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सेहत विभाग की अपील बेअसर, ठीक हो चुके लोग नहीं लौटा रहे आक्सीमीटर, जरूरतमंद लोगों को नहीं मिल रहा

कोरोना संक्रमित का आक्सीजन लेवल चेक करने में प्रयोग होने वाला आक्सीमीटर स्वस्थ हो चुके लोग नहीं लौटा रहे जिस कारण जरूरतमंद लोगों को यह उपकरण मार्केट में भी नहीं मिल रहा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 May 2021 05:46 AM (IST)Updated: Sat, 08 May 2021 05:46 AM (IST)
सेहत विभाग की अपील बेअसर, ठीक हो चुके लोग नहीं लौटा रहे आक्सीमीटर, जरूरतमंद लोगों को नहीं मिल रहा

जगदीश कुमार, जालंधर

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कोरोना संक्रमित का आक्सीजन लेवल चेक करने में प्रयोग होने वाला आक्सीमीटर स्वस्थ हो चुके लोग नहीं लौटा रहे, जिस कारण जरूरतमंद लोगों को यह उपकरण मार्केट में भी नहीं मिल रहा। सेहत विभाग ने कुछ दिन पहले अपील की थी कि फतेह किट में दिया जाने वाला आक्सीमीटर ठीक होने वाले लोग लौटा दें। इससे दूसरे जरूरतमंद मरीजों को दिया जा सकेगा लेकिन अभी तक एक भी व्यक्ति ने आक्सीमीटर नहीं लौटाया। डेढ़ साल में मरीजों की संख्या जालंधर में 48 हजार पहुंच चुकी है। इनमें बीस हजार से अधिक लोगों को होम आइसोलेट कर फतेह किट भी मुहैया करवाई गई थी। उसी फतेह किट में पल्स आक्सीमीटर रखा जाता था जिसकी शुरुआती कीमत महज 500 रुपये प्रति पीस थी। पर अब मार्केट में इसकी शार्टेज होने से प्रति पीस 2500 से 3000 रुपये में बिक रहा है। रिटेल दुकानदार व आनलाइन शापिग में मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं। डा. बलराज गुप्ता ने बताया कि घर में आइसोलेट रहने वाले मरीजों को विभाग ने आक्सीजन की मात्रा जांचने की हिदायतें दी है। आक्सीजन की मात्रा कम होने पर मरीजों को अस्पताल में शिफ्ट किया जा रहा है। सिविल सर्जन डा. बलवंत सिंह ने अपील की कि जागरूक लोग आगे आएं ताकि जरूरतमंद लोगों को इसे दिया जा सके। चीन से नहीं आ रहे आक्सीमीटर, स्वदेशी कंपनियों के रेट ज्यादा

होलसेल केमिस्ट आर्गेनाइजेशन के प्रधान रीशु वर्मा ने बतायाकि लाखों की तादाद में पल्स आक्सीमीटर की बिक्री हुई है। चीन से आने वाला यह उपकरण 900 से 1250 रुपये में होलसेल में बिकता था। अब इसका स्टाक मार्केट में नहीं आ रहा। स्वदेशी कंपनियों ने आक्सीमीटर मार्केट में उतारे जिनके दाम ज्यादा है। उसी कारण महंगा बेचा जा रहा है। वीएम एजेंसी के ललित मेहता का कहना है कि ज्यादातर आक्सीमीटर चीन से आते है। चीन से सप्लाई न आने से आक्सीमीटर की किल्लत आने लगी है। डीलर नकद पैसा देने के लिए तैयार है परंतु स्टाक नहीं है।

----- ऐसे काम करता है आक्सीमीटर

जिला महामारी अफसर डा. गुंझन ने बताया कि यह छोटा सा उपकरण एक क्लिप की तरह होता है। इसे उंगली में क्लिप की तरह फंसाया जाता है जिससे सेंसर ये पता लगा पाते हैं कि खून में आक्सीजन की मात्रा कितनी है। इसकी रीडिग डिजिटल स्क्रीन पर दिखती है। स्क्रीन पर 95 से 100 के आसपास डिजिट दिखे तो ये सामान्य है। अगर रीडिग 92 या उससे कम हो तब आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यह डिवाइस दिल की धड़कन को भी दिखाता है। लोगों में सामान्य हर्ट रेट लगभग 60 से 100 बीट प्रति मिनट तक होती है।


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