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सेवा केंद्र में लर्निंग डीएल टेस्ट पर तीसरी आंख की नजर, नकल रोकने को वीडियोग्राफी भी की जाएगी

लर्निंग लाइसेंस की सुविधा अभी जिला प्रशासकीय कांप्लेक्स स्थित सेवा केंद्र में दी गई है। जिले के अन्य 27 सेवा केंद्रों में यह सुविधा अगले सप्ताह से शुरू होगी।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Thu, 16 Jan 2020 03:57 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jan 2020 03:57 PM (IST)
सेवा केंद्र में लर्निंग डीएल टेस्ट पर तीसरी आंख की नजर, नकल रोकने को वीडियोग्राफी भी की जाएगी
सेवा केंद्र में लर्निंग डीएल टेस्ट पर तीसरी आंख की नजर, नकल रोकने को वीडियोग्राफी भी की जाएगी

जालंधर [मनीष शर्मा]। सेवा केंद्र में लर्निंग लाइसेंस का टेस्ट देने वालों पर तीसरी आंख की नजर रहेगी। टेस्ट में नकल न हो, इसके लिए वीडियोग्राफी की जाएगी। इसका रिकॉर्ड गवर्नेंस रिफार्म्स को दिया जाएगा। रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी में भले ऐसी सुविधा न हो, लेकिन सेवा केंद्र में एजेंटों पर नकेल कसने के लिए यह कदम उठाया गया है।

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लर्निंग लाइसेंस की सुविधा अभी जिला प्रशासकीय कांप्लेक्स स्थित सेवा केंद्र में दी गई है। यहां लर्निंग लाइसेंस के लिए दो काउंटर लगाए गए हैं। रोजाना बीस आवेदक यहां लर्निंग लाइसेंस बनवाने के लिए आ रहे हैं। सेवा केंद्र गवर्नेंस रिफॉर्म्स डायरेक्टोरेट के अधीन चल रहा है। डायरेक्टर ने आदेश दिया है कि लर्निंग लाइसेंस में धांधली न हो, इसके लिए कैमरे के जरिये पूरी प्रक्रिया और खासकर लर्निंग लाइसेंस के टेस्ट पर नजर रखी जाए। यही वजह है कि सेवा केंद्र में आने वाले आवेदकों में चालीस फीसद आवेदक फेल हो रहे हैं।

जिला प्रशासकीय कांप्लेक्स स्थित सेवा केंद्र में लर्निंग लाइसेंस टेस्ट की वीडियो रिकॉर्डिंग का सफल ट्रायल करते इंचार्ज हरप्रीत सिंह पगड़ी पहने हुए।

 

छह मिनट में 12 सवाल

लर्निंग डीएल के लिए कंप्यूटर पर टेस्ट लिया जाता है। इसमें ट्रैफिक चिन्ह पहचानने होते हैं। इसमें हर सवाल के चार विकल्प होते हैं और उसमें से एक विकल्प पर टिक करना होता है। ऐसे 12 सवाल होते हैं, जिन्हें छह मिनट में पूरा करना होता है। यानी हर सवाल हल करने के लिए 30 सेकेंड का समय मिलता है। इसमें छह सवाल हल करने वाला पास माना जाता है। उसका लर्निंग लाइसेंस बनाया जाता है।

आरटीए ट्रैक पर कैमरा सिर्फ देख रहे

कहने को तो आरटीए के बस स्टैंड के नजदीक स्थित ड्राइविंग ट्रैक पर भी लर्निंग लाइसेंस टेस्ट की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है। इसकी लाइन ट्रैक इंचार्ज क्लर्क के दफ्तर की स्क्रीन और आरटीए के मोबाइल में दी गई है। क्लर्क अक्सर बाहर बैठकर काम करता है जबकि स्क्रीन अंदर चलती है। इस वजह से कोई नहीं देखता कि टेस्ट आवेदक दे रहा है या कोई एजेंट। इसका कोई रिकॉर्ड भी नहीं होता जिससे बाद में जांच की सके।

अगले हफ्ते से बाकी सेवा केंद्रों में भी सुविधा

अगले हफ्ते से जिले के बाकी जगहों पर स्थित 27 सेवा केंद्रों में भी लर्निंग लाइसेंस बनाने का काम शुरू हो जाएगा। इसके लिए कंप्यूटर, वेबकैम आदि सेवा केंद्रों में पहुंचाए जा चुके हैं। वहां के कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है। अब उनकी लॉगइन आइडी बननी बाकी रह गई है, जिसके बाद वहां भी लर्निंग लाइसेंस बनाने का काम शुरू हो जाएगा।

एजेंट कर चुके लस्सी-पानी की पेशकश

सेवा केंद्र के एक अधिकारी ने बताया कि जैसे ही उनके यहां लर्निंग लाइसेंस बनने शुरू हुए तो एक एजेंट उनके पास आया। उसने पेशकश की कि उसके लाए आवेदकों को पास करते रहे, उन्हें लस्सी-पानी मिलता रहेगा। उन्होंने एजेंट को दौड़ा दिया। आरटीए से लर्निंग लाइसेंस सेवा केंद्रों को देने के पीछे उद्देश्य लोगों की सुविधा से ज्यादा एजेंटों का वर्चस्व तोडऩा है।

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