हाईवे किनारे डंप बना तो पीएपी आरओबी का निर्माण असंभव
अगर हाईवे के किनारे कूड़े का अवैध डंप अस्तित्व में आ जाता है तो फिर शहर के लिए अति जरूरी थ्री लेन पीएपी रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) का निर्माण असंभव होगा।
जागरण संवाददाता, जालंधर
अगर हाईवे के किनारे कूड़े का अवैध डंप अस्तित्व में आ जाता है तो फिर शहर के लिए अति जरूरी थ्री लेन पीएपी रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) का निर्माण असंभव होगा। बीबीएमबी परिसर के ठीक सामने बीते कुछ दिन से कूड़े का अवैध डंप बनाने की कोशिश की जा रही थी। नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआइ) की जमीन पर कूड़े का अवैध डंप बनाने के लिए बकायदा तौर पर कंक्रीट का बेस तैयार भी किया जाने लगा था। इसे फिलहाल एनएचएआइ की तरफ से रुकवा दिया गया है।
एनएचएआइ की तरफ से पीएपी आरओबी के निर्माण का टेंडर किया जा चुका है और कुछ ही दिन में निर्माण भी शुरू होने जा रहा है। डिजाइन के मुताबिक आरओबी की अप्रोच रोड रेलवे ट्रैक से 350 मीटर लंबी होगी, लेकिन जिस जगह पर डंप बनाने के लिए कंक्रीट का बेस तैयार किया जाने लगा था, वह निर्माण साइट से लगभग 100 मीटर ही है।
नवंबर 2019 में पीएपी सर्विस लेन को बंद कर दिए जाने के चलते शहर के भीतर से आ रहे ट्रैफिक को वाया रामामंडी घूमकर अमृतसर-जम्मू हाईवे पर आना पड़ रहा है। पीएपी थ्री लेन आरओबी निर्माण के बाद पीएपी चौक से ही सीधा हाईवे पर प्रवेश मिलना संभव हो जाएगा। इस वजह से पीएपी आरओबी का निर्माण महानगर के लिए अति महत्वपूर्ण है।
एनएचएआइ अधिकारियों का कहना है कि अगर कूड़े का अवैध डंप एनएचएआइ की मौजूदा जगह पर बनाया जाता है तो फिर पीएपी आरओबी का निर्माण संभव ही नहीं है। अधिकारियों के मुताबिक अप्रोच रोड के अलावा इसी जगह पर सर्विस लेन का भी निर्माण करवाया जाना है। इस कारण कूड़े के डंप के लिए जगह मिल पाना संभव ही नहीं है।