पुराणे यारां नाल गल्लां करदी ए.. लिख पेंट कारोबारी ने फंदा लगा दी जान, एक महीने पहले हुई थी शादी
27 वर्षीय हरकमलजीत की शादी 34 दिन पहले 20 जनवरी को दसूहा की रहने वाली नीरू भामरा के साथ हुई थी। पुलिस ने पत्नी नीरू के खिलाफ खुदकशी के लिए मजबूर करने का केस दर्ज किया है।
जागरण संवाददाता. जालंधर। 'एह अजे तक वी अपणे पुराणे यारा नाल गल्लां करदी ए। इक ता दिलबाग नाम दा मुंडा है जो कि कनेडा विच ए, हुणे-हुणे जेल विच गए गोपी बाजवा नाल वी इसदी गलबात ए, इह मैनूं कैंहंदी है कि मैं तुहानूं तबाह कर देणा ए, मैं बहुत ही तंग आके इह स्टैप चुकिया ए'। सुसाइड नोट में पत्नी के बारे में यह बातें लिख मकसूदा थाने के गांव गाजीपुर के पेंट कारोबारी हरकमलजीत सिंह ने बाथरूम में फंदा लगा जान दे दी। 27 वर्षीय हरकमलजीत की शादी 34 दिन पहले 20 जनवरी को दसूहा की रहने वाली नीरू भामरा के साथ हुई थी।
पुलिस ने थाना मकसूदां में आरोपित पत्नी नीरू के खिलाफ खुदकशी के लिए मजबूर करने का केस दर्ज कर लिया है। हालांकि अभी तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई है। हरकमलजीत सीआईडी में तैनात सुरजीत सिंह का भाजा है। पिता अमरजीत सिंह ने बताया कि शनिवार को रोज की तरह पत्नी सुखविंदर कौर के साथ सुबह 7.30 पर दूध लेने के लिए गए थे। वापस लौटकर वो बेटे हरकमलजीत को उठाने के लिए पहली मंजिल पर बने उसके कमरे में गए तो वहां कोई नहीं था। उस वक्त बाथरूम में अंदर से कुंडी लगी हुई थी। उन्हें लगा कि बेटा बाथरूम में होगा। उन्होंने आवाज लगाई लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। दरवाजा खटखटाने पर भी अंदर से कोई आवाज नहीं आई तो वह घबरा गए। सीढ़ी लगा रोशनदान से अंदर झाका तो देखा कि उनका बेटा हरकमलजीत फंदे से लटक रहा था। उन्होंने बाथरूम के दरवाजे को धक्का मारकर खोला। जहा उन्हें हरकमलजीत का लिखा सुसाइड नोट मिला। जिसमें हरकमलजीत ने अपनी पत्नी नीरू से परेशान होकर आत्महत्या करने की बात लिखी थी।
घटना की सूचना मिलने पर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भेज दिया। पुलिस चौकी मंड के इंचार्ज एएसआई बलवीर सिंह ने बताया कि नीरू भामरा पुत्री सुरिंदर सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
20 जनवरी को हुई थी दसूहा के व्यापारी की बेटी से शादी
पिता अमरजीत ने बताया कि हरकमलजीत सिंह की दसूहा में फर्नीचर कारोबारी सुरिंदर सिंह की बेटी नीरू भामरा के साथ 20 जनवरी को अरेंज मैरिज हुई थी। इसके बाद 12 फरवरी को वह अपनी पत्नी नीरू के साथ हनीमून के लिए मलेशिया गया था। 17 फरवरी को मलेशिया से लौटने के बाद दो ही दिन नीरू ससुराल रही और फिर मायके चली गई। खुदकुशी के वक्त भी नीरू अपने मायके दसूहा में थी।
कारोबारी ने यह लिखा सुसाइड नोट में
