कोरोना टेस्ट के बाद ही अपराधियों को भेजा जाएगा जेल, लुधियाना में बना सेंटर
लुधियाना में जालंधर के साथ-साथ अमृतसर फगवाड़ा और फिरोजपुर के अपराधियों का कोरोना टेस्ट कराया जाएगा। उसके बाद 14 दिन तक क्वारंटाइन किया जाएगा।
जालंधर [सुक्रांत]। कोरोना वायरस के फैलने के बाद लगे कर्फ्यू के दौरान पंजाब की करीब हर जेल में ही कैदियों और हवालातियों लाना बंद कर दिया गया था। छोटे-मोटे मामलों में पकड़े गए अपराधियों को मौके पर ही जमानत देनी शुरू कर दी गई थी। वहीं बड़े मामले कर्फ्यू के दौरान वैसे ही कम हो गए थे, जो हुए भी थे उनमें पकड़े गए लोगों को जेल में भेजने की बजाय हवालात को ही जेल बनाकर क्वारंटाइन किया जा रहा था। अब दो महीने बाद जेल प्रशासन ने भी इस लड़ाई को लड़ने की तैयारी कर ली है। अब कैदियों और हवालातियों को जेल में बंद किया जाएगा लेकिन पहले उनका कोरोना टेस्ट होगा। इसके लिए लुधियाना की जेल में कोरोना टेस्ट सेंटर बनाया गया है।
यहां पर जालंधर के साथ-साथ अमृतसर, फगवाड़ा और फिरोजपुर के अपराधियों का कोरोना टेस्ट कराया जाएगा। उसके बाद 14 दिन तक क्वारंटाइन किया जाएगा। जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आएगी, उसे संबंधित जेल में भेजा जाएगा। जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आएगी उसे अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि पहले से ही जेल में बंद कैदियों और हवालातियों को इस बीमारी से बचाया जा सके।
वहीं, जेल प्रबंधकों को भी इस बीमारी से दूर रखने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं। जितने दिन तक पकड़े गए अपराधियों का पुलिस रिमांड होगा उनको हवालात में रखकर पूछताछ की जाएगी लेकिन शारीरिक दूरी बनाकर और रिमांड खत्म होने के बाद पहले उनको लुधियाना में टेस्ट के लिए भेजा जाएगा। जिसके बाद टेस्ट रिपोर्ट आने तक वहीं पर रखा जाएगा और रिपोर्ट आने के बाद ही अगली कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस कर्मियों की जेब होगी हल्की
पंजाब पुलिस के इस फैसले से जेलें तो कैदियों और हवालातियों से भर जाएंगी लेकिन कई पुलिसकर्मियों की जेबें हल्की हो जाएंगी। दरअसल, पकड़े गए कैदियों को जेल तक पहुंचाने जाने वाले पुलिसकर्मी को कई बार अपनी जेब से पैसे खर्च करने पड़ते हैं। कपूरथला जेल तक ले जाने में जहां करीब दो सौ से तीन सौ खर्च होते हैं वहीं अब लुधियाना में जाने के 500 से 1000 रुपए तक खर्च होंगे। यूं तो सरकार पैसे देती है लेकिन कई बार सरकारी पैसों के इंतजार में खुद की जेब से पैसे खर्च करने पड़ते हैं।
नफरी की कमी की आएगी आड़े
पुलिस विभाग के इस फैसले के बाद अब नफरी की कमी भी थानों के आड़े आएगी। ज्यादातर पुलिस मुलाजिम इस समय कोरोना वायरस से लड़ने के लिए शहर की सड़कों और नाकों पर तैनात हैं। वहीं बीते दो महीने में कर्फ्यू की वजह से हर थाने में पेंडिंग काम पड़े हैं। उन्हें पूरा करने के लिए थाने में पुलिसकर्मियों को रहना पड़ रहा है। अब ऐसे में यदि कैदियों और हवालातियों को लुधियाना ले जाने का काम शुरू हुआ तो पीएपी के पुलिस मुलाजिमों को भी थानों में ड्यूटी पर जाना पड़ सकता है।
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