओर से पराली के रखरखाव के विषय पर इंडस्ट्रियल एस्टेट में एनबी इंजीनिय¨रग व‌र्क्स में आयोजित राउंड टेबल कांफ्रेंस के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने सरकार के समक्ष पराली पर रिसर्च करवा इसे इंडस्ट्री के लिए इस्तेमाल करने योग्य बनाने की तकनीक तैयार करने का प्रस्ताव रखा।

खेत में ही जोत दी जाए पराली

जालंधर ट्रेडर्स एंड मैन्युफेक्चरर्स एसोसिएशन के प्रधान जसविंदर सिंह कहते हैं कि पराली खेत की संपत्ति है और सबसे पहले इसका खेत में ही इस्तेमाल करने से अधिक फायदा होगा। पराली में धान के करीब 70 फीसदी तत्व होते है। धान की कटाई के बाद इसे खेत में खपा दिया जाए, तो भविष्य में होने वाली फसलों के लिए कारगर सिद्ध होगी। किसानों को झाड़ बढ़ाने के लिए खाद की जरूरत कम पड़ेगी।

पैकिंग में प्रयोग की जाए पराली

जालंधर ट्रेडर्स एंड मैन्युफेक्चरर्स एसोसिएशन के सचिव बलराज गुप्ता कहते हैं कि सरकार ने प्लास्टिक को बंद करने का पूरा मन बना लिया है। इसके बाद हैवी मशीनरी व अन्य समान की पैकिंग के लिए संकट छाने वाला है। पराली को पैकिंग मैटीरियल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। पराली देश के दूसरे राज्यों में बंट जाएगी। सामान लाने व ले जाने के साथ पराली का भाव भी बढ़ेगा।

प्रबंधन को सरकार दे नई दिशा

जालंधर ट्रेडर्स एंड मैन्युफेक्चरर्स एसोसिएशन के कैशियर अनिल अरोड़ा का कहना है कि पराली को खेत में खपाना किसान के लिए मंहगा पड़ता है। सरकार मशीनरी पर 50 से 80 फीसदी तक सबसिडी दे रही है। इसके अलावा अगर सरकार पराली न जलाने वाले किसानों के लिए धान की बिक्री पर 50-100 रूपये बोनस जारी करने से किसान को नई दिशा मिल सकती है। यह बोनस उन्ही किसानों के लिए हो जो पराली न जलाने वाले हो।

शीट बनाने की तकनीक हो इजाद

हरजीत सिंह का कहना है कि पराली को इंडस्ट्री में इस्तेमाल करने के लिए इसे नया रूप देने की जरूरत है। पराली स्टोर करने पर अत्याधिक जगह घेरती है। वहीं इसे आग लगने का पूरा खतरा होता है। सरकार को साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग के माध्यम से इससे शीट बनाने की तकनीक तैयार करे। उद्यमी सरकार की तकनीक पर काम कर नई इंडस्ट्री शुरू करेंगे। इससे पराली जलानी नहीं पड़ेगी और रोजगार के द्वार भी खुलेंगे।

बायो फ्यूल बन सकती है पराली

संजीव ढींगरा कहते है कि पराली इंडस्ट्री में बायो फ्यूल के रूप मे इस्तेमाल किया जा सकता है। पराली में आयल की मात्रा कम होने की वजह से इसे किसी दूसरे ज्वलनशील पदार्थ के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है। इस तकनीक से किसानों से सस्ते भाव में पराली खरीदी जा सकती है। हालांकि इससे पहले किसानों को इसे सुखाने के लिए मेहनत करनी पड़ेगी।

एसएमएस तकनीक है सहायक

विकास मैनी का कहना है कि सरकार की ओर से कंबाइन व स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम (एसएमएस) एक साथ धान की कटाई के समय खेत में उतारने के आदेश दिए है। इसकी सख्ती से पालना होने पर पराली को आग की बलि चढ़ने से बचाया जा सकता है। एसएमएस से पराली के छोटे छोटे टुकड़े खेत में बिखर जाते है और आग लगाने लायक नहीं रहते है। जो बाद में अगली फसल की तैयारी करने के लिए फायदेमंद साबित होती है।

पराली से बन सकता है गत्ता

योगेश थापर कहते हैं कि पराली से गत्ता तैयार किया जा सकता है। राज्य सरकार पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर पहली इंडस्ट्री लगानी चाहिए। इसके बाद सरकार उद्यमियों के लिए इंडस्ट्री लगाने के लिए स्कीम शुरू करे। इसके साथ ही इंडस्ट्री भी पूर्ण सहयोग देने के लिए आगे आएगी। गत्ता इंडस्ट्री में पैकिंग मैटिरियल के रूप इस्तेमाल किया जा सकता है।

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