मैं हरकमलजीत सिंह आपणे पूरे होशोहवास नाल इह सुसाइड नोट लिख रिहा हा। वजाह- नीरू भमरा जोकि मैनूं बहुत ही जियादा तंग ते परेशान करदी ए, ते मैनूं धमकिया दिंदी है कि मेरे प्यो नूं अग्ग ला देणी आ, तैनूं ते तेरे खानदान नूं तबाह कर देवांगी। लड़ाई दी वजह इह है कि इसनूं घर दा इक वी कम्म नहीं आउंदा ते जे इसनूं केहंदे हा जा कोई कम्म दसदे हा ता एह नाल ही धमकिया दिंदी है कि मैं तुहाडी नौकर नीं लग्गी। दूसरी गल्ल एह अजे तक वी आपणे पुराणे यारा नाल गल्ल करदी ए। जिस विच इक ता दिलबाग नाम दा मुंडा है जोकि कनेडा विच है ते दूसरा जो कि हुणे-हुणे जेल विच गया है गोपी बाजवा, उस नाल वी इसदी गलबात रही है, एह मैंनू केहंदी ए कि मैं तुहानूं तबाह कर देणा ए, मैं बहुत ही तंग आके इह स्टैप चुकिया है। पिछले हफ्ते जदो असीं मलेशिया गए सी उदों वी इसने मैंनू बहुत दुखी कीत्ता, हर गल्ल ते मैंनू धमकी दिंदी ए कि मैं महिला मंडल च परचा दे के तुहाडा जलूस कडवा देणा, इस लई मैं मजबूर हा इह स्टैप चुक्कण लई, मम्मी ते पापा तुसीं आपणा खयाल रखियो ते सारे मिलजुल के सुखवीर, सन्नी पाजी ते सरताज नाल रहियो।
देर रात पौने दो बजे हुई थी पत्नी नीरू से फोन पर बात, 6 घटे बाद मिली लाश
जालंधर [फरीद शेखूपुरी]। कारोबारी हरकमलजीत सिंह की शनिवार देर रात लगभग पौने दो बजे पत्नी नीरू से फोन पर बात हुई थी। यह जानकारी उसके मोबाइल की कॉल डिटेल्स से पता चली है। हालाकि उनके बीच क्या बातचीत हुई? इस बारे में अभी पता नहीं चला लेकिन परिजनों का कहना है कि फोन पर जरूर नीरू ने हरकमल को केस की धमकी दी होगी, जिस वजह से उसने यह कदम उठा लिया। हरकमलजीत के मामा सुरजीत सिंह ने बताया कि शुक्रवार रात को डिनर करने के बाद काफी देर तक नीरू और हरकमलजीत के बीच फोन पर बातचीत हुई थी। इसी कारण हरकमलजीत ने आत्महत्या करने जैसा बड़ा फैसला ले लिया।
इकलौते बेटे को निगल गई बहू
हरकमलजीत के पिता अमरजीत ने बताया कि उनकी एक बेटी और एक बेटा है, लेकिन उनके इकलौते बेटे को वही बहू निगल गई, जिसे वो बेटे की जिंदगी में खुशिया भरने के लिए धूमधाम से लेकर आए थे। हरकमलजीत ने उन्हें कभी नहीं बताया कि पत्नी नीरू इस तरह की थी। हरकमल शायद खुद ही नीरू को समझाना चाहता था ताकि परिवार वालों को इसका दुख न हो। उन्होंने बताया कि एक दिन दोनों में झगड़ा हो रहा था, जिसे उनकी बेटी सुखवीर और मर्चेंट नेवी में कार्यरत दामाद सन्नी ने देख लिया। उन्होंने सोचा कि नई-नई शादी हुई है, कुछ दिन बाद सब ठीक हो जाएगा।
बहन बोली, ऐसा न सोचा था
हरकमल की बहन सुखवीर ने कहा कि वो बड़ी धूमधाम से नीरू को घर लेकर आए थे। भाई हर वक्त कोशिश करता था कि पत्नी को हर खुशी दे सके। मगर, आज उसी भाभी ने उनके परिवार की सारी खुशिया ही हमेशा के लिए छीन लीं। उन्होंने कहा कि भाई की शादी के कुछ दिन बाद ही उनके बीच शुरू हुए विवाद का उन्हें पता चला था। मगर, हमने सोचा कि नीरू अपने अतीत को भुलाकर आगे बढ़ते हुए जिम्मेदारिया समझेंगी, लेकिन ऐसा न हो सका।