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निक्कू पार्क में आने वाले लोगों की संख्या घटी

अब निक्कू पार्क में आने वाले लोगों की संख्या में कमी आ गई है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Dec 2020 09:03 PM (IST)Updated: Sat, 19 Dec 2020 09:03 PM (IST)
निक्कू पार्क में आने वाले लोगों की संख्या घटी

जागरण संवाददाता, जालंधर

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अब निक्कू पार्क में आने वाले लोगों की संख्या में कमी आ गई है। आलम यह है कि पार्क में आने वाले लोगों की संख्या आधे से भी कम हो गई है। इसका असर पार्क के बाहर रेहड़ियां लगाने वालों के कारोबार पर भी पड़ा है। इसके परिणामस्वरूप कई रेहड़ी संचालकों ने तो जगह ही बदल ली है। रेहड़ी वालों का कहना है कि पहले के मुकाबले अब उनका कारोबार आधा रह गया है। लोगों का कहना है कि अगर पार्क की व्यवस्था में जल्द सुधार न किया गया तो लोग यहां आने से परहेज करने लगेंगे। हालात ऐसे हो गए हैं कि पार्क में कई झूले टूट गए हैं। इसके साथ ही यहां जगह-जगह गंदगी फैली हुई है। पार्क में कर्मचारियों की संख्या में कटौती करने के बाद इसकी मेंटीनेंस नहीं हो पा रही है। आधा रह गया कारोबार, कैसे होगा गुजारा

निक्कू पार्क के बाहर पिछले लंबे समय से नान की रेहड़ी लगाने वाली मीनू रानी बताती है कि इन दिनों आधा कारोबार रह गया है। उनका कारोबार निक्कू पार्क में आने वाले लोगों पर टिका था, लेकिन, लोगों की संख्या कम होने से कारोबार भी प्रभावित हुआ है। यहां पर काम करना घाटे वाला सौदा साबित हो रहा है। घर का खर्च चलाना हुआ मुश्किल

निक्कू पार्क के बाहर रेहड़ी लगाने वाले अमरपाल बताते हैं कि यहां आने वाले लोग उनके यहां से कुलचे खाते थे, लेकिन इन दिनों में ग्राहकों की संख्या में भारी गिरावट के चलते कारोबार प्रभावित हुआ है। इससे घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। शुरू की पार्किंग की वसूली

पार्क को टेकओवर करने के बाद प्रशासन द्वारा पार्किग की भी वसूली शुरू कर दी गई है। इससे पहले जब निजी सोसायटी द्वारा इसकी देखभाल की जाती थी, उस समय निक्कू पार्क में वाहनों की पार्किग पर किसी तरह की वसूली नहीं की जाती थी। अब निक्कू पार्क के अंदर व बाहर दोनों जगहों से पार्किग के नाम पर वसूली करनी शुरू कर दी गई है। खास बात यह है कि जितना खर्च निक्कू पार्क के प्रवेश पर टिकट का खर्च होता है, उतना ही पार्किग के नाम पर वसूली भी की जाने लगी है। इससे कभी सस्ते मनोरंजन का साधन रहे निक्कू पार्क में जाना महंगा सौदा बनने लगा है। निक्कू पार्क से भावनात्मक रूप से जुड़े

अंकुश चुघ, महक चुघ व कमल चुघ ने कहा कि निक्कू पार्क के साथ भावनात्मक रूप से जुड़े थे। यहां पर व्यापक स्तर पर देखभाल की जरूरत है, ताकि यहां लोग आते रहे। नियमित देखभाल जरूरी है

अंजूम, रूबी व सनम बताते हैं कि किसी भी संस्थान की नियमित देखभाल से ही उसकी खूबसूरती को कायम रखा जा सकता है। निक्कू पार्क की खूबसूरती सभी को भाती है। ऐसे में इसकी देखभाल सुनिश्चित किए जाने की जरूरत है। सोसायटी के प्रयास बेहतर रहे

आयुष शर्मा व शिखा बताते हैं कि निक्कू पार्क की बेहतर देखभाल में सोसायटी के प्रयास बेहतर रहे। इस दौरान बिना किसी अतिरिक्त खर्च के यहां पर सैर करते थे, जिसे बनाए रखने की जरूरत है। अस्तित्व बनाए रखने के लिए करें प्रयास

नैना ओबराय, सुकृति व सामर्थ बताते हैं कि निक्कू पार्क में परिवार सहित मनोरंजन के लिए जाते रहे हैं। शहर की पाश कालोनी में स्थित इस पार्क का अस्तित्व बनाए रखने के लिए नियमित प्रयास किए जाने की जरूरत है। इसे गंभीरता के साथ लिया जाना चाहिए।


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