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कांग्रेस व शिअद कृषि विधेयक के विरोध में, भाजपा खामोश

किसानों के रूप में बड़ा वोट बैंक बनाए रखने के लिए राज्य में सत्तासीन कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल ने तो विधेयक का विरोध भी शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 07:44 AM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 07:44 AM (IST)
कांग्रेस व शिअद कृषि विधेयक के विरोध में, भाजपा खामोश
कांग्रेस व शिअद कृषि विधेयक के विरोध में, भाजपा खामोश

जासं, जालंधर : कृषि विधेयक को लेकर पंजाब की राजनीति गर्मा गई है। किसानों के रूप में बड़ा वोट बैंक बनाए रखने के लिए राज्य में सत्तासीन कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल ने तो विधेयक का विरोध भी शुरू कर दिया है। हालांकि भाजपा अपनी ही पार्टी के फैसले को लेकर खामोश है। पंजाब में अकेले दम पर विधानसभा चुनाव लड़ने की रणनीति बना रही भाजपा के लिए ये विधेयक बड़ी बाधा बन सकता है। कारण, किसानों के विरोध के साथ अकेले चुनाव लड़ना आसान नहीं होगा। अकाली दल ने भी किसानों के हक में आवाज उठानी शुरू कर दी है और भाजपा सरकार पर कांग्रेस भी हावी होने की कोशिश में है।

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कांग्रेसी सोमवार को देंगे धरने

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ के निर्देशों पर 21 सितंबर सोमवार को कांग्रेसी ब्लॉक स्तर पर धरने देंगे। जाखड़ ने स्पष्ट कहा है कि सभी धरनों में मंत्री, विधायक, सांसद शामिल हों और इन विधेयकों का विरोध करें। धरने का समय सुबह 10 बजे से 11 बजे तक का रखा गया है। धरने के बाद नेताओं को अपनी फोटो वॉट्सएप ग्रुप के जरिए पंजाब कांग्रेस कमेटी को भेजनी होगी और सोशल मीडिया पर भी अपलोड करनी होगी।

यूथ कांग्रेस की दिल्ली में ट्रैक्टर रैली कल

कृषि विधेयक के विरोध में यूथ कांग्रेस के प्रधान बरिदर ढिल्लों के नेतृत्व में 20 सितंबर को किसानों के पक्ष में दिल्ली में विशाल ट्रैक्टर रैली होगी। पंजाब से 500 ट्रैक्टरों का काफिला दिल्ली पहुंचेगा। जालंधर के प्रधान अंगद दत्ता ने कहा कि किसानों के साथ किसी तरह की धक्केशाही स्वीकार नहीं की जाएगी। मोदी सरकार के कृषि विधेयकों के मौजूदा स्वरूप से पंजाब के किसान और कृषि को बर्बाद होंगे।

अकाली दल किसानों के हित में लड़ेगा : मन्नण

शिरोमणि अकाली दल के जिला प्रधान जत्थेदार कुलवंत सिंह मन्नण और महिला अकाली दल की प्रधान परमिदर कौर पन्नू ने कहा कि किसानों के मामले में किसी भी तरह का समझौता नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने को तैयार हैं, क्योंकि पंजाब का आधार ही किसान हैं। अकाली नेताओं ने कहा कि इस मामले में पीछे हटने का मतलब ही नहीं बनता। अकाली दल की यह विरासत है कि सच के लिए हमेशा डटते हैं और अब किसानों के हित में हर लड़ाई लड़ेंगे।

पंजाब को बर्बाद करेंगे कृषि विधेयक : लक्की

पंजाब मीडियम इंडस्ट्री बोर्ड के डायरेक्टर मलविदर सिंह लक्की ने कहा है कि केंद्र सरकार के कृषि विधेयक पंजाब के किसानों और कृषि को बर्बाद कर देंगे। लक्की ने कहा कि इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों को एक हो जाना चाहिए और केंद्र सरकार का डटकर विरोध करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब के भाजपा नेता इस मुद्दे पर अब खामोश हैं और इससे साफ है कि उन्हें पंजाब से ज्यादा राजनीति से प्यार है। लक्की ने कहा कि विधेयक के खिलाफ हर मोर्चे पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह के साथ हैं।

भाजपा से नाता तोड़े अकाली दल : बिट्टा

पंजाब कांग्रेस के सीनियर नेता सतनाम बिट्टा ने कहा कि केंद्रीय कैबिनेट से हरसिमरत कौर बादल का इस्तीफा मात्र लोगों को गुमराह करने वाला है। उन्होंने कहा कि अगर अकाली दल सच में किसान हितैषी है तो तुरंत भाजपा से गठजोड़ तोड़े। साल 1984 में जब ऑपरेशन ब्लूस्टार हुआ था तो कैप्टन अमरिदर सिंह ने लोकसभा सदस्यता से तुरंत इस्तीफा दे दिया था, जबकि सुखबीर बादल और हरसिमरत कौर बादल अभी भी सांसद बने हुए हैं। उन्हें संसद सदस्यता तुरंत छोड़नी चाहिए।


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